मेरे प्रश्न 2ऋषभदेव।पर
६१.उत्तर:- १८ प्रकार की लिपिकला का ज्ञान।
६२. भगवान ऋषभदेव ने सुंदरी को कौनसा ज्ञान सिखाया?
६२.उत्तर:- गणित कला का ज्ञान।
६३. भगवान ऋषभदेव के लिए नगरी किसने बनाई ?
६३.उत्तर:- धनपति कुबेर
ने (वैश्रमण देव ने ) ।
६४. इस अवसर्पिणी काल में सर्वप्रथम किस नगरी का निर्माण हुआ?
६४.उत्तर:- विनीता नगरी(आयोध्या नगरी)का।
६५. कुबेर ने किसके आदेश से नगरी का निर्माण किया?
६५. पहले देवलोक इंद्र शकेंद्रा की आज्ञासे।
६६. कुबेर ने विनिता नगरी का निर्माण किससे किया?
६६. उत्तर :- सोने से।
६७. विनिता नगरी कितनी लम्बी चौडी थी?
६७. उत्तर:- १२योजन लम्बी एवं ९ योजन चौड़ी थी।
६८. विनिता नगरी का परकोटा किसका बना हुआ था?
६८.उत्तर:- सोने का बना हुआ था।
६९. विनीता नगरी के स्मरणमय परकोटे के ऊपर कंगूरे किसके बने हुए थे?
६९. विनीता नगरी के स्मरणमय परकोटे के ऊपर कंगूरे किसके बने हुए थे?
७०. पाँच प्रकार के मणिरत्नों के कंगूरे थे।
७१. विनीता नगरी कैसी लगती थी?
७१. उत्तर:- अल्कापूरी सदृश्य (देवताओं की नगरी जैसी) मानो वह स्वर्ग का ही रूप हो,ऐसी मनभावन लगती थी,दर्शनीय,अभिरूप और प्रतिरूप,प्रासादीय मन को प्रस्सन करने वाली थी।
७२. विनीता नगरी की जनता कैसी थी?
७२. उत्तर:- वहाँ की जनता वैभव,सुरक्षा,समृद्धि से युक्त्त, आमोद प्रमोद के प्रचुर साधन होने से बड़ी प्रमुदित रहती थी.पारस्परिक प्रेम-सौहाद्र का वातावरण था।
७३. इस अवसर्पिणी काल में भरत क्षेत्र में सबसे पहले शादी किसकी रचाई गई?
७३. उत्तर:- भगवान ऋषभदेव की।
७४. भगवान ऋषभदेव के विवाह में पुरोहित का कार्य किसने किया ?
७४.उत्तर:- शक्रेंन्द्र ने।
७५. शक्रेंन्द्र ने भगवान ऋषभदेव का कितनी रानियों के साथ विवाह करवाया?
७५ उत्तर:- दो १.सुमंगला २.सुनन्दा।
७६. सुमंगला जी के कितनी संताने थी?
७६.उत्तर:- १००अर्थात् भरत आदि ९९पुत्र एवं एक पुत्री ब्राह्मी जी।
७७. सुनन्दा जी को कितनी संताने थी?
७७. उत्तर:- दो संताने। एक पुत्र बाहुबली जी एवं एक पुत्री सुन्दरी जी।
७८. भगवान ऋषभदेव के सभी पुत्र पुत्री क्या थे ?
७८. उत्तर:- चरम शरीरी।
७९. भरत जी के गर्भ में आने पर सुमंगला जी ने कितने महास्वप्न देखे?
७९. उत्तर:- १४ महास्वप्न
८०. भगवान ऋषभदेव व् सुमंगला का प्रथम रिश्ता क्या था?
८०. उत्तर :- भाई-बहिन का
८१. भगवान ऋषभदेव व् सुमंगला का उस युग के अनुसार दूसरा रिश्ता क्या था?
८१. उत्तर:- पति-पत्नी ।
८२. भगवान ऋषभदेव के गर्भ में अवतरण होने पर माता मरुदेवी ने कितने महा स्वप्न देखे?
८२. उत्तर:- १४ महास्वप्न
८३. भगवान ऋषभदेव के जन्म समय माता मरुदेवी की उम्र कितनी थी?
८३. उत्तर:- १७ लाख पूर्व की थी।
८४. १४ महास्वप्न किन-किन माताओं को आते है?
८४. उत्तर:- तीर्थंकर व् चक्रवर्ती की माताओं को।
८५. भगवान ऋषभदेव जी के पास लोकान्तिक देव कब आए?
८५. उत्तर:- जब भगवान ऋषभदेव ८३ लाख पूर्व में एक वर्ष कम के थे तब आए।
८६. भगवान ऋषभदेव जी को लोकान्तिक देवों ने क्या कहा?
८६.उत्तर:- हे प्रभु!आप तीर्थ प्रवर्तन करो
८७. लोकान्तिक देवों के जाने के बाद भगवान ऋषभदेव ने क्या किया?
८७.उत्तर:- एक वर्ष तक दान दिया।
८८. भगवान ऋषभदेव का अभिनीष्क्रमण किस ऋतु में हुआ?
८८.उत्तर:- ग्रीष्म ऋतु में।
८९. भगवान ऋषभ ने गृह त्याग
किस माह की किस तिथि को किया?
८९.चैत्र कुष्णा अष्टमी को।
९०. भगवान ऋषभ ने गृह त्याग किस प्रहर में किया?
९०.उत्तर:- मध्यानोत्तर काल में।
९१. भगवान ऋषभदेव की अभिनिष्क्रमण यात्रा में कितने प्रकार के देव आये?
९१. उत्तर:- ६४ इन्द्र एवं चारो जाती के असंख्य देवी देवता।
९२. भगवान ऋषभदेव जी संयम ग्रहण करने किस वन में आये?
९२.उत्तर:- सिद्धार्थ वन मे।
९३. भगवान ऋषभदेव जी किस शिविका में बैठकर सिद्धार्थ वन में पधारे?
९३.उत्तर:- सुदर्शना नामक शिविका।
९४. भगवान ऋषभदेव ने किस वृक्ष के निचे केश लोचन किया?
९४.उत्तर:- अशोक वृक्ष के निचे।
९५. भगवान ऋषभदेव ने कितने मुष्ठी लोच किया?
९५. उत्तर:- चार मुष्ठी लोच किया।
९६. भगवान ऋषभदेव के दीक्षा के समय कितना तप था?
१६.उत्तर:- छट्टम तप- बेले की तपस्या (दो उपवास)।
९७. भगवान ऋषभदेव के दीक्षा ग्रहण करते समय कौनसा नक्षत्र था?
९७. उत्तर:- उत्तराषाढ़ा नक्षत्र था ।
९८. भगवान ऋषभदेव के लोच के समय केश राशि को किसने ग्रहण करी?
९८.उत्तर:- देवेन्द्र शक्र ने।
९९. भगवान ऋषभदेव को दीक्षा से पहले शक्रेंद्र ने क्या दिया?
९९.उत्तर:- एक देव दूष्य-दिव्य वस्त्र दिया।
१००. भगवान ऋषभदेव को दीक्षा लेने के बाद प्रथम पारणा कितने दिन से हुआ?
१००.उत्तर:- लगभग एक वर्ष से ज्यादा।
१०१. भगवान ऋषभदेव को कौनसे नगर में केवलज्ञान हुआ?
१०१. उत्तर:-पुरिमतल नगर में।
१०२. भगवान ऋषभदेव केवलज्ञान प्राप्ति के समय पुरिमतल नगर के किस उधान में विराज रहे थे?
१०२.उत्तर:-शकट मुख उद्यान में।
१०३. भगवान ऋषभदेव को किस वृक्ष के नीचे केवल्य ज्ञान प्राप्त हुआ?
१०३.उत्तर:- बरगद के वृक्ष के निचे(वटवृक्ष)।
१०४. भगवान ऋषभदेव के केवलज्ञान प्राप्ति के समय कितनी तपस्या थी?
१०४. उत्तर:- निर्जल तेले की तपस्या थी।
१०५. भगवान ऋषभदेव के दर्शन करते ही केवली कौन बने?
१०५.उत्तर:- माता मरुदेवी।
१०६. भगवान ऋषभदेव के शाशन में प्रथम कौनसे सिद्ध बने?
१०६.उत्तर:- अतीर्थ सिद्धा ।
१०७. भगवान ऋषभदेव के शाशन में अतीर्थ सिद्धा कौन कहलाये?
१०७. उत्तर:- माता मरुदेवी (तीर्थ स्थापना से पूर्व ही मोक्ष गमन हो जाने से)।
१०८. भगवान ऋषभदेव की दो प्रकार की भूमि कौनसी थी?
१०८.उत्तर:- १. युगान्तर भूमि,
२. पर्यायान्तकर भूमि।
१०९. भगवान ऋषभदेव की युगान्तर भूमि क्या थी?
१०९.उत्तर:- युगान्तर भूमि -शिष्य क्रमानुबद्ध यावत असंख्यात पुरुष परंपरा परिमित थी।
११०. भगवान ऋषभदेव की पर्यायान्तकर भूमि कितनी थी?
११०.उत्तर:- अन्तमुहुर्त प्रमाण थी(क्योकी भगवान के केवलज्ञान प्राप्त होने के अन्तर्मुहूर्त पश्चात माता मरुदेवी को मुक्त्ति प्राप्त हो गई थी।
१११. भगवान ऋषभदेव के कितने गण थे?
१११. उत्तर:- ८४ गण थे।
११२. भगवान ऋषभदेव के कितने गणधर थे?
११२.उत्तर:- ८४ गणधर थे।
११३. भगवान ऋषभदेव के कितने शिष्य थे?
११३. उत्तर:- ८४ हजार शिष्य थे।
११४. भगवान ऋषभदेव के कितनी शिष्याएं थी?
११४.उत्तर:- ३ लाख शिष्याएँ थी।
११५. भगवान ऋषभदेव प्रथम शिष्य कौन थे?
११५.उत्तर:- ऋषभसेन जी आदि।
११६. भगवान ऋषभदेव के प्रथम शिष्या कौन थी?
११६.उत्तर:- ब्राह्मी जी।
११७. भगवान ऋषभदेव के कितने श्रावक थे?
११७.उत्तर:-श्रेयांस आदि ३लाख ५० हजार शर्माणोपसक थे।
११८. भगवान ऋषभदेव के कितनी श्राविकाएं थी?
११८. उत्तर:- सुभद्र आदि ५ लाख ५४हजार श्रमणोपासिकाए थी।
११९. भगवान ऋषभदेव के कितने १४पूर्वधर थे?
११९. उत्तर:-४,७५० मुनि पूर्वधर थे।
१२० भगवान ऋषभदेव के कितने आवधिज्ञानी थे?
१२०.उत्तर:- ९,०००
१२१. भगवान ऋषभदेव के कितने केवली जिन थे?
१२१.उत्तर:-२०,०००
१२२. भगवान ऋषभदेव के कितने वैक्रिय लब्धिधारी थे?
१२२. उत्तर:-२०,६००
१२३. भगवान ऋषभदेव के कितने मनःपर्यवज्ञानी थे?
१२३.उत्तर:- १२,६५०
१२४. भगवान ऋषभदेव की ऊँचाई (देहमान) कितना था?
१२४.उत्तर:- ५०० धनुष प्रमाण था।
१२५. भगवान ऋषभदेव गृहवास में कितने समय तक रहे?
१२५. उत्तर:- ८३ लाख पूर्व तक।
१२६. भगवान ऋषभदेव संयम पर्याय में कितने समय तक रहे?
१२६. उत्तर:- एक लाख पूर्व ।
१२७. भगवान ऋषभदेव कितने साधुओ के साथ मोक्ष पधारे?
१२७.उत्तर:- १०हजार मुनियों के साथ ।
१२८. भगवान ऋषभदेव कितने दिन के तप के साथ मोक्ष पधारे?
१२८. उत्तर:- छह दिन की निर्जल उपवास की तपस्या से मोक्ष पधारे।
१२९. भगवान ऋषभदेव कौनसे पर्वत पर मोक्ष पधारे?
१२९. उत्तर:- अष्टापद पर्वत पर मोक्ष पधारे।
१३०. भगवान ऋषभदेव मोक्ष पधारे तब तीसरे आरे का कितना समय अवशेष था?
१३०. उत्तर:- ३वर्ष साढे आठ मास बाकी थे।
१३१. भगवान ऋषभदेव किस आसन से मोक्ष पधारे?
१३१.उत्तर:- पर्यक आसन से मोक्ष पधारे।
१३२. भगवान ऋषभदेव मोक्ष गये तब चौथा आरा लगने में कितना समय बाक़ी था?
१३२. उत्तर:- ८९ पक्ष बाकी था।
१३३. भगवान ऋषभदेव मोक्ष पधारे तब तीन लोक में क्या हुआ ?
१३३.उत्तर:- एक समय के
लिए (कुछ क्षण के लीये)अंधकार।
१३४. भगवान ऋषभदेव मोक्ष पधारे ,यह शक्रेन्द्र ने किससे जाना?
१३४. उत्तर:- स्थिर आसन कम्पित होने से जाना।
१३५. आसन कम्पित होने पर शक्रेन्द्र ने किसका उपयोग लगाकर क्या किया?
१३५.उत्तर:-आसन कम्पित होने पर अवधिज्ञान का उपयोग लगाकर जाना की भगवान ऋषभदेव ने परिनिर्वाण प्राप्त कर लिया।
*🅿️381.प्रभुजी ने 400 दिन की तपस्या की शुरुआत एवं समाप्ति कब की थी ?*
*🅰️चैत्र कृष्णा अष्टमी से वैशाख शुक्ल तृतीया तक 400 दिन।*
*🅿️382.प्रभुजी ने गृहस्थ अवस्था में अंतिम भोजन कब किया था ?*
*🅰️चैत्र कृष्णा सप्तमी को।*
*🅿️383.प्रभुजी ने इक्षुरस किसमें ग्रहण किया था ?*
*🅰️कर पात्र।*
*🅿️384.प्रभुजी को जिस नगरी में केवल ज्ञान हुआ वहां के राजा कौन थे ?*
*🅰️पौत्र ऋषभसेन।*
*🅿️385.प्रभुजी को किस नगरी में केवल ज्ञान हुआ था ?*
*🅰️पुरिमताल नगरीl*
ब्राह्मी - लिपी मातृअक्षर46 ,हैं।
*
*🅿️366.48 हजार विद्याओ मेसे कौनसी चार महाविद्याएँ है ? ~????*
*🅰️Ans.।* गौरी, गान्धारी, रोहिणी, प्रज्ञप्ति।
*🅿️367.धर्मेंद्र ने नमि विनमि ने कौन से स्थान पर नगर बसाने को कहा था ~????*
*🅰️Ana . !* वैताढ्य पर्वत पर दोनो श्रेणी मे।
*🅿️368.नमि विनमी ने विद्या बल से कौनसी विमान की रचना की थी ~????*
*🅰️Ans.!* पुष्पक विमान
*🅿️369. Q नमी ने कौन सी नगरी को अपनी राजधानी बनाई थी ~????*
*🅰️Ans. !* रथनुपुर
*🅿️370. विनमि ने कौनसी नगरी को अपनी राजधानी बनाई थी ~????*
*🅰️ गगनवल्लभ
*
*🅿️361.प्रभुजी जहां रुकते थे वहां अंगरक्षक के समान हाथ में तलवार लेकर कौन पहरा देते थे ?*
*🅰️नमी विनमि।*
*🅿️362. प्रभु जहां जिस स्थान पर रूकते उस स्थान के आसपास की भूमि साफ एवं स्वच्छ करके सुगंधित पुष्प कौन बिखेरते थे ?*
*🅰️नमी व विनमि।*
*🅿️363. नमि विनमि प्रभु जी को प्रतिदिन त्रिकाल वंदना करके क्या कहते थे ?*
*🅰️प्रभु आप ही हमें राज्य दिजिए,हम आप को छोड़कर अन्यत्र नहीं जायेंगे।*
*🅿️364.प्रभुजी पर रही हुई भक्ति से प्रसन्न होकर कौन से इंद्र ने किस विद्याधरों को ऐश्वर्य प्रदान किया था ?*
*🅰️नागकुमार जाति के देवों का धरनेन्द्र ने नमि-विनमि को।*
*🅿️365.नमि विनमि को धरनेद्र ने कितनी विद्याऐं दी थी ?*
*🅰️गौरी,विज्ञप्ति आदि 48 हजार विद्याएं।*
*🅿️351. प्रभु जी ने कौनसे उद्यान मे दिक्षा ली ~????*
*🅰️Ans. ।*सिद्दार्थ उद्यान*
*🅿️352. प्रभु जी के दिक्षा जुलुस के बाजे किसने बजाए थे ~????*
*🅰️Ans. सुर एवं असुरों ने*
*🅿️353. प्रभु जी का दिक्षाभिषेक किसने किया ~????*
*🅰️Ans. शकेँद्रजी ने*
*🅿️354. प्रभु जी कितनी मुष्टी लोच किया ~????*
*🅰️Ans.!*4मुश्ठि लोच*
*🅿️355. प्रभु जी ने चार मुष्टी लोच क्यु किया ~????*
*🅰️Ans.शकेंद्र जी के निवेदन से भ. ने एक मुश्ठि बाल युं ही रहने दिए ।*
*🅿️356.प्रभुजी ने किसके पास दीक्षा ली थी ?*
*🅰️प्रभु स्वयं दिक्षित हुए।*
*🅿️357.प्रभुजी ने दीक्षा के पश्चात कितने साधुओं के साथ विहार किया था ?*
*🅰️4000 साधुओं के साथ।*
*🅿️358.प्रभुजी ने देव दुष्य वस्त्र कितने समय तक धारण किया था ?*
*🅰️ एक वर्ष तक।*
*🅿️359.प्रभुजी साधना काल में ग्राम या नगर में कितने समय रुकते थे ?*
*🅰️चातुर्मास काल के अलावा गांव मे एक रात,नगर मे 5 रात।*
*🅿️360.प्रभुजी के पीछे राज्य प्राप्ति की भावना से कौन घूमे थे ?*
*🅰️नमि और विनमी।*
रेनू जैन भजन पुरा
*
*🅿️381. कौन से तीर्थंकर और उनके प्रपौत्र पुर्वभव में पति पत्नी के रूप में थे ~????*
*🅰️Ans. ।*ऋषभ देवजी और प्रपौत्र श्रेयांस कुमार l
*🅿️387. प्रभु जी कौन से भव में श्रेयांश कुमार के वियोग से दुखी हुए थे ~????*
*🅰️Ans. !*ललितांग देव के छट्टे भव मे स्वयंप्रभा देवी के लिए l
*🅿️388. पश्रेयास कुमार स्वयं प्रभा देवी के भव में प्रभु जी के साथ किस रूप में थे ~????*
*🅰️Ans. !*पति पत्नी के रूप मे l
116- भगवान श्री आदिनाथ के चैरासी गणधरों के नाम बताइये।
उत्तर- (1) श्री वृषभसेन, (2) श्री कुंभ, (3) श्री हणरथ, (4) श्री शतधनु, (5) श्री देवशर्मा, (6) श्री देवभाव (7) श्री नंदन (8) श्री सोमदत्त, (9) श्री सुरदत्त (10) श्री वायु शर्मा (11) श्री यशोबाहु, (12) श्री देवाग्नि, (13) श्री अग्निदेव, (14) श्री अग्नि गुप्त, (15) श्री मित्रग्नि, (16) श्री हलभृत, (17) श्री महीधर (18) श्री महेन्द्र (19) श्री बसुदेव (20) श्री बसुंधरू (21) श्री अचल (22) श्री मेरू (23) श्री मेरूधन (24) श्री मेरूभूति (24) श्री सर्वयश, (26) श्री सर्वयज्ञ (27) श्री सर्वगुप्त (28) श्री सर्वप्रिय (29) श्री सर्वदेव (30) श्री सर्व विजय (31) श्री विजयगुप्त (32) श्री विजय मित्र (33) श्री विजयिल (34) श्री अपराजित, (35) श्री वसुमित्र (36) श्री विश्वसेन (37) श्री साधु सेन (38) श्री सत्यदेव (39) श्री देवसत्य (40) श्री सत्यगुप्त (41) श्री सत्यमित्र (42) श्री निर्मल (43) श्री विनीत (44) श्री संवर (45) श्री मुनिगुप्त (46) श्री मुनिदत्त (47) श्री मुनियज्ञ (48) श्री मुनिदेव (49) श्री मुनिमित्र (50) श्री मित्रयज्ञ (51) श्री स्वयंभू (52) श्री भगदेव (53) श्री भगदत्त (54) श्री भगफल्गू (55) श्री गुप्तफल्गू (57) श्री मित्र फल्गू (58) श्री प्रजापति (58) श्री सर्वसंघ (59) श्री वरूण (60) श्री धनपालक (61) श्री मद्यवान (62) श्री तेजा राशि (63) श्री महावरी (64) श्री महारथ (65) श्री विशालाक्ष (66) श्री महाबल (67) श्री शचिशाल (68) श्री वज्र (69) श्री वज्रसार (70) श्री चन्द्रचूल (71) श्री जयकुमार (72) श्री महारस (73) श्री कच्छ (74) श्री महाकच्छ (75) श्री नमि (76) श्री विनामि (77) श्री बल (78) श्री अतिबल (79) श्री भद्र बल (80) श्री नंदी (81) श्री महाभागी (82) श्री नंदमित्र (83) श्री कामदेव (84) श्री अनुपम
*🅿️389. श्रेयांस कुमार कौन से भव के पिता उनके जन्म का वर्णन सुनकर घर से भागे थे ~????*
*🅰️Ans. !*निर्नामिका के द्वितीय भव के पिता नागिल l
*🅿️390. श्रेयांश कुमार कौन से भव में माता-पिता के लिए अप्रिय और बोझ बने थे ~????*
*🅰️Ans. !*निर्नामिका के द्वितीय भव मे l
100પુત્ર ને કયું રઃજય અઃપયુ
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