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आचार्य साधु

46. वो 2 मुनीवर कौन जिन्होंने एक ही रात में 4000 और 3000 श्लोक कंठस्थ किये- और दोनों ने मिलकर एक प्रख्यात ग्रन्थ की रचना की थी। ans. महामहोपाध्याय यशोविजयजी ने एक ही रात में 4000 श्लोक और महामहोपाध्याय विनयविजयजी ने एक ही रात में 3000 श्लोक कंठस्थ किये- और दोनों ने मिलकर “श्रीपाल राजा के रास” की रचना की थी। 47. श्री यशोभद्र सूरीश्वरजी ने आचार्य पदवी मिलने के बाद कौन सी प्रतिज्ञा ली थी ? ans. 6 विगई का त्याग और आहार में सिर्फ 8 निवाले लेने की प्रतिज्ञा ली थी। 48. कौन से 2 श्रावक थे जो रोज 200 लोगस्स का काउसग्ग करते थे ? ans. सिरोही के उजल और काजा 49. आचार्य श्री यशोभद्रसूरीश्वरजी ने एक ही दिन में एक ही समय पर कौन कौन से गांव में प्रतिष्ठा की थी ? ans. आहड, करहेड़ा, कविलन, सांभर, भेसर – इन पांच गाँव में l 50. 7 साल की उम्र में २ घंटे में पक्खी सूत्र कंठस्थ करने वाले बालमुनि कौन ? ans. बालमुनि श्री त्रिभुवनरत्न विजयजी l 51.”द्वादसार नयचक्र” ग्रन्थ के रचयिता कौन ? ans.श्री मल्ल्वादिसूरीश्वरजी जिन्होंने सिर्फ 1 श्लोक के आधार पर 10000 श्लोक प्रमाण विशाल ग्रंथ बनाया। 52. महा

जीर्ण सेठ की प्रश्नोत्तरी

प्रश्न. १. ग्यारहवें चातुर्मास के चातुर्मासिक तप का पारणा वीर प्रभु ने किसके यहाँ किया ? उत्तर. पुरण सेठ के यहाँ, उनकी दासी के हाथों, काष्ठ पात्र कुलत्थ ( उड़द के बाकुले ) से किया | प्रश्न. २. वीर प्रभु को देखकर  पुरण सेठ ने दासी से क्या कहा ? उत्तर.  इस भिक्षुक को भोजन देकर चलता कर | प्रश्न. ३.वीर प्रभु ने पारणा किया यह बात जीर्ण सेठ को कैसे पता चली ? उत्तर.  देवदुंदुभी की आवाज़ सुनकर | प्रश्न. ४. जीर्ण सेठ देवदुंदुभी की आवाज़ सुनकर निराश क्यों हुए ? उत्तर.  देवदुंदुभी की आवाज़ सुनकर जीर्ण सेठ समझ गए कि प्रभु का पारणा ही गया है | इसी कारण उन्हें निराशा हुई कि मैं इस लाभ से वंचित रह गया | प्रश्न. ५. वीर प्रभु को सुपात्र दान देने की भावना भाते – भाते जीर्ण सेठ ने कौनसे देवलोक का पुण्य उपार्जन किया ? उत्तर. १२ वें अच्युत देवलोक में महान ऋद्धिशाली देव होने का पुण्य उपार्जन किया | प्रश्न. ६. यदि जीर्ण सेठ दो घडी देवदुंदुभी की आवाज़ नहीं सुनता तो क्या हो जाता ? उत्तर. . जीर्ण सेठ केवली बन जाता | प्रश्न. ७. “ जीर्ण सेठ और पुरण सेठ में से कौन महान था ? “ यह प्रश्न किसने पू

एक क्या है

Topic -::- *एक  क्या है ®️🕊️*मात्र Example -::- ®️ *पांच चारित्रों में से एक मात्र चारित्र जिसमे कषाय का उदय नहीं होता*❓ 🅰️ *यथ्याख्यात चारित्र*🕊️ 1️⃣ *एक मात्र नरक जहाँ स्त्री कभी नहीं जा सकती*❓®️ 🅰️ *सातवी नरक*🕊️ 2️⃣ *एक मात्र गुनस्थानक जिसमें समस्त चौवीस दंडकवर्ती जीव पाये जाते है*❓®️ 🅰️ *मिथ्यदृष्टि गुनस्थानक*🕊️ 3️⃣ *एक मात्र सूत्र जो श्वेतांबर एवं दिगंबर दोनों परंपराओं में समान रूप से मान्य है*❓®️ 🅰️ *तत्वार्थ सूत्र*🕊️ 4️⃣ *एक मात्र गति जहां वासुदेव और प्रति वासुदेव दोनों जाते हैं*❓®️ 🅰️ *नरक*🕊️ 5️⃣ *एक मात्र मत्स्य जो नियमित मीठा पानी ही पिता है*❓®️ 🅰️ *श्रृंगी मत्स्य*🕊️ 6️⃣ *भरत क्षेत्र में स्थित एक मात्र तीर्थ,, अनंत सिद्ध आत्माओं का पावन धाम है*❓®️ 🅰️ *शत्रुंजय गिरिराज*🕊️ 7️⃣ *पांच इंद्रियों में से एक मात्र इंद्रिय जो संपूर्ण शरीर में व्याप्त है*❓®️ 🅰️ *स्पर्शनेंद्रिय*🕊️ 8️⃣ *एक मात्र कर्म जो जीवन में एक बार ही बंदता है*❓®️ 🅰️ *आयुष्य कर्म*🕊️ 9️⃣ *एक मात्र संघयन वाला जीव ही मोक्ष गामी होता है*❓®️ 🅰️ *वज्र ऋषभ नारच संघयन*🕊️

धर्म रुचि अनगारधर्म भावना

#भावना - 34 धर्म भावना जाचे सुर तरु देत सुख, चिन्तत चिन्ता रैन। बिन जाचे बिन चिन्तये, धर्म सकल सुख दैन।। धर्म करत संसार सुख , धर्म करत निरवान । धर्म पंथ साधे बिना , नर तिर्यंच समान ।12। दया मूलक धर्मभावना के लिए उत्कृष्ट दृष्टांत है धर्मरूचि अणगार का। आचार्य धर्मघोष के शिष्य धर्मरूचि अणगार एकबार तपस्या के पारणे पर गुरु आज्ञा लेकर गोचरी हेतु निकले। एक नागश्री ब्राह्मणी के घर गलती से कड़वे तुंबे की सब्जी बन गई थी। नागश्री ने उस सारी सब्जी को योग्य स्थान पर फेंकने की जगह इन संत को मना करने के बाद भी वहोरा दी। मुनि ज्यादा सब्जी देख अन्य गोचरी लिए बिना ही गुरु के पास आये और विनययुक्त अपनी गोचरी गुरुदेव को बतायी। गुरुदेव ने उस सब्जी को सूंघकर जान लिया कि वह सब्जी अत्यंत विषैली है। इसे खाने से प्राण जा सकते है। आचार्य ने उस सब्जी को निर्वद्य स्थान पर परठने की आज्ञा दे दी। गुरु आज्ञा मानकर मुनि वन में एक निर्वद्य स्थान पर आये। वह सब्जी किसी अन्य जीव को नुकसान न पहुंचाये इस हेतु सब्जी की एक बूंद जमीन पर डाली। उस के घी व मसाले की सुगंध से खींचकर कुछ ही क्षणों में कई चींटियां वहाँ आ

सामान्य 4

16. आचार्यश्री जिनकुशल सुरि जी का गृहस्थावस्था में क्या नाम था ans. श्री करमण जी 17. चार प्रकार के आहार का त्याग कौन सा तप हे ? ans. अनशन 18. कुंकुमवर्णा पार्श्व प्रभु किस तीर्थ में बिराजमान हे ? ans. अजाहरा तीर्थ 19. अष्टापदजी तीर्थ के भव्य प्रासाद का नाम ? ans. सिंह निषदा प्रासाद 20. अनार्य देश से आ के अणगार कौन बने ? ans. आद्र कुमार जी 21. 5,68,99,584 रोग कौन सी नारक में हे ? ans. सातवी (७) 22. कुमारपाल महाराजा की जन्मभूमि ? ans. दधिस्थली धुंधका 23. चारित्र प्राप्ति के लिए 60,000 साल आयम्बिल किसने किये ? ans. सुंदरी जी ने 24. वीरासन में कौन सा सूत्र बोला जाता हे  ? ans. वंदित्तु 25. जहा पर्युषण महापर्व मनाये जाते हे ऐसे ? ans.  भरत, ऐरावत क्षेत्र l 26. सर्व प्रथम कल्पसूत्र श्रवण करने वाले राजा ? ans. ध्रुवसेन जीl 27. कल्पसूत्र में ९ वे व्याख्यान का नाम ans. सामाचारी l 28. प्रभु वीर ने २ बार वासक्षेप किया उन गणधर का नाम ? ans. श्री सुधर्मा स्वामीजी l 29. पुण्य पाप का वर्णन कौन से आगम में आता हे ? ans. विपाक सूत्र l 30. 6 द्रव्य का वर्णन कौन

मंत्री

🙏 *वीतराग वाटीका*🙏 10-08-2020 Neetu Ji Jain Topic -::- Mahan mantrishwar चार प्रकार की बुद्धि के धनी कौन मंत्री थे 1.  Abhayji राज दरबार जाते हुए पालकी मे स्वाध्याय करते थे Pethadsa किस मंत्री ने मरते समय साधु दर्शन कि इच्छा रखी उदायनजी कौन घ्रानेन्द्रिय विजेता कहलाये सुबुद्धि जी किसने121/2 बार शत्रुंजय का संघ निकाला Vastupal tejpalji किन्होने मंदिर की जमीन के लिये सम चोरस सुवर्ण मुद्राए बनायी विमल मंत्री श्रीपाल कुंवर की जान किसने बचायी Matisagar शत्रुंजय तीर्थ के उद्धार  मे इनका बडा योगदान था Bahad mantri इनका ब्रह्मचर्य पालन प्रशंसनीय था Pethadsha कौन साधु द्वेषी था नमुचि जी कुमारपाल राजा के मंत्री का नाम कपर्दी जी Ajay pal bhatijey they पालक जी अजय पाल की आज्ञा न मानकर भगवान की आज्ञा के लिए प्राण त्यागने को तैयार हुए कपर्दी जी इन्होने पूरे गुजरात की सात दिन तक साधर्मिक भक्ति की झांझंण जी अकाल मे दानशाला खोलकर साधर्मिक भक्ति की जगडुशाह 1️⃣ मै अपना बलिदान देने को तैयार हूं पर तिलक मिटाने को नहीं  तिलक तो अमर रहेगा❓ 🅰️ *कपर्दी म

महान नारीयों के गुण

* *📚1.प्रथम तीर्थंकर जी की माता का नाम ?* *🅰️ मरुदेवी माता !* *📚 2.आश्चर्य रुप अरिहंत कौन बनी ?* *🅰️  मल्लिकुमारी जी  !* *📚3.  सीताजी के अपहरण का कडा विरोध करनेवाली पतिव्रता नारी ?* *🅰️ मंदौदरी जी !* *📚4. त्रिपृष्ट वासुदेवकी माता का क्या नाम था ?* *🅰️ मृगावती जी !*  *📚5.चेटक राजा की कौनसी पुत्री साध्वीजी बनी !* *🅰️ सुजेष्ठा जी !* *📚6.किस माता की सर्वोत्कृष्ट पुण्यवाणी थी ?* *🅰️ मरुदेवी माता जी!* *📚7. 16 महासतियों मे साध्वी प्रमुखा कौन बनी ?* *🅰️ ब्राह्मीजी, चंदनबाला जी !* *📚8. इस काल की प्रथम साध्वीजी कौन हुई ?* *🅰️ ब्राह्मीजी !* *📚9. काकंण डोरला छोडकर रजोहरण किसने उठाया ?* *🅰️ राजुलजी (राजमतिजी)!* *📚10. सवाल पुछकर संसार किसने छोडा ?* *🅰️ जयंती श्राविका जी !* 1️⃣ *दमयंती जी का महान गुण क्या है*❓ 🅰️ *साहस* 2️⃣ *सीता जी का महान गुण क्या है*❓ 🅰️ *पवित्रता* 3️⃣ *सुलसा जी का महान गुण क्या है*❓ 🅰️ *दृढ श्रद्धा* 4️⃣ *मृगावती जी का महान गुण क्या है*❓ 🅰️ *प्रायश्चित* 5️⃣ *प्रभंजना जी का महान गुण क्या है*❓ 🅰️ *उत्कृष्ट वैराग्य* 6️⃣ *जयंती जी का महान गुण

एक से पच्चीस तक

🙏 *वीतराग वाटीका*🙏 13 - 08 - 2020 Priti Ji Savadia Topic -::-  *एक से पच्चीस तक!!* 1️⃣ एक अकेला फल लेके चला!!! (फल को पहचानिए) 🆗 केला। 2️⃣ दो शुभ,दो अशुभ। 🆗 ध्यान। 3️⃣ प्रथम तीन अशुभ!! 🆗 लेश्या। 4️⃣ चार स्वप्न किसकी माता देखती है?? 🆗 बलदेवजी। 5️⃣ पांच में भी है, ग्यारह में भी है!! 🆗 साधर्मिक भक्ति। (कर्तव्य) 6️⃣ छ: भव ब्राह्मण के किए?? 🆗 महावीर स्वामी जी। 7️⃣ सात  जो हमें सतत सताते हैं?? 🆗 भय। 8️⃣ आठ + आठ स्वप्न किस राजा ने देखे?? 🆗 चंद्रगुप्त मौर्य। 9️⃣ नव में से एक देवलोक बाकी सब मोक्ष। 🆗 बलदेव जी। 🔟 दस कोडाकोडी सागरोपम =   ?? 🆗 एक उत्सर्पिणी/एक अवसर्पिणी। 1️⃣1️⃣ ग्यारह बार समुद्र यात्रा में हम दोनों भाई सफल रहे?? 🆗 जिनपालजी/जिनरक्षितजी। 1️⃣2️⃣ बारहवें स्थान पर अगली चौबीसी में कौन?? 🆗 अमम जी।(श्री कृष्ण का जीव) 1️⃣3️⃣ तेरह भव किस तीर्थंकर परमात्मा के?? 🆗 ऋषभदेव जी। 1️⃣4️⃣ चौदह चातुर्मास वीर प्रभु ने कहां किए?? 🆗 राजगृही। 1️⃣5️⃣ पंद्रह उपवास का फल क्या करने से मिलता है?? 🆗 एक महीना रात्रि भोजन त्याग करने से और श

आदिनाथ भव भाग 2

             *महावीर के उपदेश ग्रुप*                 *श्री आदिनाथ चारित्र*              *भाग -1* *हे प्रभु ! आदि जिनेश्वर तुमको वन्दन 🙏🏽करु* *तुम हो जैन धर्म की शान*🚩 *नाम तुम्हारा ही लेकर प्रारंभ किया गुणगान* ✍🏽✍🏽✍🏽 जो इस अवसर्पिणी काल में      *पहला राजा* 👑      *पहला तिर्थंकर* 🌅       *पहला त्यागीमुनि* हैं। जो स्वर्ग लोक, मृत्युलोकऔर पाताल लोक के स्वामी 🌅हैं।  उस *अरिहंत पद को हम नमस्कार करते हैं* 🙏🏻।  प्रभुने शाशन व्यवस्था का विकास  एवं दंड नीति🔗🔗 बनाकर राष्ट्र कि सुरक्षा की उत्तम व्यवस्था की।   सामान्य लोक अपना जीवन सरलतासे, सुरक्षा⚔ से बिता सके इसलिए  असि की स्थापना की।        मसि:   प्रारम्भ में मुद्रा का प्रचलन था। इसलिए लोगों को प्रशिक्षित कर  व्यापार करना सिखाया। कृषि: कल्पवृक्ष की संख्या कम होने से खाद्य समस्या दूर करने🌾🎋 खेती कैसे करनी है ।इसका प्रशिक्षण दिया।  लोगो को स्वावलंबी और कर्मशील बनाने 72 विविध कलाएं🏹🏹🤺🎣 सिखाई।  स्त्रीयों के हित के लिए✂✏🔍🖌 64 कलाएं सिखाई।    भगवान ने युगला धर्म👫 निवार कर  शादी की आदर्श व्यवस्था स्था