मेरे प्रश्न 2ऋषभदेव।पर

तीसरा आरा

1⃣ भ.ऋषभदेव के परिवार में कितने सिद्ध हुए
 1⃣108 जीव
2⃣भ.ऋषभदेव के समय समाज की क्या व्यवस्था थी
 2⃣ 4- साम, दाम, दंड,भेद
3⃣ भ.ऋषभदेव के पुत्र भरत ने किस वर्ग की स्थापना की
 3⃣ ब्राम्हण वर्ग की
 4⃣ भ.ऋषभदेव का पूर्वभव का नाम सार्थवाह यानी क्या
 4⃣ एक देश से दूसरे देश में व्यापार करना
5⃣ भ.ऋषभदेव ने गणित का ज्ञान किसे दिया
 5⃣ ब्राम्ही को
 6⃣ भ.ऋषभदेव ने प्राणी लक्षण का ज्ञान किसे दिया
 6⃣ सुन्दरी को
7⃣ भ.ऋषभदेव का चारित्र्य किसने और कहाँ सुनाया था
 7⃣ भ. महावीर ने,
मिथिला में
 8⃣ भ.ऋषभदेव के परिवार में त्रिदंडी मत किसने चलाया था
 8⃣ पोते मरीचि ने
 9⃣ भ.ऋषभदेव की माता मरुदेवी ने कितनी पीढियां देखी थी
 9⃣ 65 हजार
 🔟 भ.ऋषभदेव के गणधर कितने थे
🔟 84 गणधर

 1⃣1⃣  भ.ऋषभदेव का छद्मस्थ काल कितना था
 1⃣1⃣ 1 हजार वर्ष
 1⃣2⃣ भ.ऋषभदेव ने तीर्थंकर नामकर्म किस भव में बांधा था
 1⃣2⃣11 वे भव में, वज्रनाम
 1⃣3⃣भ.ऋषभदेव किस उद्यान में दीक्षा ली
 1⃣3⃣उद्यान- सिद्धार्थ
1⃣4⃣ भ.ऋषभदेव ने किस वृक्ष के नीचे दीक्षा ली थी
 1⃣4⃣अशोक वृक्ष
 1⃣5⃣ भ.ऋषभदेव ने किस नगरी में दीक्षा ली थी
 1⃣5⃣नगरी- वनिता में
 1⃣6⃣ भ.ऋषभदेव का राज्यकाल कितना था
 1⃣6⃣ 63 लाख पूर्व का था
 1⃣7⃣ भ.ऋषभदेव की कुमार अवस्था कितनी थी
 1⃣7⃣ 20 लाख पूर्व की थी
 1⃣8⃣ भ.ऋषभदेव ने सबको क्या सिखाया था
 1⃣8⃣ असि, मसि,कृषि सिखाया
 1⃣9⃣ भ.ऋषभदेव क्या खत्म किया था
 1⃣9⃣ युगलिक धर्म खत्म किया था
 2⃣0⃣ भ.ऋषभदेव का संहनन क्या था
 2⃣0⃣ वज्रऋषभनारा
 2⃣1⃣ भ.ऋषभदेव का संस्थान क्या था
 2⃣1⃣ समचौरस
 2⃣2⃣ भ.ऋषभदेव का वर्ण कैसा था
 2⃣2⃣ वर्ण- हेम
 2⃣3⃣ भ. का ऋषभदेव  नाम कैसे पड़ा था
 2⃣3⃣ प्रथम स्वप्न ऋषभ,
छाती पर ऋषभ था
 2⃣4⃣  भ.ऋषभदेव के केवलज्ञान के समय कैसा तप था
 2⃣4⃣ तेले का तप
 2⃣5⃣ भ.ऋषभदेव के निर्वाण समय क्या तप था
 2⃣5⃣ 6 दिन का संथारा
 2⃣6⃣ भ.ऋषभदेव के प्रथम श्रावक- श्राविका कौन थे 2⃣6⃣ श्रावक- भरत
श्राविका- सुन्दरी
 2⃣7⃣ भ.ऋषभदेव की स्तुति किस स्तोत्र में है
 2⃣7⃣ भक्तामर स्तोत्र
 2⃣8⃣ भ.ऋषभदेव के पिता की गति क्या थी
 2⃣8⃣  भवनपति नागकुमार
 2⃣9⃣ भ.ऋषभदेव के प्रथम साधू- साध्वी कौन थे
2⃣9⃣ साधु-  ऋषभ सेन
साध्वी- ब्राम्ही
 3⃣0⃣ भ.ऋषभदेव का शासनकाल कितना चला था
 3⃣0⃣ 50 लाख क्रोड सागरोपम तक


*
261 भगवान ऋषभदेव के कितने अवधिज्ञानी थे ? 
उत्तर- *9 हजार*

262 भगवान ऋषभदेव के कितने केवली जिन थे ? 
उत्तर- *20हजार*

263 भगवान ऋषभदेव के कितने वैक्रिय लब्धिधारी थे ? 
उत्तर- *20,600*

264 भगवान ऋषभदेव के कितने मनःपर्यवज्ञानी थे ? 
उत्तर- *12,650*

265 भगवान ऋषभदेव के कितने शिष्य वादी थे ? 
उत्तर-*12,650*
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~


*

266 भगवान ऋषभदेव के कितने अनुत्तरौपपातिक थे ? 
उत्तर- 22,900 मुनि अनुत्तरौपपातिक थे।

267 भगवान ऋषभदेव के कितने एकभवतरी थे ? 
उत्तर- 22,900 मुनि एकभवतारी

268 भगवान ऋषभदेव के शासन में कितने मुनि मोक्ष पधारे ? 
 उत्तर-20,000 मुनि मोक्ष पधारे।

269 भगवान ऋषभदेव की  कितनी श्रमणियो ने सिद्धत्व पाया ?
उत्तर-40,000 श्रमणियां मोक्ष पधारी।

270 भगवान ऋषभदेव के कौनसा संहनन था ? 
उत्तर-वज्र ऋषभ नाराच 
~


६१. भगवान ऋषभदेव ने ब्राम्ही को किसका ज्ञान सिखाया?

६१.उत्तर:- १८ प्रकार की लिपिकला का ज्ञान।

६२. भगवान ऋषभदेव ने सुंदरी को कौनसा ज्ञान सिखाया?

६२.उत्तर:- गणित कला का ज्ञान।

६३. भगवान ऋषभदेव के लिए नगरी किसने बनाई ?

६३.उत्तर:- धनपति कुबेर
ने (वैश्रमण देव ने ) ।

६४. इस अवसर्पिणी काल में सर्वप्रथम किस नगरी का निर्माण हुआ?

६४.उत्तर:- विनीता नगरी(आयोध्या नगरी)का।

६५. कुबेर ने किसके आदेश से नगरी का निर्माण किया?

६५. पहले देवलोक इंद्र शकेंद्रा की आज्ञासे।

६६. कुबेर ने विनिता नगरी का निर्माण किससे किया?

६६. उत्तर :- सोने से।

६७. विनिता नगरी कितनी लम्बी चौडी थी?

६७. उत्तर:- १२योजन लम्बी एवं ९ योजन चौड़ी थी।

६८. विनिता नगरी का परकोटा किसका बना हुआ था?

६८.उत्तर:- सोने का बना हुआ था।

६९. विनीता नगरी के स्मरणमय परकोटे के ऊपर कंगूरे किसके बने हुए थे?

६९. विनीता नगरी के स्मरणमय परकोटे के ऊपर कंगूरे किसके बने हुए थे?

७०. पाँच प्रकार के मणिरत्नों के कंगूरे थे।

७१. विनीता नगरी कैसी लगती थी?

७१. उत्तर:- अल्कापूरी सदृश्य (देवताओं की नगरी जैसी) मानो वह स्वर्ग का ही रूप हो,ऐसी मनभावन लगती थी,दर्शनीय,अभिरूप और प्रतिरूप,प्रासादीय मन को प्रस्सन करने वाली थी।

७२. विनीता नगरी की जनता कैसी थी?

७२. उत्तर:- वहाँ की जनता वैभव,सुरक्षा,समृद्धि से युक्त्त, आमोद प्रमोद के प्रचुर साधन होने से बड़ी प्रमुदित रहती थी.पारस्परिक प्रेम-सौहाद्र का वातावरण था।

७३. इस अवसर्पिणी काल में भरत क्षेत्र में सबसे पहले शादी किसकी रचाई गई?

७३. उत्तर:- भगवान ऋषभदेव की।

७४. भगवान ऋषभदेव के विवाह में पुरोहित का कार्य किसने किया ?

७४.उत्तर:- शक्रेंन्द्र ने।

७५. शक्रेंन्द्र ने भगवान ऋषभदेव का कितनी रानियों के साथ विवाह करवाया?

७५ उत्तर:- दो १.सुमंगला २.सुनन्दा।

७६. सुमंगला जी के कितनी संताने थी?

७६.उत्तर:- १००अर्थात् भरत आदि ९९पुत्र एवं एक पुत्री ब्राह्मी जी।

७७. सुनन्दा जी को कितनी संताने थी?

७७. उत्तर:- दो संताने। एक पुत्र बाहुबली जी एवं एक पुत्री सुन्दरी जी।

७८. भगवान ऋषभदेव के सभी पुत्र पुत्री क्या थे ?

७८. उत्तर:- चरम शरीरी।

७९. भरत जी के गर्भ में आने पर सुमंगला जी ने कितने महास्वप्न देखे?

७९. उत्तर:- १४ महास्वप्न

८०. भगवान ऋषभदेव व् सुमंगला का प्रथम रिश्ता क्या था?

८०. उत्तर :- भाई-बहिन का

८१. भगवान ऋषभदेव व् सुमंगला का उस युग के अनुसार दूसरा रिश्ता क्या था?

८१. उत्तर:- पति-पत्नी ।

८२. भगवान ऋषभदेव के गर्भ में अवतरण होने पर माता मरुदेवी ने कितने महा स्वप्न देखे?

८२. उत्तर:- १४ महास्वप्न

८३. भगवान ऋषभदेव के जन्म समय माता मरुदेवी की उम्र कितनी थी?

८३. उत्तर:- १७ लाख पूर्व की थी।

८४. १४ महास्वप्न किन-किन माताओं को आते है?

८४. उत्तर:- तीर्थंकर व् चक्रवर्ती की माताओं को।

८५. भगवान ऋषभदेव जी के पास लोकान्तिक देव कब आए?

८५. उत्तर:- जब भगवान ऋषभदेव  ८३ लाख पूर्व में एक वर्ष कम के थे तब आए।

८६. भगवान ऋषभदेव जी को लोकान्तिक देवों ने क्या कहा?

८६.उत्तर:- हे प्रभु!आप तीर्थ प्रवर्तन करो

८७. लोकान्तिक देवों के जाने के बाद भगवान ऋषभदेव ने क्या किया?

८७.उत्तर:- एक वर्ष तक दान दिया।

८८. भगवान ऋषभदेव का अभिनीष्क्रमण किस ऋतु में हुआ?

८८.उत्तर:- ग्रीष्म ऋतु में।

८९. भगवान ऋषभ ने गृह त्याग
 किस माह की किस तिथि को किया?

८९.चैत्र कुष्णा अष्टमी को।


९०. भगवान ऋषभ ने गृह त्याग किस प्रहर में किया?

९०.उत्तर:- मध्यानोत्तर काल में।

९१. भगवान ऋषभदेव की अभिनिष्क्रमण यात्रा में कितने प्रकार के देव आये?

९१. उत्तर:- ६४ इन्द्र एवं चारो जाती के असंख्य देवी देवता।

९२. भगवान ऋषभदेव जी संयम ग्रहण करने किस वन में आये?

९२.उत्तर:- सिद्धार्थ वन मे।

९३. भगवान ऋषभदेव जी किस शिविका में बैठकर सिद्धार्थ वन में पधारे?

९३.उत्तर:- सुदर्शना नामक शिविका।

९४. भगवान ऋषभदेव ने किस वृक्ष के निचे केश लोचन किया?

९४.उत्तर:- अशोक वृक्ष के निचे।

९५. भगवान ऋषभदेव ने कितने मुष्ठी लोच किया?

९५. उत्तर:- चार मुष्ठी लोच किया।

९६. भगवान ऋषभदेव के दीक्षा के समय कितना तप था?

१६.उत्तर:- छट्टम तप- बेले की तपस्या (दो उपवास)।

९७. भगवान ऋषभदेव के दीक्षा ग्रहण करते समय कौनसा नक्षत्र था?

९७. उत्तर:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र था ।

९८. भगवान ऋषभदेव के लोच के समय केश राशि को किसने ग्रहण करी?

९८.उत्तर:- देवेन्द्र शक्र ने।

९९. भगवान ऋषभदेव को दीक्षा से पहले शक्रेंद्र ने क्या दिया?

९९.उत्तर:- एक देव दूष्य-दिव्य वस्त्र दिया।

१००. भगवान ऋषभदेव को दीक्षा लेने के बाद प्रथम पारणा कितने दिन से हुआ?

१००.उत्तर:- लगभग एक वर्ष से ज्यादा।

१०१. भगवान ऋषभदेव को कौनसे नगर में केवलज्ञान हुआ?

१०१. उत्तर:-पुरिमतल नगर में।

१०२. भगवान ऋषभदेव केवलज्ञान प्राप्ति के समय पुरिमतल नगर के किस उधान में विराज रहे थे?

१०२.उत्तर:-शकट मुख उद्यान में।

१०३. भगवान ऋषभदेव को किस वृक्ष के नीचे केवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ?

१०३.उत्तर:- बरगद के वृक्ष के निचे(वटवृक्ष)।

१०४. भगवान ऋषभदेव  के केवलज्ञान प्राप्ति के समय कितनी तपस्या थी?

१०४. उत्तर:- निर्जल तेले की तपस्या थी।

१०५. भगवान ऋषभदेव के दर्शन करते ही केवली कौन बने?

१०५.उत्तर:- माता मरुदेवी।


१०६. भगवान ऋषभदेव के शाशन में प्रथम कौनसे सिद्ध बने?

१०६.उत्तर:- अतीर्थ सिद्धा ।

१०७. भगवान ऋषभदेव के शाशन में अतीर्थ सिद्धा कौन कहलाये?

१०७. उत्तर:- माता मरुदेवी (तीर्थ स्थापना से पूर्व ही मोक्ष गमन हो जाने से)।

१०८. भगवान ऋषभदेव की दो प्रकार की भूमि कौनसी थी?

१०८.उत्तर:- १. युगान्तर भूमि,
२. पर्यायान्तकर भूमि।

१०९. भगवान ऋषभदेव की युगान्तर भूमि क्या थी?


१०९.उत्तर:- युगान्तर भूमि -शिष्य क्रमानुबद्ध यावत असंख्यात पुरुष परंपरा परिमित थी।

११०. भगवान ऋषभदेव की पर्यायान्तकर भूमि कितनी थी?


११०.उत्तर:- अन्तमुहुर्त प्रमाण थी(क्योकी भगवान के केवलज्ञान प्राप्त होने के अन्तर्मुहूर्त पश्चात माता मरुदेवी को मुक्त्ति प्राप्त हो गई थी।

१११. भगवान ऋषभदेव के कितने गण थे?

१११. उत्तर:- ८४ गण थे।

११२. भगवान ऋषभदेव  के कितने गणधर थे?

११२.उत्तर:- ८४ गणधर थे।

११३. भगवान ऋषभदेव के कितने शिष्य थे?

११३. उत्तर:- ८४ हजार शिष्य थे।

११४. भगवान ऋषभदेव के कितनी शिष्याएं थी?

११४.उत्तर:- ३ लाख शिष्याएँ थी।

११५. भगवान ऋषभदेव प्रथम शिष्य कौन थे?

११५.उत्तर:- ऋषभसेन जी आदि।

११६. भगवान ऋषभदेव के प्रथम शिष्या कौन थी?

११६.उत्तर:- ब्राह्मी जी।

११७. भगवान ऋषभदेव के कितने श्रावक थे?

११७.उत्तर:-श्रेयांस आदि ३लाख ५० हजार शर्माणोपसक थे।

११८. भगवान ऋषभदेव के कितनी श्राविकाएं थी?

११८. उत्तर:- सुभद्र आदि ५ लाख ५४हजार श्रमणोपासिकाए थी।

११९. भगवान ऋषभदेव के कितने १४पूर्वधर थे?

११९. उत्तर:-४,७५० मुनि पूर्वधर थे।

१२० भगवान ऋषभदेव के कितने आवधिज्ञानी थे?

१२०.उत्तर:- ९,०००

१२१. भगवान ऋषभदेव  के कितने केवली जिन थे?

१२१.उत्तर:-२०,०००

१२२. भगवान ऋषभदेव के कितने वैक्रिय लब्धिधारी थे?

१२२. उत्तर:-२०,६००

१२३. भगवान ऋषभदेव के कितने मनःपर्यवज्ञानी थे?

१२३.उत्तर:- १२,६५०

१२४. भगवान ऋषभदेव की ऊँचाई (देहमान) कितना था?

१२४.उत्तर:- ५०० धनुष प्रमाण था।

१२५. भगवान ऋषभदेव गृहवास में कितने समय तक रहे?

१२५. उत्तर:- ८३ लाख पूर्व तक।

१२६. भगवान ऋषभदेव संयम पर्याय में कितने समय तक रहे?

१२६. उत्तर:- एक लाख पूर्व ।

१२७. भगवान ऋषभदेव कितने साधुओ के साथ मोक्ष पधारे?

१२७.उत्तर:- १०हजार मुनियों के साथ ।

१२८. भगवान ऋषभदेव कितने दिन के तप के साथ मोक्ष पधारे?

१२८. उत्तर:- छह दिन की निर्जल उपवास की तपस्या से मोक्ष पधारे।

१२९. भगवान ऋषभदेव कौनसे पर्वत पर मोक्ष पधारे?

१२९. उत्तर:- अष्टापद पर्वत पर मोक्ष पधारे।

१३०. भगवान ऋषभदेव मोक्ष पधारे तब तीसरे आरे का कितना समय अवशेष था?

१३०. उत्तर:- ३वर्ष साढे आठ मास बाकी थे।

१३१. भगवान ऋषभदेव किस आसन से मोक्ष पधारे?

१३१.उत्तर:- पर्यक आसन से मोक्ष पधारे।

१३२. भगवान ऋषभदेव मोक्ष गये तब चौथा आरा लगने में कितना समय बाक़ी था?

१३२. उत्तर:- ८९ पक्ष बाकी था।


१३३. भगवान ऋषभदेव मोक्ष पधारे तब तीन लोक में क्या हुआ ?


१३३.उत्तर:- एक समय के
लिए (कुछ क्षण के लीये)अंधकार।

१३४. भगवान ऋषभदेव मोक्ष पधारे ,यह शक्रेन्द्र ने किससे जाना?

१३४. उत्तर:- स्थिर आसन कम्पित होने से जाना।

१३५. आसन कम्पित होने पर शक्रेन्द्र ने किसका उपयोग लगाकर क्या किया?

१३५.उत्तर:-आसन कम्पित होने पर अवधिज्ञान का उपयोग लगाकर जाना की भगवान ऋषभदेव ने परिनिर्वाण प्राप्त कर लिया।
*
281 भगवान ऋषभदेव मोक्ष पधारे तब तीन लोक में क्या हुआ ? 
उत्तर- *एक समय के लिए (कुछ क्षण के लिए) अंधकार*

282 भगवान मोक्ष पधारे ये शकरेंद्र ने किससे जाना ? 
उत्तर- *स्थिर आसन कंपित होने से जाना*

283 आसन कंपित होने पर शकरेंद्र ने किसका उपयोग लगाकर क्या किया ? 
*उत्तर - आसन कंपित होने पर अवधि ज्ञान का उपयोग लगाकर जाना कि भगवान ऋषभदेव जी ने परिनिर्वाण प्राप्त कर लिया है*

284 भगवान ऋषभदेव का परिनिर्वाण जानकर शकरेंद्र ने क्या चिंतन किया ? 
उत्तर- *भगवान ऋषभदेव जी का परिनिर्वाण महोत्सव मनाने का चिंतन कर सिंहासन से उतर कर भगवान को वंदन किया*

285 शकरेंद्र भगवान ऋषभदेव का परिनिर्वाण महोत्सव मनाने के लिये कितने समानिक देवो के साथ आये ? 
*उत्तर-*84हजार देवों के साथ*




286 शकरेंद्र भगवान ऋषभदेव का परिनिर्वाण मनाने के लिए कितने त्रायस्त्रिशंक देवो के साथ आये ? 
उत्तर- *33त्रायंस्त्रिशंक देव*

287 शकरेंद्र भगवान ऋषभदेव का परिनिर्वाण मनाने के लिए कितने अग्रमहिषीयो के साथ आये ? 
उत्तर- *8अग्रमहिषियां(प्रत्येक अग्र महिषी का 16, 000 देवियों का परिवार)के साथ*

288 शकरेंद्र भगवान ऋषभदेव का परिनिर्वाण मनाने के लिए कितने परिषदों के साथ आये ? 
*उत्तर- * तीन परिषदों के साथ*
*आभ्यंतर परिषद के 12,000 देव*
*मध्यम परिषद के 14,000 देव बाहरी परिषद के 16,000 देव के साथ*

289 शकरेंद्र भगवान ऋषभदेव का परिनिर्वाण मनाने के लिए कितने सेनाओं के साथ आये ?  
उत्तर- *सात प्रकार की सेना*
*हाथी, घोड़ा,रथ,पैदल,वृषभ, गंधर्व,नाटक*

290 शकरेंद्र भगवान ऋषभदेव का
 परिनिर्वाण मनाने के लिये कितने आत्मरक्षक देवो के साथ आये ? 
*उत्तर-3,36,000*
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~

*🅿️381.प्रभुजी ने 400 दिन की तपस्या की शुरुआत एवं समाप्ति कब की थी ?*
*🅰️चैत्र कृष्णा अष्टमी से वैशाख शुक्ल तृतीया तक 400 दिन।*
*🅿️382.प्रभुजी ने गृहस्थ अवस्था में अंतिम भोजन कब किया था ?*
*🅰️चैत्र कृष्णा सप्तमी को।*    
*🅿️383.प्रभुजी ने इक्षुरस किसमें ग्रहण किया था ?*
*🅰️कर पात्र।*
*🅿️384.प्रभुजी को जिस नगरी में केवल ज्ञान हुआ वहां के राजा कौन थे ?*
*🅰️पौत्र ऋषभसेन।*
*🅿️385.प्रभुजी को किस नगरी में केवल ज्ञान हुआ था ?*
*🅰️पुरिमताल नगरीl*


ब्राह्मी - लिपी मातृअक्षर46 ,हैं।


*

*🅿️366.48 हजार विद्याओ मेसे कौनसी चार महाविद्याएँ है ? ~????*
*🅰️Ans.।* गौरी, गान्धारी, रोहिणी, प्रज्ञप्ति।

*🅿️367.धर्मेंद्र ने नमि विनमि ने कौन से स्थान पर नगर बसाने को कहा था ~????*
*🅰️Ana .  !* वैताढ्य पर्वत पर दोनो श्रेणी मे।

*🅿️368.नमि  विनमी ने  विद्या बल से कौनसी विमान की रचना की थी ~????*
*🅰️Ans.!* पुष्पक विमान

*🅿️369. Q नमी ने कौन सी नगरी को अपनी राजधानी बनाई थी ~????*
*🅰️Ans.  !* रथनुपुर

*🅿️370. विनमि ने कौनसी नगरी को अपनी राजधानी बनाई थी ~????*
*🅰️ गगनवल्लभ

*
*🅿️361.प्रभुजी जहां रुकते थे वहां अंगरक्षक के समान हाथ में तलवार लेकर कौन पहरा देते थे ?*
*🅰️नमी विनमि।*
*🅿️362. प्रभु जहां जिस स्थान पर रूकते उस स्थान के आसपास की भूमि साफ एवं स्वच्छ करके सुगंधित पुष्प कौन बिखेरते थे ?*
*🅰️नमी व विनमि।*
*🅿️363. नमि विनमि प्रभु जी को प्रतिदिन त्रिकाल वंदना करके क्या कहते थे ?*
*🅰️प्रभु आप ही हमें राज्य दिजिए,हम आप को छोड़कर अन्यत्र नहीं जायेंगे।*
*🅿️364.प्रभुजी पर रही हुई भक्ति से प्रसन्न होकर कौन से इंद्र ने किस विद्याधरों को ऐश्वर्य प्रदान किया था ?*
*🅰️नागकुमार जाति के देवों का धरनेन्द्र ने नमि-विनमि को।*
*🅿️365.नमि विनमि को धरनेद्र ने कितनी विद्याऐं दी थी ?*
*🅰️गौरी,विज्ञप्ति आदि 48 हजार विद्याएं।*


*🅿️351. प्रभु जी ने कौनसे उद्यान मे दिक्षा ली  ~????*
*🅰️Ans. ।*सिद्दार्थ उद्यान*

*🅿️352. प्रभु जी के दिक्षा जुलुस के बाजे किसने बजाए थे ~????*
*🅰️Ans.  सुर एवं असुरों ने*

*🅿️353. प्रभु जी का दिक्षाभिषेक किसने किया  ~????*
*🅰️Ans. शकेँद्रजी ने*

*🅿️354. प्रभु जी कितनी मुष्टी लोच किया ~????*
*🅰️Ans.!*4मुश्ठि लोच*

*🅿️355. प्रभु जी ने चार मुष्टी लोच क्यु किया ~????*
*🅰️Ans.शकेंद्र जी के निवेदन से भ. ने एक मुश्ठि बाल युं ही रहने दिए ।*



*🅿️356.प्रभुजी ने किसके पास दीक्षा ली थी ?*
*🅰️प्रभु स्वयं दिक्षित हुए।*
*🅿️357.प्रभुजी ने दीक्षा के पश्चात कितने साधुओं के साथ विहार किया था ?*
*🅰️4000 साधुओं के साथ।*
*🅿️358.प्रभुजी ने देव दुष्य वस्त्र कितने समय तक धारण किया था ?*
*🅰️ एक वर्ष तक।*
*🅿️359.प्रभुजी साधना काल में ग्राम या नगर में कितने समय रुकते थे ?*
*🅰️चातुर्मास काल के अलावा  गांव मे एक रात,नगर मे 5 रात।*
*🅿️360.प्रभुजी के पीछे राज्य प्राप्ति की भावना से कौन घूमे थे ?*
*🅰️नमि और विनमी।*
रेनू जैन भजन पुरा

*

*🅿️381. कौन से तीर्थंकर और उनके प्रपौत्र  पुर्वभव में पति पत्नी के रूप में थे ~????*
*🅰️Ans. ।*ऋषभ देवजी और प्रपौत्र श्रेयांस कुमार l

*🅿️387. प्रभु जी कौन से भव में श्रेयांश कुमार के वियोग से दुखी हुए थे ~????*
*🅰️Ans. !*ललितांग देव के छट्टे भव मे स्वयंप्रभा देवी के लिए l

*🅿️388. पश्रेयास  कुमार स्वयं प्रभा देवी के भव में प्रभु जी के साथ किस रूप में थे ~????*
*🅰️Ans. !*पति पत्नी के रूप मे l


प्रश्न 95- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण में अवधिज्ञानी मुनियों की संख्या बताइये।

उत्तर-नौ हजार।

प्रश्न 96- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण में केवली मुनि कितने थे?

उत्तर-बीस हजार।

प्रश्न 97- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण में विक्रियाधारी मुनि कितने थे?

उत्तर-बीस हजार छः सौ।

प्रश्न 98- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण में विपुलमति ज्ञान के धारक कितने मुनि थे?

उत्तर- बारह हजार सात सौ पचास मुनि।

प्रश्न 99- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण में वादी मुनियों की संख्या बताइये।

उत्तर- बारह हजार सात सौ पचास।

प्रश्न 100- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण में कितनी आर्यिकायें थीं?

उत्तर-तीन लाख पचास हजार।

प्रश्न 101- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण की प्रमुख आर्यिका का नाम बताइये।

उत्तर- आर्यिका श्री ब्राह्मी, आर्यिका श्री सुन्दरी।

प्रश्न 102- भगवान श्री आदिनाथ की शासन देवी का नाम बताइये।

उत्तर-श्री चक्रेश्वरी देवी।

प्रश्न 103- भगवान श्री आदिनाथ के शासन देव का नाम बताइये।

उत्तर-श्री गोमुख यक्ष।

प्रश्न 104- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण में कितने श्रावक थे?

उत्तर- तीन लाख।

प्रश्न 105- भगवान श्री आदिनाथ के समवसरण में कितनी श्राविकायें थीं?

उत्तर- पांच लाख।

प्रश्न 106- भगवान श्री आदिनाथ की मोक्ष तिथि बताइये।

उत्तर- माघ कृष्णा-चैदस।


प्रश्न 107- भगवान श्री आदिनाथ को मोक्ष किस समय हुआ?

उत्तर- पूर्वाह्न काल में।

प्रश्न 108- भगवान श्री आदिनाथ कौन-से नक्षत्र में मोक्ष गये?

उत्तर- (अभिजित नक्षत्र) में।

प्रश्न 109- भगवान श्री आदिनाथ कौन-से स्थान से मोक्ष गये?

उत्तर- कैलाश पर्वत से।

प्रश्न 110- भगवान श्री आदिनाथ के साथ कितने मुनि मोक्ष गये?

उत्तर-दस हजार मुनि।

प्रश्न 111- भगवान श्री आदिनाथ ने योगनिवृत्ति कितने दिन पूर्व की थी?

उत्तर-चैदहदिन पूर्व।

प्रश्न 112- भगवान श्री आदिनाथ के शासनदेव यक्ष का दूसरा नाम बताइये।

उत्तर- गोवदन यक्ष।

प्रश्न 113- कैलाश पर्वत का दूसरा नमा क्या है?

उत्तर-अष्टापद।

प्रश्न 114- भगवान श्री आदिनाथ कौन-से काल में मोक्ष गये?

उत्तर- तृतीय काल।


प्रश्न 115- भगवान श्री आदिनाथ कौन-से आसन से मोख गये?

उत्तर-पर्यंकासन से।


 116- भगवान श्री आदिनाथ के चैरासी गणधरों के नाम बताइये।

उत्तर- (1) श्री वृषभसेन, (2) श्री कुंभ, (3) श्री हणरथ, (4) श्री शतधनु, (5) श्री देवशर्मा, (6) श्री देवभाव (7) श्री नंदन (8) श्री सोमदत्त, (9) श्री सुरदत्त (10) श्री वायु शर्मा (11) श्री यशोबाहु, (12) श्री देवाग्नि, (13) श्री अग्निदेव, (14) श्री अग्नि गुप्त, (15) श्री मित्रग्नि, (16) श्री हलभृत, (17) श्री महीधर (18) श्री महेन्द्र (19) श्री बसुदेव (20) श्री बसुंधरू (21) श्री अचल (22) श्री मेरू (23) श्री मेरूधन (24) श्री मेरूभूति (24) श्री सर्वयश, (26) श्री सर्वयज्ञ (27) श्री सर्वगुप्त (28) श्री सर्वप्रिय (29) श्री सर्वदेव (30) श्री सर्व विजय (31) श्री विजयगुप्त (32) श्री विजय मित्र (33) श्री विजयिल (34) श्री अपराजित, (35) श्री वसुमित्र (36) श्री विश्वसेन (37) श्री साधु सेन (38) श्री सत्यदेव (39) श्री देवसत्य (40) श्री सत्यगुप्त (41) श्री सत्यमित्र (42) श्री निर्मल (43) श्री विनीत (44) श्री संवर (45) श्री मुनिगुप्त (46) श्री मुनिदत्त (47) श्री मुनियज्ञ (48) श्री मुनिदेव (49) श्री मुनिमित्र (50) श्री मित्रयज्ञ (51) श्री स्वयंभू (52) श्री भगदेव (53) श्री भगदत्त (54) श्री भगफल्गू (55) श्री गुप्तफल्गू (57) श्री मित्र फल्गू (58) श्री प्रजापति (58) श्री सर्वसंघ (59) श्री वरूण (60) श्री धनपालक (61) श्री मद्यवान (62) श्री तेजा राशि (63) श्री महावरी (64) श्री महारथ (65) श्री विशालाक्ष (66) श्री महाबल (67) श्री शचिशाल (68) श्री वज्र (69) श्री वज्रसार (70) श्री चन्द्रचूल (71) श्री जयकुमार (72) श्री महारस (73) श्री कच्छ (74) श्री महाकच्छ (75) श्री नमि (76) श्री विनामि (77) श्री बल (78) श्री अतिबल (79) श्री भद्र बल (80) श्री नंदी (81) श्री महाभागी (82) श्री नंदमित्र (83) श्री कामदेव (84) श्री अनुपम


*🅿️389. श्रेयांस  कुमार कौन से भव के  पिता उनके जन्म का वर्णन सुनकर घर से भागे थे ~????*
*🅰️Ans.  !*निर्नामिका के द्वितीय  भव के पिता नागिल l

*🅿️390. श्रेयांश कुमार कौन से भव में माता-पिता के लिए अप्रिय और बोझ बने थे ~????*
*🅰️Ans.   !*निर्नामिका के द्वितीय  भव मे l

*




2️⃣ भगवान ने किस भव में तीर्थंकर नामकर्म का उपार्जन किया❓
🅰️ वज्रनाभ जी 


3️⃣ भगवान के पूर्व भव के गुरु जी का नाम❓
🅰️ वज्रसेन भगवान जी 


4️⃣ ऋषभदेव भगवान का किस देवलोक से च्यवन हुआ❓
🅰️ सर्वार्थ सिद्ध विमान से 


5️⃣ भगवान का च्यवन किस तिथि को हुआ❓ 
🅰️ आषाढ वदि 4 को 


6️⃣ भगवान का गर्भकाल कितना था❓
🅰️ 9 मास साढ़े 8 दिन 


7️⃣ भगवान का जन्म नक्षत्र कोनसा था❓
🅰️ उत्तराषाढ़ा 


8️⃣ भगवान की जन्म राशि कोनसी थी❓
🅰️ धनु 

SHRI RISHABHDEV BHAGWAAN JANM AND DIKSHA KALYANAK PATH

*नाभिस्तु जनयेत् पुत्रं, मरुदेव्या मनोहरम्।*
*ऋषभं क्षत्रिय श्रेष्ठं, सर्वक्षत्रस्य पूर्वजम्।।*
*ऋषभाद् भरतो जज्ञे, वीरपुत्रः शताग्रजः।*
*राज्येडभिषिच्य भरतं, महाप्राव्राज्यमास्थित।।*
*इह हि इक्ष्वाकुकुलवंशोद् भवेन्*
*नाभिसुतेन मरुदेयानंदन महादेवेन*
*ऋषभेण दशप्रकारो धर्मः*
*स्वयमेवाचीर्णः केवलज्ञानलाभाच्च प्रवर्तितः।*

------  नाभिराजा को मरुदेवी नामक महारानी से मनोहर, क्षत्रियों में श्रेष्ठ और समग्र क्षत्रियवंश का अग्रज ऐसा ऋषभदेव नामक एक तेजस्वी पुत्र हुआ। ऋषभदेव के शूरवीर परमबलिष्ठ और सौ बन्धुओं में श्रेष्ठ ऐसा भरत नामक पुत्र हुआ, जिसे राज्यसत्ता पर स्थापित कर उन्होंने श्रेष्ठ प्रवज्या-धर्म को अंगिकार किया – उत्तम दीक्षा ग्रहण की। इसी आर्यभूमि में इक्ष्वाकुवंश में उत्पन्न हुए, नाभिराजा तथछा मरुदेवी के नंदन, महादजेव ऐसे ऋषभ ने दस प्रकार का धर्म आत्मसात् किया और केवलज्ञान प्राप्त कर उसका दसों दिशाओ में प्रचार किया। (दस प्रकार का धर्म – क्षमा, मार्दव, सत्य, सरलता, शौच, संयम, तप, त्याग, अकिंचन, ब्रह्मचर्य) 
इति ब्रह्मांडपुराणे प्रोक्तम् 

प्रश्न.1. :  किस सूत्र से पता चलता है कि आदेश्वर का जीव वृजनाभ सर्वार्थसिद्ध में गया ?

उत्तर.1. : आवश्यक सूत्र

प्रश्न.2. : तीसरे आरे के कितने वर्ष शेष रहने ऋषभदेव स्वामी का जन्म हुआ ?

उत्तर.2. : चौरासी लाख पूर्व, तीन वर्ष, साढ़े आठ मास शेष रहने पर 

प्रश्न.3. : नाभिराजा ने स्वप्नकाल कथन क्यों कहा ?

उत्तर.3. : क्योंकि उस समय स्वप्न पाठक नहीं थे 

प्रश्न.4. : श्री आदिनाथ भगवान् का जन्म कहाँ हुआ था ?

उत्तर.4. : अयोध्या नगरी में

प्रश्न.5. : ऋषभदेव का जन्म हुआ तब मरुदेवी माता की आयु कितनी थी 

उत्तर.5. : 17 लाख पूर्व

प्रश्न.6. : देवों ने भगवान को कौनसा आहार दिया ?

उत्तर.6. : देवकुरु व उत्तर कुरुक्षेत्र के कल्पवृक्षों के फल का आहार देवों ने लाकर दिया 

प्रश्न.7. : ऋषभदेव कौशालिक क्यों कहलाये ?

उत्तर.7. : कौशल देश में उत्पन्न होने के कारण

प्रश्न.8. : आदेश्वर भगवान की उस समय कितनी आयु थी जब जब भरत बाहुबली का जन्म हुआ ?

उत्तर.8. : छह लाख पूर्व

प्रश्न.9. : श्री आदिनाथ भगवान का राज्याभिषेक किसने किया ?

उत्तर.9. : इंद्र महाराज ने

प्रश्न.10. : इंद्र ने कौनसे देव को विनीता नगरी की रचना का आदेश दिया ?

उत्तर.10. : धनद देव को

प्रश्न.11. : विनीता नगरी में कितने बाजार थे ?

उत्तर.11. : चौरासी

प्रश्न.12. : cहर प्रकार की वर्ण व्यवस्था कैसी थी ?

उत्तर.12. : जो ब्रह्मचर्य पाले वह ब्राह्मण, जो शास्त्र रखे वह क्षत्रिय, खेती कराये वह वैश्य, व सेवा करे वह शुद्र कहलाता था 

प्रश्न.13. : नमि विनमि ने क्या किया ?

उत्तर.13. : भगवान की खूब सेवा की

प्रश्न.14. : भगवान् को क्यों आहार नहीं मिला ?

उत्तर.14. : क्योंकि उस समय लोग आहार की पद्धति नहीं जानते थे 

प्रश्न.15. : 'हे स्वामीन, राज्यो प्रदोभव ' ये शब्द किसको किसने कहे ?

उत्तर.15. : नमि, विनमि ने ऋषभदेव को कहे 
 

प्रश्न.16. : गजपुर में कौन राज्य करता था ?

उत्तर.16. : बाहुबली के पुत्र सोमप्रभ राजा राज्य करते थे 

प्रश्न.17. : सोमप्रभ राजा के पुत्र का नाम क्या था ?

उत्तर.17. : श्रेयांस कुमार

प्रश्न.18. ; श्रेयांसकुमार को रात्रि को क्या स्वप्न आया ?

उत्तर.18. : मलिन हुए मेरुपर्वत को मैंने दूध से पक्षाल कर निर्मल बनाया

प्रश्न.19. : सोमयश राजा को क्या स्वप्ना आया ?

उत्तर.19. : वैरियों से पराजय पाया हुआ कोई सुभट श्रेयांसकुमार की सहायता से विजय को प्राप्त हुआ 

प्रश्न.20. : परमात्मा को देखकर श्रेयांसकुमार को कौनसा ज्ञान उत्पन्न हुआ ?

उत्तर.20. : जातिस्मरण ज्ञान

प्रश्न.21. : हजारों घड़े हाथ में समा जाए ऐसी कौनसी लब्धि तीर्थंकरों को होती है ?

उत्तर.21. : "पाणि पात्रीका" लब्धि

प्रश्न.22. : श्रेयांस कुमार क्या कहलाये ?

उत्तर.22. : प्रथम दानी

प्रश्न.23. : कौनसे तीनों उत्तम योग पुण्य से ही बनते है ?

उत्तर.23. : श्रेयांस सदृश चित्त, इक्षु रस जैसा वित्त, ऋषभदेव समान पात्र 

प्रश्न.24. : कान में ऊँगली डालकर 'बाबा आदम' की जोर-जोर से पुकार किसने की ?

उत्तर.24. : बाहुबल राजा ने 

प्रश्न.25. : ऋषभदेव भगवान की कितने प्रकार की अन्तकृत भूमि है ?

उत्तर.25. : 1.युगांतकृत भूमि, 2. पर्यायांतकृत भूमि 

प्रश्न.26. : धर्मचक्र तीर्थ कैसे प्रसिद्ध हुआ ?

उत्तर.26. : भगवान् की भक्तिस्वरूप बाहुबली ने आठ योजन विस्तार वाला धर्मचक्र पीठ बनाया, उसमें प्रभु के चरण स्थापित किये उससे महिमा बढ़ी, अतः धर्मचक्र तीर्थ प्रसिद्ध  हुआ 

प्रश्न.27. : केवलज्ञान की बधाई को सुनकर भरतजी अपनी दादी मरुदेवी को कैसे वहां ले गए ?

उत्तर.27. : हाथी पर बैठा कर ले गए 

प्रश्न.28. : क्या सोचकर मरुदेवी माता को केवलज्ञान हुआ ?

उत्तर.28. : भगवान के प्रति विरक्ति हुई तथा निरागी से क्या नेह रखना, अन्यत्व भावना भाते हुए केवलज्ञान हुआ

*नीचे दिए गये श्लोक कौनसे से इतर शास्त्र में से लिए गए है वह बताईये*

प्रश्न.29. : 
*युगे युगे महापुण्या दृश्यते द्वारिकापुरी।*
*अवतीर्णोहरियत्र, प्रभासे शशिभूषणः।।*

उत्तर.29. : प्रभासपुराण

प्रश्न.30. :
*रेवताद्रौ जिनो नेमिर्युगादिर्विमलाचले।*
*ऋषीणामाश्रमादेव, मुक्तिमार्गस्य कारणम्।।*
 
उत्तर.30. : प्रभासपुराण

प्रश्न.31. : 
*स्पृष्टवा शत्रुंजयं तीर्थं, नत्वा रैवतकाचलम्।*
*सनात्वा गजपदे कुण्डे, पुनर्जन्म न विद्यते ।।1।।* 

उत्तर.31. : स्कन्दपुराण

प्रश्न.32. :
*पंचाशदादौ किल मूलभूमेर्दशोर्ध्व भूमेरपि विस्तरोडस्य।*
*उच्चत्वमष्टैव तु योजनानि, मानं वदन्तीह जिनेश्वराद्रेः ।।2।। *

उत्तर.32. : स्कन्दपुराण 

प्रश्न.33. :
*सर्वज्ञः सर्वदर्शी च, सर्वदेवनमस्कृतः।*
*छत्रत्रयाभिसंयुक्तां, पूज्यां मूर्तिमसौ वहन् ।।3।।*

उत्तर.33. : स्कन्दपुराण

प्रश्न.34. :
*आदित्यप्रमुखाः सर्वे, बद्धांजलय इदृशं।*
*ध्यायन्ति भावतो नित्यं, यदडिध्रयुगनीरजम् ।।4।।*

उत्तर.34. : स्कन्दपुराण

प्रश्न.35. :
*परमात्मानमात्मानं, लसत्केवलनिर्मलम्।*
*निरंजनं निराकरं, ऋषभं तु महाऋषिम्*।।5।।*

उत्तर.35. : स्कन्दपुराण

प्रश्न.36. :
*अष्टषष्ठिसु तीर्थेषु, यात्रायां यत् फलं भवेत।*
*आदिनाथस्य देवस्य, स्मरणेनाडपि तद् भवेत।।*

उत्तर.36. : नागपुराण

प्रश्न.37. :
*ऋषभो महुदेव्याच्च, ऋषभाद् भरतोडभवत्।*
*भरताद् भारतं वर्ष, भरतात् सुमतिस्त्वभूत् ।।*

उत्तर.37. : अग्निपुराण

प्रश्न.38. :

“मरूत्वं तं वृषभं वावृधानमकवारि दिव्यशासनमिन्द्र विश्वा साहस वसे नूतनायोग्रासदोदा मिहंताहृयेमः।।36अ.7-

उत्तर.38. : ऋग्वेदे 

प्रश्न.39. :

“कुलादिबीजं सर्वेषामाद्यो विमलवाहनः।
चक्षुष्मांश्च यशस्वी चाभिचन्द्रोडथ प्रसेन्नजित्।।”
मरुदेवी च नाभिश्च, भरते कुलसत्तमाः।
अष्टमो मरूदेव्यां तु, नाभेजात उरुक्रमः।। 
दर्शयन् वर्त्म वीराणां, सुरासुरनमस्कृतः।
नीतित्रयाणां कर्त्ता यो, युगादौ प्रथमो जिनः।। 

उत्तर.39. : मनुस्मृतौ 

प्रश्न.40. :

देव हि वर्धमानं सुविरं, स्तोर्णराये सुभर वेधस्याम्।
धृते नाक्तंवसवः सीनतेदं विश्वे देवा आदित्याय ज्ञासः।। 
उत्तर.40. : ऋग्वेद मंडल 2 अ. 1 सू – 3 

प्रश्न.41. :

अयमवतारो रजसोपप्लुत कैवल्योप शिक्षणार्थ।। 
ऋषभ अवतार रजोगुण मनुष्यो को मोक्ष मार्ग की शिक्षा देने के लिए हुआ। 

उत्तर.41. : श्रीमद् भागवत 

प्रश्न.42. :

निगराठो आवुसो नायपुत्तो सव्वज्ञु, सव्व दस्सावी, 
अपरिसेस णाण दस्सणं परिजानाति। 
चरणो चमे तिठ्ठतो च सुत्तस्स च जागरस्स च 
सततं समितं णाण दस्सणं पच्चुपठ्ठिति।। 

उत्तर.42. : मज्झिमनिकाय भाग 1 पृ. 15 

प्रश्न.43. :

सर्वज्ञ आप्तो वा सज्योति र्ज्ञानादिक मुपदिष्टावान् । 
यथा ऋषभ वर्घमानादिरिति। 
सर्वज्ञ आप्त ही उपदेशदाता हो सकता है- जैसे ऋषभ और वर्द्धमान। 


उत्तर.43. : न्यायबिन्दु अ. 3


प्रश्न 21- भगवान आदिनाथ का कुमार काल कितना था ?
उत्तर- बीस लाख वर्ष पूर्व।

प्रश्न 22- भगवान आदिनाथ जन्म से कितने ज्ञान के धारक थे ?
उत्तर- मति, श्रुत, अवधि तीन ज्ञान के धारक थे।

23 - भगवान श्री आदिनाथ किस भोज्य सामग्री का भोजन करते थे ?
उत्तर-स्वर्ग की दिव्य भोज्य सामग्री का।

प्रश्न 24- भगवान की भोज्य सामग्री कहां से आती थी ?
उत्तर- प्रतिदिन स्वर्ग से देवों द्वारा लायी जाती थी।

प्रश्न 25- भगवान श्री आदिनाथ के शरीर की ऊंचाई कितनी थी ?
उत्तर- भगवान श्री आदिनाथ के शरीर की ऊंचाई पांच सौ धनुष (दो हजार हाथ थी)।

प्रश्न 26- भगवान श्री आदिनाथ के शरीर का वर्ण बताइये ?
उत्तर- तपाये हुए स्वर्ण के समान ।

प्रश्न 27- भगवान श्री आदिनाथ की प्रतिमा का चिन्ह क्या है ?
उत्तर- वृषभ (बैल)।

प्रश्न 28- भगवान श्री आदिनाथ ने कितने वर्ष तक राज्य किया ?
उत्तर-त्रेरासी लाख पूर्व वर्ष तक ।

प्रश्न 29- भगवान श्री आदिनाथ के कितनी रानियां थीं ?
उत्तर-दो रानियां ।

प्रश्न 30- दोनों रानियों के नाम बताइये ? 
उत्तर- नंदा व सुनंदा। अथवा यशस्वती ओर सुनंदा।

प्रश्न 31- यशस्वती एवं सुनंदा कन्यायें कौन थीं ?
उत्तर- ये दोनों कन्यायें राजा कच्छ एवं महाकच्छ की बहिनें थीं ।

प्रश्न 32- यशस्वी रानी से भगवान श्री आदिनाथ के कितने पुत्र हुए ? 
उत्तर- यशस्वती रानी से चक्रवर्ती भरत, वृषभसेन, अंतविजय अनंतवीर्य अच्युतवीर्य, वीरवर वीर आदि सौ पुत्र हुए।

प्रश्न 33- यशस्वती रानी ने कौन-सी कन्या रत्न को जन्म दिया ?
उत्तर- ब्राह्मी नाम की कन्या को।

प्रश्न 34- भगवान श्री आदिनाथ की सुनंदा रानी से कौन-से पुत्र का जन्म हुआ ?
उत्तर- भगवान श्री बाहुबली का ।

प्रश्न 35- भगवान बाहुबली की क्या विशेषता थी ?
उत्तर-वे प्रथम कामदेव, चक्रीजित, पौदनपुर नरेश, तथा तद्भव मोक्षगामी थे ।

प्रश्न 36- भगवान बाहुबली की प्रमुख विशेषता क्या थी ?
उत्तर- उनके शरीर का वर्ण नील वर्ण तथा शरीर की ऊंचई सवा पांच सौ धनुष थी।

प्रश्न 37- भगवान भरत की विशेषता बताइये ?
उत्तर- वे प्रथम चक्रवर्ती, तद्भव मोक्षगामी अर्न्तमर्हूत में केवलज्ञान प्राप्त करने वाले थे । तथा उन्हीं के नाम से हमारे देश का नाम भारत वर्ष कहा जाता है।

प्रश्न 38- सुनंदा रानी से कौन-सी कन्या का जन्म हुआ ?
उत्तर-सुन्दरी नाम की कन्या का ।

प्रश्न 39- तीर्थंकरों के कन्यायें नहीं होती फिर श्री आदिनाथ के क्यों हुई ?
उत्तर- हुंडावसर्पिणी काल के दोष से ।

प्रश्न 40- भगवान श्री आदिनाथ ने ब्राह्मी कन्या को कौन-सी शिक्षा दी ?
उत्तर- भगवान श्री आदिनाथ ने ब्रह्मी कन्या को अ, आ, क ख आदि स्वर ओर व्यंजनों की शिक्षा दी। इसीलिए इस लिपि को ब्राह्मी लिपि कहा जाता है।

*




टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भगवान पार्श्वनाथ प्रश्नोत्तरी

जैन प्रश्नोत्तरी

सतियाँ जी 16