दीक्षा


1⃣ गौतम स्वामी ने किसके पास दिक्षा ली ?
🅰 भ.महावीर स्वामी

2⃣ गौतम स्वामी जी की दिक्षा तिथि कौनसी है ?
🅰 वैसाख सुदी ग्यारस !

3⃣ संयम लेना यह श्रावक का कौनसा मनोरथ है ?
🅰 दुसरा !

4⃣ सीमंधर स्वामी जी ने कौनसी उम्र मे दिक्षा ली ?
🅰 83 लाख पूर्व की उम्र मे !

5⃣ चतुर्विध संघ मे  गणधर  कितने है ?
🅰 1452

6⃣ तीर्थंकर कितने तीर्थ की स्थापना करते है ?
🅰 चार

7⃣ भ.महावीर स्वामी जी ने सर्वप्रथम कितनो को संयम दान दिया ?
🅰 4411

8⃣ भ.ऋषभ स्वामी जी शासन में संयमी हुए ?
🅰 अंसख्य!

9⃣सयंति राजा ने किसके पास संयम लिया ?
🅰 गर्दभाली राजा

🔟 मुनि के देखकर किसने सयंम लिया ?
🅰 मृगापुत्र !

1⃣1⃣ 1000 मित्रों के साथ दिक्षा किसने ली ?
🅰 कार्तिक सेठ

1⃣2⃣ उदयान राजा ने दिक्षा लेने के,लिए किसके राज्य दिया ?
🅰 भांजे को

1⃣3⃣ संयम का वेश एक भाई ने उतारा दुसरे ने पहना ?
🅰 कुंडरिक पुंडरिक !

1⃣4⃣ बाल्यवय मे किसने दिक्षा ली ?

🅰 एवंता मुनि

1⃣5⃣ कुमारवय मे किसने दिक्षा ली ?
🅰 गजसुकुमाल मुनि ने !

1⃣6⃣ युवावय मे किसने दीक्षा ली ?
🅰 मेघकुमार जम्बुजी ने !

1⃣7⃣ प्रौढ वय मे किसने दीक्षा ली ?
🅰 अभय कुमार !

1⃣8⃣ वृद्धावस्था में किसने दीक्षा ली ?
🅰 उदायन राजा !

1⃣9⃣ भ.महावीर न् किस तिथि मे पंचमुष्टि लोच किया ?
🅰 कार्तिक वदी दसमी !

2⃣0⃣ नियमा संयम कौन स्वीकार करते है ?
🅰 तीर्थंकर बलदेव

2⃣1⃣ चार  प्रकार के धर्म दान शील तप भाव मे संयम किसमे है ?
🅰 शील मे !

2⃣2⃣ नव पद मे चारित्र (संयम ) कौनसा पद है ?
🅰 आठवा !

2⃣3⃣ तीर्थंकर को संयम लेते ही किसकी उपलब्धि होती है ?
🅰 मन:पर्याव ज्ञान

2⃣4⃣ कौनसे स्थानपर सिर्फ संयमी ही जाते है ?
🅰 अनुत्तर विमान!

2⃣5⃣चक्रवर्ती सिंहासन पर बैठतेही किसको नमस्कार करते है ?
🅰 चरित्रवान को !

2⃣6⃣ इंद्र इंद्रासन ग्रहण करने से पहले किसको नमस्कार करते है ?
🅰 संयमी को !

2⃣7⃣ 18 पापो का सम्पूर्ण त्याग कहा है
🅰 संयमी जीवन मे

2⃣8⃣ संयमी किसको अभय दान देते है ?
🅰 छ:काय जीवो को

2⃣9⃣ अभी कमसे कम और ज्यादा से ज्यादा कितन् संयमी है
🅰 दो हजार करोड
नौ हजार करोड !

3⃣0⃣ 60 घंटे संयम का पालन करके सर्वार्थसिद्ध मे गये ?
🅰 पुंडरिक जी

3⃣1⃣ संयम का प्रमुख उपकरण कौनसा जिसके बीना संयम अधुरा है
🅰 ओघा !

9️⃣ नवपद मे चारित्र कोनसा पद ?
🅰️सम्यकचारित्र 8वां
🔟 संयम लेना श्रावक का कोनसा मनोरथ?
🅰️दूसरा

वृद्धावस्था मे दीक्षा किसने  ली?
🅰️    उदायन राजा,   मुकुंद मुनि,वृद्धाचार्य जी

1️⃣ पंच परमेष्टि मे संयमी कितने?
🅰️5️⃣
2️⃣ चतुर्विघसंघ मे संयमी कितने?
🅰️2️⃣



घेवर को देखकर दीक्षा किसने ली?
 घेवरिया मुनि ।

 पुत्र वियोग से किस पिता ने दीक्षा ली?
 सगर चक्रवर्ती ।

 सासु के साथ किन बहुओं ने दीक्षा ली?
 जांबवती की पुत्र बहुएं -मूलश्री ,मुलदत्ता (श्यामकुंवर की पत्नियां)

 पिता के साथ किन पुत्रों ने दीक्षा ली?
 देवभद्र -यशोभद्र ने -भृगुपुरोहित के साथ ।

किस ससुर -जमाई ने दीक्षा ली?
 भगवान महावीर व जमाली ।

 किस पुत्र ने माता के साथ दीक्षा ली?
 देवभद्र -यशोभद्र ने अपनी माता यशा के साथ अरणक ने अपनी माता भद्रा के साथ ।

 किस पति पत्नी ने एक साथ दीक्षा ली?
 ऋषभदत्त- देवानंदा ।

 किस भाई -भाई ने एक साथ दीक्षा ली?
 ऋषभदेव के 98 पुत्रों ने।

किस मामा -भाणेज ने एक साथ दीक्षा ली?
 शाल महाशाल मामा -गांगुली भाणेज ।

 किन गुरु -शिष्यों ने एक साथ दीक्षा ली?
 इंद्रभुति आदि 11 महापंडितों ने अपने- अपने विद्यार्थियों के साथ ।

 किस पिता -पुत्र ने एक साथ दीक्षा ली?
 महाराजा पद्म और विष्णुकुमार मुनि प्रघुम्न कुमार और अनिरुद्ध कुमार ।


दीक्षा लेनेवाले दीक्षार्थी मे कितने गुण होना चाहिए ?
 सोलह गुण।

दीक्षार्थी के सोलह गुण कौन कौन से है?
 1.आर्यसमुत्पन्न 2.शुद्धजाति कुलान्वित 3. क्षीण प्रायःअशुभकर्मा 4.विशुधी 5.विज्ञात संसार नैर्गुण्य 6. विरक्त 7. मंद कषाय भाजक 8. अल्प हास्याआदि विकृति 9 कृतज्ञ 10. विनय -विनीत 11. राजसम्मत 12. अद्रोही 13. सुंदरांगभूत 14. श्राद्ध 15. स्थिर 16.समुपसम्पन्न ।

 किस क्षेत्र के उत्पन्न व्यक्ति दीक्षा के योग्य होता है?
 प्रायः आर्य क्षेत्र में उत्पन्न व्यक्ति योग्य है।

शुद्ध जाति कुलान्वित से क्या तात्पर्य हैं?
 जिसकी जाति =मातृपक्ष और कुल =पितृपक्ष दोनो शुद्ध हो ।

दीक्षार्थी की तीसरी योग्यता कौन सी हैं?
क्षीणप्रायः अशुभकर्मा अर्थात चारित्र मोहनीय कर्म उचित मात्रा में क्षीण होना चाहिए ।

दीक्षार्थी की बुद्धि कैसी होनी चाहिए ?
विशुद्ध बुद्धि , निर्मल बुद्धि होनी चाहिए ।

दीक्षार्थी की पांचवी योग्यता कौन सी है?
 विज्ञात संसार नैर्गुण्य =संसार के स्वभाव को जाननेवाला हो ।

दीक्षार्थी की छठी योग्यता कौन सी है?
 जो व्यक्ति सांसारिक विषय भोग से विरक्त हो गया हो ।

दीक्षार्थी की सातवीं योग्यता कौन सी है?
 जो मंद और अल्पकषायी हो ।

दीक्षार्थी की आठवीं योग्यता कौन सी है?
 जिसके हास्याआदि नोकषाय कम हो ।

दीक्षार्थी की नवमीं योग्यता कौन सी है?
 जो कृतज्ञ =दुसरो के द्वारा किये हुए उपकार को माननेवाला हो ।

दीक्षार्थी की दसवीं योग्यता कौन सी है?
 विनय =विनीत = दीक्षार्थी विनयवान होना चाहिए ,विनय ही धर्म का मूल है ।

दीक्षार्थी की ग्यारहवीं योग्यता कौन सी है?
 राज सम्मत हो , दीक्षार्थी -राजा ,मंत्री आदि के द्वारा सम्मत =अनुकूल हो ।

क्या झगड़ालु धुर्त,और ठग को दीक्षा दे सकते है?
 नहीं।

क्या अपंग व्यक्ति ,काना, लूला ,लंगड़ा विकलांग दीक्षा के योग्य है?
 नहीं हैं।

क्या अस्थिर व्रत अस्थिर चित्त वाले व्यक्ति दीक्षा के योग्य हो सकते है?
 नहीं।

समुपसम्पन्न योग्यता किसे कहते हैं?
जो दीक्षा के लिये पूरी इच्छा से गुरू के पास आया हो,दीक्षार्थी के सभी गुणों से युक्त हो, एेसा व्यक्ति समुपसम्पन्न योग्यता वाला कहलाता है।

 1652 कौन से साला -बहनोई ने दीक्षा साथ मे दीक्षा ली?
 आर्यसमित और आर्यधनगिरी (मुनिवज्र स्वामी के मामा और पिताजी ) शालीभद्रजी और धन्नाजी ।
1653 दादा से प्रतिबोध पाकर दीक्षा किसने ली?
 भगवान ऋषभदेवजी के पौत्र ऋषभसेनजी आदि ने ।
 1654 साला से प्रतिबोध पाकर दीक्षा कि सने ली?
 व्रज्रबाहु ने ।
1655 ससुरजी से प्रतिबोध पाकर दीक्षा किसने ली?
 जमाली ने।
1656 बेटे से प्रतिबोध पाकर किस पिता ने दीक्षा ली?
 ऋषभदत्त , भृगु पुरोहित ।
1657 बेटे से प्रतिबोध पाकर किस माता ने दीक्षा ली?
 देवानंदा ।
1658 भाई से प्रतिबोध पाकर किस बहन ने दीक्षा ली?
 सुदर्शना ।
1659 पिता से प्रतिबोध पाकर किस पुत्री ने दीक्षा ली?
 प्रियदर्शना ।
1660 साधु से प्रतिबोध पाकर किस सन्यासी ने दीक्षा ली?
 खंदक सन्यासी (गौतम स्वामी )
1661 देवर से प्रतिबोध पाकर किस भाभी ने दीक्षा ली?
 कृष्ण जी की 8 पटरानियां ।
1662 पुत्र वियोग से किन माताओं  दीक्षा ली?
 काली आदि 10 रानियों (श्रेणिक की )ने ।
1663 घेवर को देखकर दीक्षा किसने ली?
 घेवरिया मुनि ।
1664 पुत्र वियोग से किस पिता ने दीक्षा ली?
 सगर चक्रवर्ती ।
1665 सासु के साथ किन बहुओं ने दीक्षा ली?
 जांबवती की पुत्र बहुएं -मूलश्री ,मुलदत्ता (श्यामकुंवर की पत्नियां)
1666 पिता के साथ किन पुत्रों ने दीक्षा ली?
 देवभद्र -यशोभद्र ने -भृगुपुरोहित के साथ ।
1667 किस ससुर -जमाई ने दीक्षा ली?
 भगवान महावीर व जमाली ।
 1668 किस पुत्र ने माता के साथ दीक्षा ली?
 देवभद्र -यशोभद्र ने अपनी माता यशा के साथ अरणक ने अपनी माता भद्रा के साथ ।
1669 किस पति पत्नी ने एक साथ दीक्षा ली?
 ऋषभदत्त- देवानंदा ।
1670 किस भाई -भाई ने एक साथ दीक्षा ली?
 ऋषभदेव के 98 पुत्रों ने।
1671किस मामा -भाणेज ने एक साथ दीक्षा ली?
 शाल महाशाल मामा -गांगुली भाणेज ।
1672 किन गुरु -शिष्यों ने एक साथ दीक्षा ली?
 इंद्रभुति आदि 11 महापंडितों ने अपने- अपने विद्यार्थियों के साथ ।
1673 किस पिता -पुत्र ने एक साथ दीक्षा ली?
 महाराजा पद्म और विष्णुकुमार मुनि प्रघुम्न कुमार और अनिरुद्ध कुमार ।
1674 सूर्यास्त देखकर प्रतिबोध पाकर दीक्षा किसने ली?
 हनुमानजी ।
1675 दीक्षा लेनेवाले दीक्षार्थी मे कितने गुण होना चाहिए ?
 सोलह गुण।
1676 दीक्षार्थी के सोलह गुण कौन कौन से है?
 1.आर्यसमुत्पन्न 2.शुद्धजाति कुलान्वित 3. क्षीण प्रायःअशुभकर्मा 4.विशुधी 5.विज्ञात संसार नैर्गुण्य 6. विरक्त 7. मंद कषाय भाजक 8. अल्प हास्याआदि विकृति 9 कृतज्ञ 10. विनय -विनीत 11. राजसम्मत 12. अद्रोही 13. सुंदरांगभूत 14. श्राद्ध 15. स्थिर 16.समुपसम्पन्न ।
1677 किस क्षेत्र के उत्पन्न व्यक्ति दीक्षा के योग्य होता है?
 प्रायः आर्य क्षेत्र में उत्पन्न व्यक्ति योग्य है।
1678 शुद्ध जाति कुलान्वित से क्या तात्पर्य हैं?
 जिसकी जाति =मातृपक्ष और कुल =पितृपक्ष दोनो शुद्ध हो ।
1679 दीक्षार्थी की तीसरी योग्यता कौन सी हैं?
क्षीणप्रायः अशुभकर्मा अर्थात चारित्र मोहनीय कर्म उचित मात्रा में क्षीण होना चाहिए ।
1680 दीक्षार्थी की बुद्धि कैसी होनी चाहिए ?
विशुद्ध बुद्धि , निर्मल बुद्धि होनी चाहिए ।
1681 दीक्षार्थी की पांचवी योग्यता कौन सी है?
 विज्ञात संसार नैर्गुण्य =संसार के स्वभाव को जाननेवाला हो ।
1682 दीक्षार्थी की छठी योग्यता कौन सी है?
 जो व्यक्ति सांसारिक विषय भोग से विरक्त हो गया हो ।
1683 दीक्षार्थी की सातवीं योग्यता कौन सी है?
 जो मंद और अल्पकषायी हो ।
1684 दीक्षार्थी की आठवीं योग्यता कौन सी है?
 जिसके हास्याआदि नोकषाय कम हो ।
1685 दीक्षार्थी की नवमीं योग्यता कौन सी है?
 जो कृतज्ञ =दुसरो के द्वारा किये हुए उपकार को माननेवाला हो ।
1686 दीक्षार्थी की दसवीं योग्यता कौन सी है?
 विनय =विनीत = दीक्षार्थी विनयवान होना चाहिए ,विनय ही धर्म का मूल है ।
1687 दीक्षार्थी की ग्यारहवीं योग्यता कौन सी है?
 राज सम्मत हो , दीक्षार्थी -राजा ,मंत्री आदि के द्वारा सम्मत =अनुकूल हो ।
1688 क्या झगड़ालु धुर्त,और ठग को दीक्षा दे सकते है?
 नहीं।
1689 क्या अपंग व्यक्ति ,काना, लूला ,लंगड़ा विकलांग दीक्षा के योग्य है?
 नहीं हैं।
1690 क्या अस्थिर व्रत अस्थिर चित्त वाले व्यक्ति दीक्षा के योग्य हो सकते है?
 नहीं।
1691 समुपसम्पन्न योग्यता किसे कहते हैं?
 जो दीक्षा के लिये पूरी इच्छा से गुरू के पास आया हो,दीक्षार्थी के सभी गुणों से युक्त हो, एेसा व्यक्ति समुपसम्पन्न योग्यता वाला कहलाता है।
1692 क्या दीक्षा लेने वाले की योग्यता भी देखी जाती है?
 हाँ ,देखी जाती है।
1693 दीक्षा देनेवाले की योग्यता भी देखी जाती है?
 हाँ ,देखी जाती हैं।
1694 दीक्षा दाता की योग्यता के पन्द्रह गुण कौन कौन से है?
 1.विधिप्रपन्न प्रवज्य 2.आसेवित गुरुकर्म 3. अखण्डित व्रत 4. विधि पठितागम 5.तत्वविद् 6.उपशांत 7. वात्सल्य युक्त 8. सर्व सत्वहितान्वेषी 9. आदेय 10. अनुवर्तक 11. गंभीर 12. अविषादादि 13. उपशमलब्धादि युक्त 14. सूत्रार्थ भाषक 15. स्वगुर्वनुज्ञात गुरूपद ।
1695 विधि प्रपन्न प्रवज्या किसे कहते हैं?
 दीक्षा दाता एेसा होना चाहिये जिसने स्वयं विधिपूर्वक दीक्षा ली हो ।
1696 आसेवित गुरुक्रम किसे कहते हैं?
 जो गुरु सेवा में दीर्घकाल तक रहा हो ।
1697 अखण्डित व्रत किसे कहते हैं ?
 जो व्रतों का अखण्ड रुप से पालन करनेवाला हो ।
1698 विधि पठितागम किसे कहते हैं?
 जो सूत्र,अर्थ,सूत्रार्थ रुप आगम गुरु के पास रहकर विधिपूर्वक पढ़ा हो ।
1699 तत्वविद् किसे कहते है?
 जो जीव अजीवादि तत्वों को अपने निर्मल ज्ञान से अच्छी तरह से जाननेवाला हो ।
1700 उपशांत किसे कहते हैं?
 जो कषायोंऔर मन,वचन,काया के योगों से उपशांत हो ।
1701 वात्सल्य युक्त किसे कहते हैं?
 साधु ,साध्वी ,श्रावक ,श्राविका रुप संघ में वत्सलता = प्रेम रखनेवाला हो ।
1702 सर्व सत्व हितान्वेषी किसे कहते है?
 संसार के समस्त प्राणियों का हित चाहनेवाला हो ।
1703  आदेय गुण किसे कहते हैं?
 जिसकी बात दूसरे सभी लोग मानते हो /स्वीकार करते हो।
1704 अनुवर्तक किसे कहते हैं?
 विचित्र प्रकृति वाले शिष्यों को ज्ञान ,दर्शन , चारित्र की शिक्षा देकर उनका पालन-पोषण करनेवाला हो।
1705 गंभीर किसे कहते हैं?
 जिसके दिल की बात को किसी भी अवस्था मे कोई न समझ सके ,एेसे गंभीर प्रकृति वाले को गंभीर कहते हैं।
1706अविषादादि किसे कहते हैं?
 किसी भी प्रकार का उपसर्ग आने पर भी जो दीनता नहीं दिखावे और नहीं घबराता हो ।
1707 उपशम लब्ध्यादि युक्त किसे कहते है?
 उपशम आदि लब्धियों को धारण करनेवाला हो।
1708 सुतार्थ भाषक किसे कहते हैं?
 आगमों के अर्थ को अच्छी तरह से बताने वाला हो
1709 स्वगुर्वनुज्ञात गुरु पद योग्यता कौन सी हैं?
 अपने गुरु से जिसे गुरु बनने की अनुमति मिल गई हो ।
1710 क्या अपना परिवार बढ़ाने के लिए दीक्षा दी जाती हैं?
 नहीं ,दे सकते हैं।
 1711 क्या आहार पानी आदि से सेवा करवाने के लिए दीक्षा दी जाती है?
 नही , दे सकते है ।
1712 क्या दीक्षार्थी पर अनुग्रह करके दीक्षा दी जाती है?
 हाँ , दे सकते है।
1713 क्या अपने कर्मो की निर्जरा के लिए दीक्षा दी जाती है?
 हाँ , दे सकते हैं।
1714 दीक्षा किस दिशा में मुख करके दी और ली जाती है?
 उत्तर और पुर्व दिशा में।
1715 दीक्षा किस पाठ से दी जाती है?
 करेमि भंते का पाठ से ।
1716 दीक्षा लेते समय किसका त्याग किया जाता है?
 सर्व सावद्य योगों का ।
1717 दीक्षा लेते समय सावद्य योगों का कितने करण एंव योग से त्याग किया जाता हैं?
 तीन करण , तीन योग से ।
1718 गृहवास त्याग कर प्रव्रजित होनेवाला कौन कौन सी उपधि लेकर दीक्षा लेता हैं?
 रजोहरण , पुँजनी (गोच्छक) ,पात्र साधु-3 अखण्ड वस्त्र और साध्वी -4 अखण्ड वस्त्र लेकर प्रव्रजित हो सकते है।
1719 साधु -साध्वी वस्त्र -शय्या संस्तारक आदि कैसे ग्रहण करते है?
 चारित्र पर्याय के क्रम  से ।
1720 बृहत्कल्प सूत्र में दीक्षा के अयोग्य किसको बताया है?
 तीन प्रकार के नपुंसक को ।
1721 तीन प्रकार के नपुंसक कौन से है?जो दीक्षा के अयोग्य है?
 1.पण्डक -महिला सदृश्य स्वभाव वाला जन्म नपुंसक । 
2. वातिक -कामवासना का दमन न कर सकनेवाला । 
3. क्लीब -असमर्थ ,पुरुषत्वहीन कायर पुरुष । इन तीनों को मुंडित करना , शिक्षित करना , उपस्थापित करना , एक मंडली मे साथ बिठा�कर आहार करना तथा साथ रखना नहीं कल्पता है। (बृहत्कल्प उद्देशक 4, ठाणांग सूत्र स्थान 3 )
1722 उपरोक्त तीनों प्रकार के नपुंसक दीक्षा के अयोग्य क्यों हैं?
 क्योंकि इनमें कामुकता अधिक होती है कामुक होते हैं।
1723 कौन से तीन प्रकार के जड़ दीक्षा के अयोग्य हैं?
 1. भाषा जड़ -बोलने मे असमर्थ । 
2, शरीर जड़ -बहुत बड़े शरीर वाला (मोटा आदमी )
3 . करणजड़ - आवश्यक क्रियाओं को न समझने वाला (क्रिया जड़ )।
1724 क्या आठ वर्ष की कम उम्र का बालक दीक्षा लेने योग्य हैं?
 नहीं ,दे सकते हैं।
1725 क्या 16 महारोगो में से एक भी महारोग वाला दीक्षा लेने योग्य है? 
 नहीं ।
1726 क्या लूटेरा , चोर दीक्षा लेने योग्य है?
 नहीं ।
1727 क्या राज्य द्रोही दीक्षा लेने योग्य हैं?
 नहीं ।
1728 क्या राजा का अपकारी दीक्षा लेने योग्य हैं?
 नहीं ।
1729 क्या यक्ष से उन्माद प्राप्त व्यक्ति दीक्षा के योग्य है ?
 नहीं ।
1730 क्या प्रज्ञाचक्षु (नेत्रहीन )
दीक्षा लेने योग्य हैं?
 नहीं ।
1731 क्या स्त्यानगृद्धि निद्रा वाला दीक्षा लेने योग्य हैं?
 नहीं।
1732 क्या किसी का खरीदा हुआ दास बिना मालिक की आज्ञा से दीक्षा देने योग्य हैं?
 नहीं।
1733 क्या कषाय और विषय से दुष्ट व्यक्ति दीक्षा  लेने योग्य हैं?
 नहीं।
1734 क्या हिताहित के विचार से शुन्य मूढ़ व्यक्ति दीक्षा लेने योग्य हैं?
 नहीं।
1735 क्या ऋणी (राज्य कर आदि का ) व्यक्ति दीक्षा योग्य हैं?
 नहीं।
1736 साधु कितने महाव्रतों का पालन करते हैं?
 पांच महाव्रतों का
1737 साधु कितनी समिति  का पालन करते हैं?
 पांच
 1738 साधु कितने द्वीपों में पाये जाते हैं?
 अढ़ाई द्वीपों में।
1739 साधु कितने क्षेत्रों में पाये जाते हैं?
 15 कर्मभूमिज क्षेत्रों में।
1740 साधु लोक में पाये जाते है या अलोक मे पाये जाते हैं?
 लोक में ।
1741 एक समय में कम से कम कितने साधु हो सकते हैं?
 2 हजार करोड़ साधुजी ।
1742 ज्यादा से ज्यादा कितने साधु पाये जा सकते हैं?
 नव हजार करोड़ साधुजी ।
 1743 एक महाविदेह की एक विजय मे कितने श्रमण पाये जा सकते है?
 1अरब श्रमण ।
1744 भ. सीमंधर स्वामी के सानिध्य में कितने श्रमण विचरणशील हैं?
 1अरब ।
1745 जब 20 तीर्थकर होते है तब कितने साधुजी हो सकते है?
 2 हजार करोड़ ।
1746 जब 160-170 तीर्थकर होते हैं तब कितने साधुजी हो सकते हैं? 
 9हजार करोड़ ।
1747 कितने गुणस्थान साधुजी के है?
 नौ गुणस्थान ।
1748 नौ गुणस्थान कौन कौन से होते है?
 छठे गुणस्थान से चौदहवें गुणस्थान तक ।
1749 पहले तीर्थ�कर के शासनवर्ती साधु कैसे होते है?
ऋजु और जड़ ।
1750 मध्य के 22 तीर्थकरो के शासनवर्ती  साधु कैसे होते है?
 ऋजु और प्राज्ञ ।
1751 अंतिम तीर्थकर के शासनवर्ती साधु कैसे होते है?
 वक्र और जड़ ।
1752 ऋजु और जड़ प्रकृति के साधु कितने महाव्रतों की आराधना करते हैं?
 पाँच महाव्रतों ।
1753 ऋजु और प्राज्ञ प्रकृति वाले साधु कितने महाव्रतो की आराधना करते हैं?
 चार महाव्रतों की ।
1754 वक्र और जड़ प्रकृति के साधु कितने महाव्रतों की आराधना करते हैं?
 पाँच महाव्रतों की ।
1755 साधु के पर्यायवाची नाम कौन कौन से हैं?
निर्गंथ , सयंत , मुनि ,यति , अणगार ,बाह्रमण , माहन , सयंति ,श्रमण ,भिक्षु , साधु ,साधक ,चारित्री,महावर्ती ,संयमवत ,संयमी ।
1756 सुत्रकृतांग सुत्र मे साधु के चार नाम कौन से हैं?
 माहन,श्रमण,भिक्षु ,निर्गंन्थ ।
 1757 निर्गंथ किसे कहते है?
 जिन्होंने राग -द्वेष की गाँठ अथवा ममता की ग्रंथि का छेदन कर दिया हो ।
1758 निर्गंथ कितने प्रकार के हैं?
 पाँच प्रकार हैं।
 1759 पाँच प्रकार के निर्गंन्थ कौन कौन से हैं?
 पुलाक , बकुश , कुशील , निर्गंन्थ ,स्नातक ।
1760 पुलाक किसे कहते है?
 जैसे -खेत में गोधूम ,गेहुँ ,चावल ,मक्की आदि की फसल पकने पर पौंधो को काटकर पूले बाँधकर ढेर लगाया जाता है, उसमें धान्य थोड़ा मगर कचरा बहुत होता है। अथवा दाने सहित धान्य के पूलों को पुलाक कहते हैं।
1761 पुलाक निर्गंन्थ किसे कहते है?
 गेहुँ आदि के पूले की तरह जिस साधु मे साधुता के गुण थोड़े और दुर्गुण अधिक हों ,एेसे निर्गंन्थ पुलाक निर्गंन्थ कहलाते है।
1762 पुलाक निर्गंन्थ कितने प्रकार के है?
  दो प्रकार के -1लब्धि पुलाक 2.प्रतिसेवना पुलाक ।
1763 लब्धिपुलाक किसे कहते है?
 पुलाक -लब्धि से युक्त साधु लब्धिपुलाक कहलाते हैं।
1764 लब्धिपुलाक साधु क्या कर सकते हैं?
 तपस्या विशेष से प्राप्त तेजोलेश्या की लब्धि को संघ की सुरक्षा के लिये प्रयोग करते हैं अथवा संघ आदि के प्रयोजन से बल वाहन सहित चक्रवर्ती का भी विनाश कर सकते हैं ।
1765 तेजोलेश्या का प्रभाव कितना हैं?
 उत्कृष्ट से 16 1/२ देशों को जला�कर भस्म कर डालने की शक्ति -सामर्थ्य है।
1766 प्रतिसेवना पुलाक के कितने भेद है?
 पाँच भेद हैं।
1767 प्रतिसेवना पुलाक के 5 भेद कौन कौन से है?
 1.ज्ञान पुलाक- ज्ञान के स्खलित ,मिलित आदि अतिचारों का सेवन करने वाला । 
2. दर्शन पुलाक - शंका ,कांक्षा आदि सम्यक्तव के अतिचारों का सेवन करनेवाला । 
3. चारित्र पुलाक -मूलगुणों और उत्तरगुणों में दोष लगाने वाला । 
4.लिंग पुलाक- अधिक उपकरण रखनेवाला या भिन्न वेष को कभी -कभी धारण करनेवाला । 
5. यथासुक्ष्म पुलाक - प्रमाद वश अकल्पनीय वस्तु को ग्रहण करने का मन में विचार करनेवाला ।
 1768 दुसरे प्रकार के निर्गंन्थ कौन से हैं?
 बकुश । 
 1769 बकुश कितने प्रकार के होते हैं?
 दो प्रकार के - 1.उपकरण बकुश  2. शरीर बकुश ।
1770 उपकरण बकुश किसे कहते है?
 विभुषा के निमित्त वस्त्रादि उपकरण धोनेवाला ,मर्यादा के अतिरिक्त वस्त्र पात्रादि रखनेवाला ।
1771 शरीर �बकुश किसे कहते हैं?
 विभूषा के निमित्त वस्त्रादि उपकरण धोनेवाला ,मर्यादा के अतिरिक्त वस्त्र पात्रादि रखनेवाला ।
 1772 उपकरण और शरीर बकुश कितने प्रकार है?
 पांच प्रकार के ।
 1773 पाँच प्रकार के बकुश कौन से हैं ?
 1.आभोग बकुश -जान बूझकर शरीर को विभुषित करनेवाला । 
2. अनाभोग बकुश - अनजान में शरीर को विभुषित करनेवाला । 
3. संवृत बकुश - लुक -छिप कर शरीर को विभुषित करनेवाला । 
4.असंवृत बकुश - प्रकट रुप से शरीर को विभुषित करनेवाला 
5. यथासूक्ष्म बकुश - प्रकट या अप्रकट रुप से शरीर आदि की सुक्ष्म विभुषा करनेवाला ।
1774 तीसरे प्रकार के निर्गंन्थ कौन से है?
 कुशील निर्गंन्थ ।
1775 कुशील निर्गंन्थ किसे कहते है?
 मूल तथा उत्तर गुणों में दोष लगाने से तथा संज्वलन कषाय के उदय से दूषित चारित्र वाला साधु कुशील निर्गंन्थ कहलाता हैं।
1776 कुशील निर्गंन्थ के कितने भेद हैं?
 दो भेद है -1.प्रतिसेवना कुशील 2. कषाय कुशील
1777 प्रतिसेवना कुशील किसे कहते है?
 उत्तर गुणों मे दोष लगाने वाले साधु को प्रतिसेवना कुशील कहते हैं।
1778 कषाय कुशील किसे कहते हैं?
 संज्वलन कषाय के उदय वश क्रोधादि कषायों से अभिभूत होनेवाले साधु को कषाय कुशील कहते हैं।
1779 प्रतिसेवना और कषाय कुशील -दोनो प्रकार के कुशील निर्गंन्थ कितने प्रकार के हैं?
 पाँच प्रकार के हैं।
1780 दोनो प्रकार के कुशील निर्गन्थों के पाँच भेद कौन से हैं?
 1.ज्ञान कुशील - काल,विनय , उपधान आदि ज्ञानाचार को नहीं पालनेवाला ।
2. दर्शन कुशील - निःशंकित ,निःकांक्षित आदि दर्शनाचार को नही पालनेवाला । 
3. चारित्र कुशील- कौतुक,भूतिकर्म ,निमित्त ,मंत्र आदिका प्रयोग करने�वाला । 
4. लिंग कुशील - साधु लिंग से आजीविका करनेवाला । 
5. यथासुक्ष्म कुशील -दुसरे के द्वारा तपस्वी ,ज्ञानी आदि कहे जाने पर हर्ष को प्राप्त होनेवाला ।
1781 चौथे प्रकार के निर्गंन्थ कौन से है?
 निर्गन्थ ।
1782 निर्ग्रन्थ  नामक निर्ग्रन्थ किसे कहते हैं?
 जो मोह से रहित हो वो निर्ग्रन्थ कहलाते हैं।
1783 निर्ग्रन्थ के कितने भेद है?
 2 भेद - 1.उपशांत मोह निर्ग्रन्थ 2.क्षीण मोह निर्ग्रन्थ ।
1784 उपशांत मोह निर्ग्रन्थ किसे कहते हैं?
जो उपशम श्रेणी पर आरुढ़ होकर सम्पूर्ण मोह कर्म का उपशम कर ग्यारहवें गुणस्थानवर्ती वीतराग हैं और लघु अन्तमुर्हत के भीतर ही शेष तीन घातिकर्मो का क्षय करनेवाले हैं उन्हे क्षीण मोह निर्ग्रन्थ कहते हैं।
1785 दोनो प्रकार के निर्ग्रन्थ के कितने भेद हैं?
 पाँच भेद हैं।
1786 क्षीण मोह निर्ग्रन्थ किसे कहते है?
 क्षपक श्रेणी करके मोहकर्म का सर्वथा क्षय करके बारहवें गुणस्थानवर्ती वीतराग हैं और लघु अन्तमुर्हत के भीतर ही शेष तीन घातिकर्मो का क्षय करनेवाले हैं ,उन्हे क्षीण मोह निर्ग्रन्थ कहते हैं।
1787  दोनो प्रकार के निर्ग्रन्थ के पाँच भेद कौन -कौन से हैं?
 निर्ग्रन्थ के पाँच भेद निम्न प्रकार से हैं-यथा 
1.प्रथम समय निर्ग्रन्थ  - निर्ग्रन्थ दशा को प्राप्त प्रथम समयवर्ती निर्ग्रन्थ । 
2.अप्रथम समय निर्ग्रन्थ - निर्ग्रन्थ दशा को प्राप्त द्वितीयादि समयवर्ती निर्ग्रन्थ ।
3. चरम समय निर्ग्रन्थ - निर्ग्रन्थ दशा के अंतिम समयवाला निर्ग्रन्थ ।
4. अचरम समय निर्ग्रन्थ -अंतिम समय के सिवाय शेष समयवर्ती निर्ग्रन्थ ।
5. यथासुक्ष्म निर्ग्रन्थ - निर्ग्रन्थ दशा के अन्तमुर्हत काल मे प्रथम या चरम आदि की विवक्षा न करके सभी समयों में वर्तमान निर्ग्रन्थ ।
1788 पाँचवे प्रकार के निर्ग्रन्थ कौन से हैं?
 स्नातक निर्ग्रन्थ ।
1789 स्नातक किसे कहते हैं?
 घातिकर्मो का विनाश कर देने से शुद्ध बने हुए साधु को स्नातक कहते है।
1790 स्नातक के कितने भेद हैं?
 स्नातक के मुख्यतया 2 भेद है- 1सयोगी स्नातक 2. अयोगी स्नातक ।
1791 सयोगी स्नातक किसे कहते हैं?
 जो केवली मन,वचन,काया के योगो से युक्त होते हैं और सुक्ष्म क्रिया अप्रतिपाति शुक्ल ध्यान का अवलम्ब लेते हैं वे सयोगी स्नातक कहलाते हैं।
1792 अयोगी स्नातक किसे कहते हैं?
 जो केवली तीनो योगो से रहित शुक्ल ध्यान के चौथे भेद का अवलम्बन लेते हैं ,वे अयोगी स्नातक कहला�ते है।
1793 सयोगी स्नातक की स्थिति कितनी हैं?
 आठ वर्ष और अन्तमुर्हत कम एक पूर्व कोटि की स्थिति हैं।
1794 अयोगी स्नातक की स्थिति  कितनी हैं?
अ ,इ,उ , ऋ ,लृ इन पाँच हस्व अक्षरों के उच्चारण काल जितनी स्थिति हैं।
1795 सयोगी और अयोगी स्नातक कितने प्रकार के होते हैं?
 पाँच प्रकार के होते है ।
1796 सयोगी -अयोगी स्नातक के 5 भेद कौन -कौन से हैं?
 1.अच्छविस्नातक - काय योग का निरोध करनेवाला स्नातक । 
2. अशबल स्नातक - निर्दोष चारित्र का धारक स्नातक । 
3.अकर्यांश स्नातक - कर्मों का सर्वथा विनाश करनेवाला । 
4. संशुद्ध -ज्ञान -दर्शनधर स्नातक - विमल ज्ञान दर्शन के धारक अर्हन्त केवली जिन । 
5. अपरिस्रावी स्नातक - सम्पूर्ण काय योग का निरोध करने वाले अयोगी जिन ।
1797 उपरोक्त 5 प्रकार के निर्गंन्थ मेसे अभी भरत क्षेत्र में कितने हैं?
दुसरे (बकुश) ,तीसरे (कुशील) ये दो प्रकार के निर्ग्रन्थ अभी भरत क्षेत्र मे हैं ,शेष तीन प्रकार के नही हैं ।
1798 पाँचों प्रकार के निर्ग्रन्थ अभी कहाँ पाए जाते हैं?
महाविदेह क्षेत्रों में पाये जा सकते हैं ।
1799 पाँच प्रकार के निर्गन्थों का वर्णन कौन से शास्त्र मे आया हैं?
 1 .भगवती सूत्र -शतक 25 उद्देशक 6 
2. स्थानांग सूत्र - स्थान 5, उद्देशक 3 ।
1800 संयत कितने प्रकार के होते हैं?
 पांच प्रकार के होते है ।
1801 पांच प्रकार के संयत कौन कौन से हैं?
 1.सामायिक संयत 2. छेदोपस्थापनीय संयत 3. परिहार विशुद्धिक संयत 4. सुक्ष्म संपराय संयत 5. यथाख्यात संयत ।


📚🖌📘🖋📙🖍📚🖌

1️⃣➡️➡️संयम जीवन लेनेवाले कितने महाव्रतों का पालन करते हैं
🅰️✳️✳️ 4/5



2️⃣➡️➡️ संयम जीवन लेते समय कौन से सूत्र का उच्चारण किया जाता है
🅰️✳️✳️ करेमि भंते सूत्र


3️⃣➡️➡️संयम जीवन लेनेवाले की सामायिक कब तक रहती हैं
🅰️✳️✳️जावज्जीवन 


4️⃣➡️➡️संयम जीवन कौन सी गति में लिया जाता है
🅰️✳️मनुष्य गति


5️⃣➡️➡️संयम जीवन की पहचान का बाह्य चिन्ह क्या है
🅰️✳️✳️रजोहरण,मुखवस्त्रिका आदि


6️⃣➡️➡️संयम जीवन में किसने 700साल शारीरिक वेदना सहन की
🅰️✳️✳️सनत्कुमार जी चक्रवर्ती 


7️⃣➡️➡️संयम जीवन लेनेवाले संयमी वर्तमान में किसकी पाट परम्परा के हैं
🅰️✳️✳️श्री सुधर्मा स्वामी जी 


8️⃣➡️➡️संयम जीवन लेनेवाले संयमी कितने काम की रक्षा करते हैं
🅰️✳️✳️ छः काय



9️⃣➡️➡️संयम जीवन मेरे सर पर नाथ है ,ऐसा जानकर स्वीकारा था
🅰️✳️✳️शालीभद्रजी


🔟➡️➡️संयम जीवन लेकर कौन मुनि रसना की लालसा के कारण हार गए
🅰️✳️✳️कुंडरिक जी 


1️⃣1️⃣➡️➡️संयम जीवन लेनेवाले साल में कितनी बार केशलुंचन करते हैं
🅰️✳️✳️कम से कम 2बार 


1️⃣2️⃣➡️➡️संयम जीवन लेनेवाले हमेशा कैसा पानी पीते हैं
🅰️✳️✳️अचित्त धोवन पानी या उबला हुआ गर्म पानी



1️⃣3️⃣➡️➡️संयम जीवन के प्रथम रात्रि में हुए परिषह से कौन विचलित हुए
🅰️✳️✳️मेघकुमार


1️⃣4️⃣➡️➡️संयम जीवन के प्रभाव से भिखारी मृत्यु पाकर राजा बना
🅰️✳️✳️द्रमुक भिखारी(संप्रति राजा)


1️⃣5️⃣➡️➡️संयम जीवन लेनेके लिए कौन पिताजी की आज्ञा पाकर दौडे
🅰️✳️✳️ अभयकुमारजी 


🅰️1️⃣6️⃣➡️➡️ संयम जीवन लेनेवाले शेषकाल में कौनसा कल्प करते हैं
🅰️✳️✳️विहार कल्प


1️⃣7️⃣➡️➡️संयम जीवन में रहे हुए कौन मुनि सचित गोचरी वहोरकर आये थे
🅰️✳️✳️धनगिरिजी


1️⃣8️⃣➡️➡️संयम जीवन पुनः दसवें आप शब्द सुनकर किसने लिया
🅰️✳️✳️नन्दीषेणजी 


1️⃣9️⃣➡️➡️संयम जीवन लेनेवाले को कितने दोषों से रहित गोचरी लेनी चाहिए
🅰️✳️✳️42दोष 


2️⃣0️⃣➡️➡️संयम जीवन किसने भाई का संयमी वेश पहनकर स्वीकारा था
🅰️✳️✳️पुंडरिक जी 


2️⃣1️⃣➡️➡️संयम जीवन में किसने स्वलब्धि से आहार मिले तो ही लेना ऐसा अभिग्रह किया था
🅰️✳️✳️ढ़ंढण मुनि जी 


2️⃣2️⃣➡️➡️संयम जीवन में रहे किस मुनि को निर्दोष आहार प्राप्ति के लिए प्रतिदिन मृग ले जाता था
🅰️✳️✳️बलभद्र मुनि जी 


2️⃣3️⃣➡️➡️संयम जीवन सबसे ज्यादा आयंबिल तप करके स्वीकारा था
🅰️✳️✳️सुन्दरी जी 


।2️⃣4️⃣➡️➡️संयम जीवन 60000पुत्रों की मृत्यु के बाद स्वीकारा था
श्री सगर चक्रवर्ती जी 


2️⃣5️⃣➡️➡️संयम जीवन किस राजकुमारी ने भ महावीर जी को गोचरी बहरा कर स्वीकार किया था
🅰️✳️✳️चन्दनबाला जी 


2️⃣6️⃣➡️➡️संयम जीवन पाने के लिए किसने जन्म से ही रोना शुरू कर दिया था
🅰️✳️✳️वज्रकुमारजी 



2️⃣7️⃣➡️➡️संयम जीवन में यक्षादि आदि कितनी बहनें,भाई मुनि को वन्दना करने गई थी
🅰️✳️✳️सात बहिनें।


2️⃣8️⃣➡️➡️संयम जीवन में रात्रि में जीवों की रक्षा के लिए चलते वक्त उपयोग करते हैं
🅰️✳️✳️रजोहरण, दंडासन 



2️⃣9️⃣➡️➡️संयम जीवन किसने 1008मित्रों के साथ लिया था
🅰️✳️✳️कार्तिक सेठ जी 

Last Question

3️⃣0️⃣➡️➡️संयम जीवन में हीरविजयसूरिजी म सा ने किस बादशाह को प्रतिबोध किया था
🅰️✳️✳️अकबर जी

🌸

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

भगवान पार्श्वनाथ प्रश्नोत्तरी

जैन प्रश्नोत्तरी

सतियाँ जी 16