अरिहंत भगवान 4
अरिहंत भगवान को।
133 अरिहन्त किसे कहते हैं ?
अरि=शत्रु,हन्त=नष्ट कर दिया ,जिन्होने राग - द्वेष रूपी शत्रुओ को नष्ट कर दिया,वे अरिहन्त कहलाते है।
अरि=शत्रु,हन्त=नष्ट कर दिया ,जिन्होने राग - द्वेष रूपी शत्रुओ को नष्ट कर दिया,वे अरिहन्त कहलाते है।
134 अरिहन्त कब बनते हैं ?
घाति कर्म क्षय होने पर ।
घाति कर्म क्षय होने पर ।
135 घाति कर्म कितने है?
चार ।
चार ।
136 चार घाति कर्म कौन से है?
1.ज्ञानावरणीय 2.दर्शनावरणीय,3 मोहनीय,4.अन्तरायकर्म।
1.ज्ञानावरणीय 2.दर्शनावरणीय,3 मोहनीय,4.अन्तरायकर्म।
137 चार घाति कर्मो मेंसे सबसे पहले कौनसा कर्म क्षय होता है?
मोहनीय कर्म।
मोहनीय कर्म।
138 चार घाति कर्मो के क्षय होने से कौन सा ज्ञान होता है?
केवलज्ञान ।
केवलज्ञान ।
139अरिहन्त के पास दुनिया को देखने की दूरबीन कौनसी हैं ?
केवलदर्शन।
केवलदर्शन।
140 अरिहन्त भगवान के पास दुनिया को मापने का थर्मामीटर कौनसा है?
केवलज्ञान
केवलज्ञान
141 कौन से ज्ञानवालों को प्रश्न उत्पन्न नही होता है?
केवलज्ञान।
केवलज्ञान।
142 अरिहन्त भगवान कितने दोष रहित होते हैं ?
अठारह दोष रहित होते हैं ।
अठारह दोष रहित होते हैं ।
143 अरिहन्त भगवान मे नहीं पाये जानेवाले 18दोष कौन से हैं ?
1.मिथ्यात्व 2.अज्ञान 3.मद 4. क्रोध 5.माया 6.लोभ 7.रति 8.अरति 9.निद्रा 10.शोक 11.अलीक 12.चौर्य 13.मत्सरता 14.भय 15.हिंसा 16.प्रेम 17.क्रीडा 18.हास्य ।
1.मिथ्यात्व 2.अज्ञान 3.मद 4. क्रोध 5.माया 6.लोभ 7.रति 8.अरति 9.निद्रा 10.शोक 11.अलीक 12.चौर्य 13.मत्सरता 14.भय 15.हिंसा 16.प्रेम 17.क्रीडा 18.हास्य ।
144 अरिहंत को देव क्यों कहा गया हैं ?
दिव्य गुणों से युक्त एंव दोषों से रहित होने के कारण ।
दिव्य गुणों से युक्त एंव दोषों से रहित होने के कारण ।
145 सम्यक्तव मे सबसे पहले स्थान किसका हैं ?
अरिहंत का ।
अरिहंत का ।
146 सामायिक लेते समय सबसे पहले क्या बोलते हैं ?
णमो अरिहंताणं।
णमो अरिहंताणं।
147 तीर्थकर का दुसरा नाम क्या हैं ?
अरिहन्त।
अरिहन्त।
148 सामान्य केवली किस पद मे आते हैं ?
दो मान्यता है , १ अरिहंत पद , २ साधु पद पाँच मे पद मे .
दो मान्यता है , १ अरिहंत पद , २ साधु पद पाँच मे पद मे .
149 अरिहंत बनने के लिए सबसे पहले क्या बनते है?
निर्ग्रन्थ/साधु/श्रमण।
निर्ग्रन्थ/साधु/श्रमण।
150 ध्यान पूरा होने पर हम सबसे पहले क्या बोलते है?
नमो अरिहंताणं
नमो अरिहंताणं
151 अरिहंत भगवान मे कितने उपयोग होते है?
दो।
दो।
152 अरिहंत भगवान मे कौन से दो उपयोग पाए जाते है?
1.केवलज्ञान 2.केवलदर्शन
1.केवलज्ञान 2.केवलदर्शन
153 अरिहंत भगवान क्या नही देखते हैं?
स्वप्न नही देखते ।
स्वप्न नही देखते ।
154 अरिहंत भगवान क्या नहीं देते?
अभवी जीव को दीक्षा नही देते।
अभवी जीव को दीक्षा नही देते।
155 अरिहंत भगवान क्या नही लेते ?
निद्रा नहीँ लेते ।
निद्रा नहीँ लेते ।
156 अरिहंत भगवान क्या नही करते ?
प्रमाद नही करते।
प्रमाद नही करते।
157अरिहंत भगवान कितने द्वीपों मे रहते हैं ?
अढ़ाई द्वीप में।
अढ़ाई द्वीप में।
158 अरिहंत भगवान कितने क्षेत्रों मे रहते हैं ?
15 क्षेत्रों में रहते हैं ।
15 क्षेत्रों में रहते हैं ।
159 अरिहंत भगवान के कितने शरीर होते है?
(3) औदारिक,तैजस,कार्मण। ।
(3) औदारिक,तैजस,कार्मण। ।
160 क्या अरिहंत भगवान बिमार हो सकते है?
हाँ हो सकते हैं ।
हाँ हो सकते हैं ।
161अरिहंत भगवान किस कर्म के उदय से बिमार होते है?
वेदनीय कर्म के उदय से ।
वेदनीय कर्म के उदय से ।
162 रत्नों का पिटारा कौन है?
अरिहंत/आचार्य
अरिहंत/आचार्य
163 24 दंड़को में सें अरिहंत भगवान मे कितने दंड़क पाए जाते हैं ?
एक ही दंड़क( संज्ञी(मनुष्य का)
एक ही दंड़क( संज्ञी(मनुष्य का)
164 अरिहंत भगवान प्रतिक्रमण करते है या नही ?
प्रतिक्रमण नही करते है।
प्रतिक्रमण नही करते है।
165 अधोलोक में अरिहंत भगवान होते है या नही ?
होते हैं ।
होते हैं ।
168 अरिहंत भगवान में कितने गुण पाए जाते हैं?
बारह
बारह
169 अरिहंत भगवान का नाम व गौत्र क्या हैं?
नाम-जंगम काय, गौत्र-त्रस काय ।
नाम-जंगम काय, गौत्र-त्रस काय ।
170 अरिहंत भगवान में बारह गुण कौन से पाये जाते है?
1.अणासणे(अनाश्रव)
2.अममे(अममत्व)
3.अकिंचणे(अकिंचन)
4.छिन्नसोए (छिन्नशोक)
5.निरूवलेवे(निरूपलेप)
6.ववगय पेम राग दोस मोहे (व्यपगत प्रेम राग द्वेष मोह)
7.णिग्गथस्स पावयणं देसए (निर्ग्रन्थ प्रवचनके उपदेशक)
8.सत्थनायगे (सार्थ के नायक)
9.अणंतनाणी (अनंतज्ञानी)
10.अंणतदंसी (अनंतदर्शनी)
11.अणंतचरित्ते (अनंत चारित्री)
12.अंणत वीरिय संजुते(अनंत वीर्य पुरुषार्थ से युक्त )होते हैं।
1.अणासणे(अनाश्रव)
2.अममे(अममत्व)
3.अकिंचणे(अकिंचन)
4.छिन्नसोए (छिन्नशोक)
5.निरूवलेवे(निरूपलेप)
6.ववगय पेम राग दोस मोहे (व्यपगत प्रेम राग द्वेष मोह)
7.णिग्गथस्स पावयणं देसए (निर्ग्रन्थ प्रवचनके उपदेशक)
8.सत्थनायगे (सार्थ के नायक)
9.अणंतनाणी (अनंतज्ञानी)
10.अंणतदंसी (अनंतदर्शनी)
11.अणंतचरित्ते (अनंत चारित्री)
12.अंणत वीरिय संजुते(अनंत वीर्य पुरुषार्थ से युक्त )होते हैं।
171 अधोलोक मे अरिहंत कहा पाये जाते है?
जम्बुद्वीप के महाविदेह की 24 वीं सलिलावती एंव 25 वीं वप्रविजय में जो अधोलोक में 1000 योजन गहरी गई हुई है ।
जम्बुद्वीप के महाविदेह की 24 वीं सलिलावती एंव 25 वीं वप्रविजय में जो अधोलोक में 1000 योजन गहरी गई हुई है ।
172 तीर्थकर को देवाधिदेव क्यों कहाँ गया हैं ?
पारमार्थिक देवपना होने से सब सें अधिक श्रेष्ठ होने के लिए ,
एेसे केवलज्ञान,केवलदर्शन के धारण करने वाले तीर्थकर भगवान को देवाधिदेव कहा गया हैं ।(भगवती सूत्र शतक 12 उद्देशक 9)
पारमार्थिक देवपना होने से सब सें अधिक श्रेष्ठ होने के लिए ,
एेसे केवलज्ञान,केवलदर्शन के धारण करने वाले तीर्थकर भगवान को देवाधिदेव कहा गया हैं ।(भगवती सूत्र शतक 12 उद्देशक 9)
173 तीर्थकर भगवान के जन्म से कितने अतिशय होते है?
चार
चार
174 ज्ञानावरणीय कर्म के क्षय से किस गुण की प्राप्ति होती हैं ?
केवलज्ञान की प्राप्ति होती हैं ।
केवलज्ञान की प्राप्ति होती हैं ।
175 दर्शनावरणीय कर्म के क्षय से किस गुण की प्राप्ति होती हैं ?
केवल दर्शन ।
केवल दर्शन ।
176 दर्शन मोहनीय कर्म के क्षय से किस गुण की प्राप्ति होती हैं ?
क्षायिक समयक्तव ।
क्षायिक समयक्तव ।
177 चारित्र मोहनीय कर्म के क्षय से किस गुण की प्राप्ति होती हैं ?
यथाख्यात चारित्र।
यथाख्यात चारित्र।
178 अन्तराय कर्म के क्षय से किस गुणो की प्राप्ति होती है?
पाँच गुणों की ।
पाँच गुणों की ।
179 तीर्थकर भगवान के देवकृत कितने अतिशय होते है?
पन्द्रह
पन्द्रह
180 तीर्थकर भगवान के केवलज्ञान कृत कितने अतिशय होते है?
पन्द्रह
पन्द्रह
181 तीर्थकर कितनी गति से अाकर उत्पन्न हो सकते हैं ?
दो गति - देव गति एंव नरक गति।
दो गति - देव गति एंव नरक गति।
182 पहले पद मे कितने अक्षर होते हैं?
सात अक्षर ।
सात अक्षर ।
183 तीर्थकर कितने देवलोको से अाकर उत्पन्न होते है?
35 स्थानो से (12देवलोक 9लोकान्तिक,9ग्रैवेयक,5अनुत्तर विमान = 12+9+9+5=35
35 स्थानो से (12देवलोक 9लोकान्तिक,9ग्रैवेयक,5अनुत्तर विमान = 12+9+9+5=35
184 जम्बुद्वीप में एक साथ एक समय में कम से कम कितने तीर्थकरो का जन्म हो सकता है?
दो (भरत - एरावत क्षेत्रापेक्षया)।
दो (भरत - एरावत क्षेत्रापेक्षया)।
185 जम्बुद्वीप मे एक साथ एक समय में कम से कम कितने तीर्थंकरो का जन्म हो सकता हैं ?
चार (महाविदेह क्षेत्र की अपेक्षा से)।
चार (महाविदेह क्षेत्र की अपेक्षा से)।
186जबुद्वीप मे ज्यादा से ज्यादा कितने तीर्थकर विचरण कर सकते हैं ?
34 (32 विजयो में+1भरत में +एेरावत क्षेत्र में)।
34 (32 विजयो में+1भरत में +एेरावत क्षेत्र में)।
187 अढ़ाई द्वीप में कम से कम कितने तीर्थंकर होते है?
20 तीर्थंकर ।
20 तीर्थंकर ।
188 अढाई द्वीप में ज्यादा से ज्यादा कितने तीर्थंकर होते हैं ?
170
170
189 तीर्थकर भगवान के कितने अतिशय होते हैं ?
चौंतीस (34)।
चौंतीस (34)।
190 अन्तराय कर्म के क्षय से कौन से गुण की प्राप्ति होती है?
अनंत दान लब्धि,अनंत लाभ ,अनंत भोग,अनंत उपभोग ,अनंतवीर्य लब्धि गुण प्राप्त होते है।
अनंत दान लब्धि,अनंत लाभ ,अनंत भोग,अनंत उपभोग ,अनंतवीर्य लब्धि गुण प्राप्त होते है।
191 तीर्थकर अरिहंत क्या कहकर संयम ग्रहण करते है?
णमो सिद्धाणं।
णमो सिद्धाणं।
192 अरिहंत भगवान के अन्य कौनकौन से नाम है?
जिन,वीतरागी,तीर्थकर,केवलज्ञानी,सर्वज्ञ,सर्वदर्शी,भगवान,परमात्मा,परमेश्वर,अर्हन्त,केवली।
जिन,वीतरागी,तीर्थकर,केवलज्ञानी,सर्वज्ञ,सर्वदर्शी,भगवान,परमात्मा,परमेश्वर,अर्हन्त,केवली।
193 तीर्थकर भगवान का जन्म दिन मे होता है या रात्रि मे?
रात्रि में।
रात्रि में।
194 भरत-एेरवत क्षेत्र में तीर्थकर भगवान का जन्म किस किस आरे मे होता हैं?
तीसरे-चौथे आरे में।
तीसरे-चौथे आरे में।
195 रात्रि के किस समय मे होता हैं ?
मध्य रात्रि में।
मध्य रात्रि में।
196 एक अवसर्पिणी काल में कितने तीर्थकर होते हैं ?
24 (चौबीस)।
24 (चौबीस)।
197 एक उत्सर्पिणी काल मे कितने तीर्थंकर होते हैं ?
24(चौबीस)
24(चौबीस)
198 एक काल चक्र मे कितने तीर्थकर होते है?
48
48
199 एक पुदगल परावर्तन काल मे कितनी चौबिसियां होती हैं ?
अनन्त।
अनन्त।
200 प्रत्येक तीर्थकर के कितने कल्याणक होते हैं ?
पाँच ।
पाँच ।
201 इस चौबीसी में कितने कल्याणक हुये हैं?
121कल्याणक हुये । (भगवान महावीर के ६ कल्याणक )
Topic -::- आज की पाठशाला मैं *चन्द्रकला पोखरना* ले रही हू ।
Topic :- *प्रथम एवं अन्तिम तीर्थंकर प्रभु* Continue 2nd
प्रश्न एक उत्तर दो, एक हमारा एक आपका
प्र 31 ऋषभदेव जी का प्रथम पारणा स्थल हस्तिनापुर तो महावीर स्वामी का❓
🅰️31 कोल्लाग सन्निवेश
प्र32 महावीर स्वामी का प्रथम पारणा 2 दिन बाद तो
ऋषभदेव जी का❓
🅰️32 400 दिन
प्र33 ऋषभदेव जी का प्रथम पारणा इक्षुरस तो महावीर स्वामी का❓
🅰️33 खीर
प्र 34 ऋषभदेव जी के प्रथम भीक्षादाता श्रेयांस कुमार जी तो महावीर स्वामी जी के❓
🅰️34 बहुल जी ब्राह्मण
प्र 35 ऋषभदेव जी का उत्कृष्ट तप 12 माह तो महावीर स्वामी का❓
🅰️35 6माह
प्र 36 महावीर स्वामी का विचरण क्षेत्र आर्य+अनार्य तो ऋषभदेव जी का❓
🅰️36 आर्य+अनार्य
प्र 37 ऋषभदेव जी की छद्मावस्था 1000 वर्ष तो महावीर स्वामी की❓
🅰️37 15दिन
प्र 38 महावीर स्वामी का केवल कल्याण वैशाख सुदी10 तो ऋषभदेव जी का ❓
🅰️38 फाल्गुन वदी 11
प्र39 ऋषभदेव जी का केवल ज्ञान तप अट्ठम तो महावीर स्वामी का❓
🅰️39 छट्ठ तप
प्र 40 महावीर स्वामी जी की केवल ज्ञान नगरी जृंभिका नगरी तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️40 पुरिमताल
प्र 41 ऋषभदेव जी के गण गणधर 84 तो महावीर स्वामी के❓
🅰️41 9गण 11गणधर
प्र42 महावीर स्वामी की साधु संख्या 14 हजार तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️42 84 हजार
प्र 43 ऋषभदेव जी के प्रथम गणधर ऋषभसेन (पुण्डरीक)तो महावीर स्वामी के ❓
🅰️43 इन्द्रभूति गौतम
प्र44 महावीर स्वामी की साध्वी संख्या 36 हजार तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️44 3लाख
प्र 45 ऋषभदेव जी की प्रमुख साध्वी ब्राह्मी जी तो महावीर स्वामी जी की ❓
🅰️45 चन्दना जी
प्र46 महावीर स्वामी जी के श्रावक गण 1लाख 59 हजार तो ऋषभदेव जी के❓
🅰️46 3लाख 5हजार
प्र47 ऋषभदेव जी की 5लाख 54 हजार श्राविका तो महावीर स्वामी जी की❓
🅰️47 3लाख 18 हजार
प्र48 महावीर स्वामी जी के प्रमुख राजा श्रेणिक जी तो ऋषभदेव जी के❓
🅰️48 भरत चक्रवर्ती
प्र49 ऋषभदेव के 20000 केवली श्रमण तो महावीर स्वामी के❓
🅰️49 700
प्र 50 ऋषभदेव जी की पर्यान्त भूमि अन्तर्मुर्हत तो महावीर स्वामी की❓
🅰️50 4वर्ष
प्र51 महावीर स्वामी की यक्षिणी सिद्धायिका देवी तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️51 चक्रेश्वरी देवी(अप्रतिचक्रा)
प्र52 ऋषभदेव जी के यक्ष गोमुख जी तो महावीर स्वामी के❓
🅰️52 मातंग जी
प्र53 महावीर स्वामी जी का आयुष्य 72 वर्ष तो ऋषभदेव जी का❓
🅰️53 84लाख पूर्व
प्र54 ऋषभदेव जी का मोक्ष कल्याणक माघ वदी 13 तो महावीर स्वामी जी का❓
🅰️54 कार्तिक वदी अमावस
प्र55 महावीर स्वामी जी का संलेखना तप छट्ट तो ऋषभदेव जी का❓
🅰️55 छः उपवास
प्र56 ऋषभदेव जी का निर्वाण स्थल अष्टापद तो महावीर स्वामी जी का❓
🅰️56 पावापुरी (अपापा)
प्र57 महावीर स्वामी का निर्वाण आसन पर्यांकासन तो ऋषभदेव जी का❓
🅰️57 पर्यांकासन
प्र58 ऋषभदेव जी 10000 के साथ मोक्ष गये तो महावीर स्वामी जी❓
🅰️58 अकेले
प्र59 महावीर स्वामी जी की निर्वाण राशि तुला तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️59 मकर
प्र60 ऋषभदेव जी के शासन में भावी जिनवर मरीचि तो महावीर स्वामी के शासन में ❓
🅰️60 श्रेणिक जी , उदायनराजा जी, सुलसा जी , शतक , सुपार्श्व आदि (10)
121कल्याणक हुये । (भगवान महावीर के ६ कल्याणक )
Topic -::- आज की पाठशाला मैं *चन्द्रकला पोखरना* ले रही हू ।
Topic :- *प्रथम एवं अन्तिम तीर्थंकर प्रभु* Continue 2nd
प्रश्न एक उत्तर दो, एक हमारा एक आपका
प्र 31 ऋषभदेव जी का प्रथम पारणा स्थल हस्तिनापुर तो महावीर स्वामी का❓
🅰️31 कोल्लाग सन्निवेश
प्र32 महावीर स्वामी का प्रथम पारणा 2 दिन बाद तो
ऋषभदेव जी का❓
🅰️32 400 दिन
प्र33 ऋषभदेव जी का प्रथम पारणा इक्षुरस तो महावीर स्वामी का❓
🅰️33 खीर
प्र 34 ऋषभदेव जी के प्रथम भीक्षादाता श्रेयांस कुमार जी तो महावीर स्वामी जी के❓
🅰️34 बहुल जी ब्राह्मण
प्र 35 ऋषभदेव जी का उत्कृष्ट तप 12 माह तो महावीर स्वामी का❓
🅰️35 6माह
प्र 36 महावीर स्वामी का विचरण क्षेत्र आर्य+अनार्य तो ऋषभदेव जी का❓
🅰️36 आर्य+अनार्य
प्र 37 ऋषभदेव जी की छद्मावस्था 1000 वर्ष तो महावीर स्वामी की❓
🅰️37 15दिन
प्र 38 महावीर स्वामी का केवल कल्याण वैशाख सुदी10 तो ऋषभदेव जी का ❓
🅰️38 फाल्गुन वदी 11
प्र39 ऋषभदेव जी का केवल ज्ञान तप अट्ठम तो महावीर स्वामी का❓
🅰️39 छट्ठ तप
प्र 40 महावीर स्वामी जी की केवल ज्ञान नगरी जृंभिका नगरी तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️40 पुरिमताल
प्र 41 ऋषभदेव जी के गण गणधर 84 तो महावीर स्वामी के❓
🅰️41 9गण 11गणधर
प्र42 महावीर स्वामी की साधु संख्या 14 हजार तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️42 84 हजार
प्र 43 ऋषभदेव जी के प्रथम गणधर ऋषभसेन (पुण्डरीक)तो महावीर स्वामी के ❓
🅰️43 इन्द्रभूति गौतम
प्र44 महावीर स्वामी की साध्वी संख्या 36 हजार तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️44 3लाख
प्र 45 ऋषभदेव जी की प्रमुख साध्वी ब्राह्मी जी तो महावीर स्वामी जी की ❓
🅰️45 चन्दना जी
प्र46 महावीर स्वामी जी के श्रावक गण 1लाख 59 हजार तो ऋषभदेव जी के❓
🅰️46 3लाख 5हजार
प्र47 ऋषभदेव जी की 5लाख 54 हजार श्राविका तो महावीर स्वामी जी की❓
🅰️47 3लाख 18 हजार
प्र48 महावीर स्वामी जी के प्रमुख राजा श्रेणिक जी तो ऋषभदेव जी के❓
🅰️48 भरत चक्रवर्ती
प्र49 ऋषभदेव के 20000 केवली श्रमण तो महावीर स्वामी के❓
🅰️49 700
प्र 50 ऋषभदेव जी की पर्यान्त भूमि अन्तर्मुर्हत तो महावीर स्वामी की❓
🅰️50 4वर्ष
प्र51 महावीर स्वामी की यक्षिणी सिद्धायिका देवी तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️51 चक्रेश्वरी देवी(अप्रतिचक्रा)
प्र52 ऋषभदेव जी के यक्ष गोमुख जी तो महावीर स्वामी के❓
🅰️52 मातंग जी
प्र53 महावीर स्वामी जी का आयुष्य 72 वर्ष तो ऋषभदेव जी का❓
🅰️53 84लाख पूर्व
प्र54 ऋषभदेव जी का मोक्ष कल्याणक माघ वदी 13 तो महावीर स्वामी जी का❓
🅰️54 कार्तिक वदी अमावस
प्र55 महावीर स्वामी जी का संलेखना तप छट्ट तो ऋषभदेव जी का❓
🅰️55 छः उपवास
प्र56 ऋषभदेव जी का निर्वाण स्थल अष्टापद तो महावीर स्वामी जी का❓
🅰️56 पावापुरी (अपापा)
प्र57 महावीर स्वामी का निर्वाण आसन पर्यांकासन तो ऋषभदेव जी का❓
🅰️57 पर्यांकासन
प्र58 ऋषभदेव जी 10000 के साथ मोक्ष गये तो महावीर स्वामी जी❓
🅰️58 अकेले
प्र59 महावीर स्वामी जी की निर्वाण राशि तुला तो ऋषभदेव जी की❓
🅰️59 मकर
प्र60 ऋषभदेव जी के शासन में भावी जिनवर मरीचि तो महावीर स्वामी के शासन में ❓
🅰️60 श्रेणिक जी , उदायनराजा जी, सुलसा जी , शतक , सुपार्श्व आदि (10)
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