गणधर का परिचय
1 इन्द्रभूति - इनद्रभूति का जन्म ईसा पूर्व 607 ईस्वी मे मगध देश के ब्राह्मण परिवार मे हुआ था। इन्द्रभूति गौतम 500 शिष्यों के साथ भगवान महावीर के समवसरण मे उनके शिष्य बने थे। फिर लगभग 40 वर्षो तक वे भगवान महावीर के प्रमुख शिष्य बनकर रहे। जैन परम्परा मे गौतम गणधर और महावीर के बीच अनेक सिद्धांतो पर जो चर्चा हुई है वही जैन सिद्धांतो को जानने का प्रमुख आधार है इसलिए यह कहा गया है कि अर्थ के रूप मे भगवान महावीर ने जो कुछ भावव्यक्त किया उसे शब्दों के रूप मे गौतम गणधर ने सुरक्षित रखा है गौतम गणधर को भगवान महावीर के निर्वाण - दिवस पर ही केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उन्हो ने भगवान महावीर के संघ का संचालन किया और जैन धर्म का सम्पूर्ण देश मे प्रचार किया। ईस्वी पूर्व 515 में 92 वर्ष की आयु मे राजगृह मे इन्द्रभूति गौतम को निर्वाण प्राप्त हुआ।
2 अग्निभूति - इन्द्रभूति गौतम के मझले भाई अग्निभूति गौतम भी भगवान महावीर के गणधर थे। उन्होंने भगवान माहवीर के जवीन काल मे ही 74 वर्ष की आयु मे ही निर्वाण प्राप्त किया था। अपने जीवन -काल मे अग्निभूति ने कठोर साधना द्वारा जैन धर्म का प्रचार किया था।
3 वयुभूति - वयुभूति-इन्द्रभूति गौतम के छोटे भाई वायुभूति थे। उन्हो ने भी अपने 500 शिष्यों के साथ भगवान महावीर से दीक्षा ग्रहण की थी। भगवान महावीर के निर्वाण से 2 वर्षपूर्व ही 70 वर्ष की आयु मे वायुभूति ने निर्वाण प्राप्त किया था।
4 आर्यव्यक्त - भगवान महावीर के चैथे गणार का नाम आर्यव्यक्त था। वे आर्यव्यक्त भारद्वाज गौत्रीय ब्राह्मण थे और वह अपने 500 शिष्यों के साथ महावीर के शिष्य बने। दिगम्बर परम्परा के अनुसार मगध देश को सुप्रतिष्ठित राजा महावीर का उपदेश सुनकर दिगम्बर मुनि हो गये थे और वही भगवान महावीर के चतुर्थ गणधर बने। ये चतुर्थ गणधर महावीर के जीवन काल मे ही मुथ्कमत को प्राप्त हो गये थे।
5 सुधर्मस्वामी - श्वेतामबर परम्परा के अनुसार महावीर के पांचवे गणधर सुधर्मा स्वामी मोल्लाग सन्निवेश के ब्राह्मण थे। यह अपने 500 शिष्यों के साथ महावीर के शिष्य बने थे। इन्होंने 50 वर्ष की अवस्था मे दीक्षा ली थी। 42 वर्ष तक मुनि के रूप मे साधना करके इन्हो ने केवल ज्ञान प्राप्त किया था। 100 वर्ष की अवस्था मे इनको राजगृह नगर मे मुक्ति प्राप्त हुई इन्ही सुधर्मास्वामी को इन्द्रभूति गौतम ने अपना उत्तराधिकारी आचार्य बनाया था। दिगम्बर परम्परा के अनुसार महावीर के चतुर्थ गणधर सुप्रसिद्ध राजा के पुत्र का नाम सुधर्मा था। उसने अपने पिता को मुनि दीक्षा धारण करते हुए देखकर भोग सम्पदा का त्याग कर स्वय भी महावीर का शिष्यत्व ग्रहण कर लिया। यह राजकुमार सुधर्म महावीर का पंचम गणधर बना। इन्द्रभूति गौतम ने द्वादशांग ग्रंथों की रचना कर इसी सुधर्मा स्वामी को उनका व्याख्यान दिया था। दिगम्बर परम्परा मे सुधर्मा स्वामी का दूसरा नाम लोहाचार्य भी मिलता है। सुधर्मा स्वामी को ईसवी पूर्व 515 मे उसी दिन केवल ज्ञान की प्राप्ति हुई थी जिसदिन इन्द्रभूति गौतम का निर्वाण हुआ था। सुधर्मा स्वामी गणधर अवस्था में 30 वर्ष तक रहे और उन्हो ने इस बीच हजारो व्यक्तियो को जैन धर्म मे दीक्षित किया तथा जैन धर्म के प्रचार - प्रसार मे अपूर्ण योगदान किया है। सुधर्मा स्वामी ने जैन संघ का भार अपने बाद आर्य जम्बूस्वामी को सौंपा था।
6 मंडितगणधर - इनका दूसरा नाम माडव्व भी मिलता है। ये वशिष्ठ गौत्रीय ब्राह्मण थे। इन्होंने 350 शिष्यों के साथ भगवान महावीर से 53 वर्ष की अवस्था मे दीक्षा ग्रहण की थी। गणधर मंडित ने 14 वर्ष तक मुनि साधना कर 67 वर्ष की अवस्था मे केवल ज्ञान प्राप्त किया था। 83 वर्ष की अवस्था मे मंडित गणधर का निर्वाण महावीर भगवान के जीवन काल मे ही हो गया था।
7 मौर्यपुत्र - मौर्यपुत्र गणधर का श्यप गोत्रीय ब्राह्मण थे। इन्होंने 350 शिष्यों के सथ भगवान महावीर से 65 वर्ष की अवस्था मे जिन-दीक्षा ग्रहण की थी। 19 वर्ष तक मुनि साधना के उपरांत आपने केवल ज्ञान प्राप्त किया और 95 वर्ष की अवस्था मे भगवान महावीर के जीवन काल मे ही इन्होंने निर्वाण प्राप्त कर लिया था।
8 अकंपित - भगवान माहवीर के आठवें गणधर अकंपित मिथिला नगर के गौतम ब्राह्मण थे। इन्होंने अपने 300 शिष्यों के साथ 48 वर्ष की अवस्था मे भगवान महावीर से जिन दीक्षा ग्रहण की थी। इनका निर्वाण 70 वर्ष की आयु मे भगवान महावीर के जीवन काल मे हो गया था।
9 अचलभ्राता - ये भगवान महावीर के नवे गणधर थे। इन्होंने अपने 300 शिष्यों के साथ 46 वर्ष की अवस्था मे भगवान महावीर से मुनि दीक्षा ली थी। इनका निर्वाण भगवान महावीर के जीवन काल मे ही 72 वर्ष की आयु मे हो गया था।
10 मेतार्य - महावीर के दसवे गणधर का नाम मेतार्य है, जो कौडिन्नय ब्राह्मण थे। इन्होंने 36 वर्ष की अवस्था मे अपने 300 शिष्यों के साथ भगवान माहवीर से मुनि दीक्षा ग्रहण की थी और भगवान महावीर के जीवन काल मे लगभग 62 वर्ष की अवस्था मे आपने राजगृह से निर्वाण प्राप्त किया था।
11 प्रभास - तीर्थंकर महावीर के ग्यारहवे गणधर का नाम प्रभास था। ये राजगृह के निवासी ब्राह्मण थे। इन्होंने भगवान माहवीर से श्रमण दीक्षा लेकर लगभग 8 वर्षो तक साधना की और 40 वर्ष की आयु मे महावीर के जीवन काल मे ही इन्होंने निर्वाण प्राप्त किया था।
तीर्थंकर महावीर के ये सभी गणधर भारतीय दर्शन और चिंतन परम्परा के उद्भट विद्वान थे। आत्मा, परमात्मा, स्वर्ग, नरक, मोक्ष, पाप, पुण्य, आदि के सम्बंध मे इनसब की अपनी एकांतिक धारणाए थी। अतः सभी ने दीक्षा लेने के पूर्व भगवान महावीर से अपनी शंकाओ का निवारण किया और संतुष्ट होने पर फिर उन्होंने महावीर से जिन-दीक्षा ग्रहण कर अपनी-अपनी सामथ्र्य के अनुसार जिन शासन की सेवा की हैं
*🅿601. मेतार्य जी कौन से गणधर जी थे ~????*
*🅰Ans. 10 वे।
*🅿602. किस देश के सन्निवेश में आपका निवास था ~???*
*🅰Ans. वत्स देश में तुंगिक सन्निवेश में।
*🅿603. ये कौनसे ब्रामण कहलाते थे ~?????*
*🅰Ans. कौटिल्य गौत्रीय ब्रामण।
*🅿604. इनके माता पिता का क्या नाम था ~????*
🅰Ans. माता ~ वरुणा देवी जी।
पिता ~ दत्त जी।
*🅿605. इनकी शंका का विषय क्या था ~????*
*🅰Ans. पुनर्जन्म के विषय।
*🅿606. प्रभु ने जीव की पहचान क्या बताई ~????*
*🅰Ans. चेतना ही जीव की पहचान है।
*🅿607. जीव किससे भिन्न है ~???*
*🅰Ans. पंच भूतों से।
*🅿608. चेतनावन्त जिव क्या प्राप्त कर सकता है ~???*
*🅰Ans. परलोक।
*🅿609. जातिस्मरण ज्ञान से किसका स्मरण होता है ~????*
🅰Ans. पूर्वभव का।
*🅿610. मेतार्य जी कितने शिष्यों के साथ किस वय में दीक्षित हुए ~????*
*🅰Ans. 300 शिष्यों के साथ 36 वर्ष की वय में।
*🅿611. मेतार्य जी किस वय में केवली पर्याय को प्राप्त हुए ~????*
*🅰Ans. 52 वर्ष।
*🅿612. कितने वर्ष तक छद्मस्त अवस्था में रहे ~???*
*🅰Ans. 10 वर्ष।
*🅿613. केवली पर्याय में कितने वर्ष तक विचरण किया ~????*
*🅰Ans. 16 वर्ष।
*🅿614. कुल आयु कितनी थी ~????*
🅰Ans. 62 वर्ष।
*🅿615. कब , कहाँ , कैसे निर्वाण को प्राप्त हुए ~?????*
*🅰Ans. प्रभु के समय में ही वैभार गिरी पर्वत पर अनशन कर निर्वाण को प्राप्त हुए ~????
*🅿616. अंतिम गणधर जी कौन थे ~?????*
*🅰Ans. प्रभास जी।
*🅿617. ये किस नगर के कौनसे ब्रामण थे ~????*
*🅰Ans. राजगृह के कौटिल्य गौत्रीय ब्रामण।
*🅿618. इनके माता पिता कौन थे ~????*
*🅰Ans. पिता ~ बल जी।
माता ~ अतिभद्रा जी।
*🅿619. इन्हे किस बात की शंका थी ~????*
🅰Ans. इन्हे मुक्ति के विषय में शंका थी।
*🅿620. मोक्षर्थी को क्या नही करना चाहिए ~???*
*🅰Ans. अग्निहोत्र।
*🅿621. प्रभु ने संसार परिभृमण का कारण क्या बताया है ~????*
*🅰Ans. आसक्ति।
*🅿622. कितने वर्ष की आयु में प्रभास जी दीक्षित हुए ~???*
*🅰Ans. 16 वर्ष।
*🅿623. आप छद्मस्त अवस्था में कितने समय तक रहे ~???*
*🅰Ans. 8 वर्ष।
*🅿624. केवली पर्याय में कितने समय तक विचरण किया ~???*
🅰Ans. 16 वर्ष।
*🅿625. आपकी कुल आयु कितनी थी ~???*
*🅰Ans. 40वर्ष।
*🅿626. प्रभु के 11 गणधर जी में से सबसे छोटे गणधर जी कौन थे ~???*
*🅰Ans. प्रभास जी।
*🅿627. 11 गणधर जी में से सर्वप्रथम कीन्हे केवलज्ञान हुआ ~?????*
*🅰Ans. प्रभास जी।
*🅿628. 11 गणधर जी में से सर्वप्रथम मोक्ष किन्हें प्राप्त हुआ ~????*
*🅰Ans. प्रभास जी।
*🅿629. 11 गणधर जी के साथ कुल कितने शिष्य समवसरण में आये ~???*
🅰Ans. 4400.
*🅿630. गणधर जी क्या कार्य करते हे ~????*
*🅰Ans. त्रिपदी के आधार पर द्वादशांगी की रचना।
*🅿631. इंद्रभूतिजी गौतम का जन्म नक्षत्र क्या था ~????*
*🅰Ans. ज्येष्ठा।
*🅿632. अग्निभूति जी गणधर का ~????*
*🅰Ans. कृतिका।
*🅿633. वायु भूतिजी का ~??????*
*🅰Ans. स्वाति।
*🅿634. व्यक्त स्वामीजी का ~????*
🅰Ans. श्रवण।
*🅿635. सुधर्मा स्वामीजी का ~????*
*🅰Ans. हस्तोत्तरा।
*🅿636. मंडित पुत्र जी का जन्म नक्षत्र क्या था ~?????*
*🅰Ans. मघा।
*🅿637. मौर्य पुत्र गणधर जी का ~????*
*🅰Ans. रोहाणी।
*🅿638. अकंपित जी का ~????*
*🅰Ans. उत्तराषाढा।
*🅿639. अचल भ्राता जी ~???*
🅰Ans. मृगशीर्ष।
*🅿640. मेतार्य जी ~?????*
*🅰Ans. अश्विनी।
*🅿641. प्रभास जी गणधर का जन्म नक्षत्र कौनसा है ~?????*
*🅰Ans. पुष्य।
*🅿642. सभी गणधर जी में समानता क्या थी ~?????*
*🅰Ans. उच्च कोटि के ब्रामण थे और अंत समय में सभी ने एक मास का संथारा किया।
*🅿643. प्रभु के कुल कितने गणधर जी और गण थे ~????*
*🅰Ans. 11 गणधर जी और 9 गण।
*🅿644. सभी गणधर जी किस संघयण के धारक थे ~????*
🅰Ans. वज्रऋषभ नाराच।
*🅿645. इन सभी को कितना ज्ञान होता है ~?????*
*🅰Ans. 12 अंग और 14 पूर्व का।
आज वैशाख सूद ११
शासन स्थापना दिन!
आज के शुभ दिन चरम तीर्थपति श्री महावीर प्रभुने हम सभीको संसार सागरसे पार लगाने हेतु
शासन रूपी तीर्थकी स्थापना की एवं ११ गणधर भगवंतोको दीक्षा प्रदान कर
"उपन्नेई वा, विगमेई वा, धुवेइ वा" त्रिपदी का दान फरमाया जिससे गणधर भगवंतोने द्वादशांगि की रचना की|
गणधर भगवंतो
अनंत उपकारी चरम तीर्थपति महावीर प्रभु शासननी स्थापना कर्या बाद गणधर भगवंतोने
"उपन्नेई वा, विगमेई वा, धुवेइ वा" एवी त्रिपदी नु दान करे छे.
गणधर भगवंतो ते त्रिपदी माँ थी द्वादशांगिनी रचना करे छे.
श्री विर प्रभु गणधर भगवंतो ऊपर वासक्षेप दान करी ते द्वादशांगि ऊपर
पोतानि संमति आपी गणधर भगवंतो ने गण-अनुज्ञा एटले के(शासन अनुज्ञा) आपे छे.
विर प्रभु ना 11 गणधर भगवंतो मूळ ब्राह्मण जातिना,वज्रऋषभनाराच संघयण वाळा,
तेमज समचतुरस् संस्थान वाळा हता.प्रत्येक गणधर भगवँत राजगृहीनी वैभार पहाड़ी
ऊपर मासक्षमण तपथी युक्त अनशन करी मोक्षे सिधाव्या।
आ गणधरों मूल ब्राह्मण जाती ना होवाथी पहेला प्रभु पासे पोतानि शंका नु समाधान
मेलववा जाय छे अने प्रभु साथै शंकानु निवारण थता प्रभु साथै पोताना शिष्य
परिवार समेत दीक्षा ग्रहण करे छे.
1⃣ श्री इंद्रभूति गौतम गणधर
शंका : "जिव छे के नहीं?"
दीक्षा : पोताना 500 शिष्यो साथे
2⃣श्री अग्निभूति गणधर
शंका : "कर्म छे के नहीँ ?"
दीक्षा : पोताना 500 शिष्यो साथे
3⃣श्री वायुभूति गणधर
शंका : "आत्मा आ शरीर थी भिन्न छे के अभिन्न?"
दीक्षा : पोताना 500 शिष्यो साथे
4⃣श्री व्यक्त स्वामी गणधर
शंका : "पंचभूत छे के नहीं?"
दीक्षा : पोताना 500 शिष्यो साथे
5⃣श्री सुधर्मा स्वामी गणधर
शंका : "जे प्राणी जेवो होय ते बीजा
भवमाँ पण तेवो ज रहे के बदलाय?"
दीक्षा : पोताना 500 शिष्यो साथे
6⃣श्री मंडित गणधर
शंका : "बंध तथा मोक्षनो संदेह"
दीक्षा : पोताना 350 शिष्यो साथे
7⃣श्री मौर्यपुत्र गणधर
शंका : "देवनी विद्यमानता"
दीक्षा : पोताना 350 शिष्यो साथे
8⃣श्री अंकपित गणधर
शंका : "नारकीओ नु अस्तित्व"
दीक्षा : पोताना 300 शिष्यो साथे
9⃣श्री अचलभ्राता गणधर
शंका : "पूण्य पापनी हयाती"
दीक्षा : पोताना 300 शिष्यो साथे
श्री मेतार्य गणधर
शंका : "परलोकनी हयाती"
दीक्षा : पोताना 300 शिष्यो साथे
1⃣1⃣ श्री प्रभास स्वामी गणधर
शंका : "मोक्ष छे के नहीं?"
दीक्षा : पोताना 300 शिष्यो साथे
_*श्री नाकोड़ा दरबार स्वाध्याय ग्रुप*_
*पाठशाला दिनांक- 10 नवम्बर 2018*
**सुमन जी चौधरी हनुमानगढ़ द्वारा।*
*पाठशाला समय-* *रात्रि 9:00 बजे*
पाठशाला का आज का टाॅपिक-::-
*गणधर प्रश्नोत्तरी*
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1⃣ कौन से गणधर अल्पायु में मोक्ष गये❓
🅰 ग्यारवें -- प्रभास मुनि जी
2⃣ 11गणधरों ने कितने समय का संथारा लिया❓
🅰 एक मास का
3⃣ मौर्यपुत्र जी की माता का नाम❓
🅰 विजय देवी
4⃣ मैतार्य जी का गौत्र❓
🅰 कोदिन्न ( कोडिन्य)
5⃣ किसे सर्वाधिक उम्र में केवल ज्ञान हुआ❓
🅰 सुधर्मा स्वामी जी को 92 वर्ष में
6⃣ अचल भ्राता को क्या संदेह था❓
🅰 पाप पुण्य है या नहीं
7⃣ सुधर्मा स्वामी जी के पिता का नाम❓
🅰 धर्मिल ( धमाल )
8⃣ किस गणधर ने सर्वाधिक उम्र में दीक्षा ली❓
🅰 मौर्यपुत्र जी ने 65 वर्ष की उम्र में
9⃣ कितने गणधरों की मुक्ति महावीर स्वामी जी की हाजरी में हुई❓
🅰 नव
🔟 गर्व छोड़कर कौन गणधर बने❓
🅰 इन्द्रभूति गौतम जी
1⃣1⃣ अचल भ्राता जी की आयु कितनी❓
🅰 72 वर्ष
1⃣2⃣ 11 गणधरों की दीक्षा कहाँ हुई❓
🅰 अपापा नगरी में
1⃣3⃣ 11 गणधरों की दीक्षा कौन से उद्यान में हुई❓
🅰 महासेन उद्यान में
1⃣4⃣ कौन से गणधर की आयु वीर भगवान के समान थी❓
🅰 अचल भ्राता जी
1⃣5⃣ 11 गणधरों ने किस तिथि को संयम लिया❓
🅰 वैशाख सुदि ग्यारस को
1⃣6⃣ मौर्यपुत्र कितनों के साथ दीक्षित हुए❓
🅰 350आत्माओं के साथ
1⃣7⃣ गौतम स्वामी जी अष्टापद विचरण कर रहे थे तब कितने तापसों ने दीक्षा ली❓
🅰 1503 तापसों ने
1⃣8⃣ वायुभूति जी को वैराग्य कितने वर्ष की उम्र में आया❓
🅰 42 वर्ष
1⃣9⃣ अग्निभूति जी का जन्म नक्षत्र क्या है❓
🅰 रोहिणी
2⃣0⃣ भ. महावीर जी की द्वितिय देशना में कितनी मुमुक्षु आत्माएँ संयम मार्ग पर अग्रसर हुई❓
🅰4411
⛱⛱गणधर प्रश्नोत्तरी⛱⛱
⛱1⃣-भगवान महावीर के प्रथम शिष्य कौन थे ?
🅰 इन्द्रभूति गौतम
⛱2⃣-अचल भ्राता जी को क्या सन्देह था ?
🅰पाप-पुण्य है या नहीं।
⛱3⃣-वायुभूति जी का जन्म नक्षत्र क्या था ?
🅰मृगशीर्ष
⛱4⃣-व्यक्त स्वामी जी कहाँ के निवासी थे ?
🅰कोल्लाग सन्निवेश के
⛱5⃣-सुधर्मा स्वामी जी के पिता का क्या नाम था ?
🅰धर्मिल(धमाल)
⛱6⃣-भगवान महावीर के किस गणधर ने अल्पायु में संयम ग्रहण किया ?
🅰ग्यारहवें-प्रभास जी ने
⛱7⃣-किस गणधर ने सर्वाधिक उम्र में दीक्षा ली ?
🅰मौर्यपुत्र जी ने -65 वर्ष की उम्र में
⛱8⃣-ग्यारह गणधरों ने किस तिथि को संयम लिया ?
🅰वैशाख सुदी ग्यारस को
⛱9⃣-कौन से गणधर अल्पायु में मोक्ष गये ?
🅰ग्यारहवें-प्रभास जी
⛱1⃣0⃣-भगवान महावीर के ग्यारह गणधरों ने कितने समय का संथारा लिया ?
🅰एक मास का
⛱1⃣1⃣-भगवान महावीर के गणधरों के कितने गच्छ थे ?
🅰नव
⛱1⃣2⃣-कितने गणधरों की मुक्ति महावीर स्वामी की उपस्थिति में हुई ?
🅰नव
⛱1⃣3⃣-गर्व छोड़कर कौन गणधर बने ?
🅰इन्द्रभूति गौतम
⛱1⃣4⃣-मौर्यपुत्र जी की माता का नाम क्या था ?
🅰विजयादेवी
⛱1⃣5⃣-मेतार्य जी का गौत्र क्या था ?
🅰कोदिन्न(कौडिन्य)
⛱1⃣6⃣-अकम्पित जी की कुल आयु कितनी थी ?
🅰78 वर्ष
⛱1⃣7⃣-किसे सर्वाधिक उम्र में केवलज्ञान हुआ ?
🅰सुधर्मा स्वामी जी को , 92 वर्ष में
⛱1⃣8⃣-भगवान महावीर से राजगृही में किसने शंकाओं का समाधान किया ?
🅰इन्द्रभूति गणधर ने
⛱1⃣9⃣-भगवान महावीर के शासन में प्रथम आचार्य कौन हुए ?
🅰सुधर्मा स्वामी जी
⛱2⃣0⃣-ग्यारह गणधरों की दीक्षा कहाँ हुई ?
🅰अपापा नगरी में
⛱2⃣1⃣-ग्यारह गणधरों की दीक्षा कौन से उद्यान में हुई ?
🅰महासेन उद्यान में
⛱2⃣2⃣-कौन से गणधर की आयु भगवान महावीर की आयु के समान थी ?
🅰अचल भ्राता जी
⛱2⃣3⃣-अचलभ्राता जी की आयु कितनी थी ?
🅰72 वर्ष
⛱2⃣4⃣-भगवान महावीर जी के कौन से गणधर अधिक समय तक छद्मस्थावस्था में रहे ?
🅰सुधर्मा स्वामी जी
⛱2⃣5⃣-गौतम स्वामी अष्टापद विचरण कर रहे थे ,तब कितने तापसों ने दीक्षा ली ?
🅰1503 तापसों ने
⛱2⃣6⃣-मौर्यपुत्र कितनों के साथ दीक्षित हुए ?
🅰350 आत्माओं के साथ
⛱2⃣7⃣-भगवान महावीर जी की द्वितीय देशना में कितनी मुमुक्षु आत्माएँ संयम मार्ग पर अग्रसर हुईं ?
🅰इन्द्रभूति आदि 4411 शिष्य
⛱2⃣8⃣-अग्निभूति जी का जन्म नक्षत्र क्या था ?
🅰रोहिणी
⛱2⃣9⃣- वायुभूति जी को वैराग्य कितने वर्ष की आयु में आया ?
🅰42 वर्ष
⛱3⃣0⃣-किस गणधर की आयु सर्वाधिक थी ?
🅰 सुधर्मा स्वामी जी की
⛱3⃣1⃣- सुधर्मा स्वामी जी की कुल आयु कितनी थी ?
🅰100 वर्ष
🙏🏿🙏🏿जिनाज्ञा विरुद्ध कुछ भी लिखा हो तो मिच्छामि दुक्कडं🙏🏿🙏🏿
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💠💠💠💠💠💠💠💠
*श्री नाकोडा दरबार पाठशाला में*
*🙏🏻 पाठशाला समाप्त 🙏🏻*
*पाठशाला लेते हुए मुझसे कुछ गलती हुई हो , किसी का दिल दुखा हो , जिनाज्ञा विरूद्ध कुछ लिखा हो तो*
*🙏🏻मिच्छामि दुक्कडम 🙏🏻*
*आपकी अनुमोदना सा सभी समय पर उपस्थित रहे ।।*
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Gandharva ke magani ka nam nahi mila
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