पृथ्वी काय के जीव
AAGAM PRASHNOTR 1
AAGAM PRASHNOTAR 16 PARASHMUNI MAHARAJ SAHEB
March 11, 2018
1902 साधु के दसवें धर्म का क्या नाम हैं?
ब्रह्मचर्य धर्म ।
1903 एक अखण्ड ब्रह्मचारी के दर्शन का कितना फल हैं?
84 हजार मासखमण के तपस्वी मुनिराजों को पारणा कराने (आहार बहराने ) जितना फल मिलता हैं ।
(विजय शेठ विजया शेठानी के अधिकार )
छह काय का वर्णन
1904 पृथ्वीकाय का नाम क्या हैं?
इन्दी थावर काय ।
1905 पृथ्वीकाय का नाम इन्दी थावर काय क्यों पड़ा ?
पृथ्वी पर इन्द्र महाराज की मालिकी होने के कारण ।
1906 पृथ्वीकाय का वर्ण कैसा हैं?
पीला ।
1907 पृथ्वीकाय का वर्ण पीला क्यों है?
मिट्टी का स्पर्श पाकर किसी भी बीज का अंकुर पीला होकर भुमि से बाहर निकलता हैं।
1908 पृथ्वीकाय का स्वभाव कैसा हैं?
कठोर ।
1909 पृथ्वीकाय का संस्थान कैसा हैं?
चन्द्रमा या मसूर की दाल के आकार का।
1910 पृथ्वीकाय की कुलकोड़ी कितनी हैं?
12 लाख ।
1911 कुल कोड़ाकोड़ी किसे कहते हैं?
एक ही उत्पत्ति स्थान में अनेक प्रकार के जीवों के उत्पन्न होने को कुलकोड़ी कहते हैं।
1912 पृथ्वीकाय की जीवयोनी कितनी हैं?
7लाख ।
1913 जीवयोनी किसे कहते हैं?
जहाँ जीव उत्पन्न होता हैं , उसे योनी कहते हैं।
1914 सुक्ष्म पृथ्वीकायिक जीव कहाँ रहते है?
सम्पूर्ण लोक में ।
1915 सम्पूर्ण पृथ्वीकायिक जीव लोक मे कैसे रहे हुएँ हैं?
काजल की डिब्बी के समान ठसाठस भरे हुये हैं।
1916 पृथ्वीकाय के जीव किस दिशा मे सबसे कम हैं?
दक्षिण दिशा में (पोलार अधिक होने से )
1917 पृथ्वीकाय के जीव किस दिशा में सबसे अधिक हैं?
पश्चिम दिशा में (गौतम द्वीप होने से )(बादर पृथ्वीकायिक जीवों की अपेक्षा से )
1918 पृथ्वीकाय के जीव एक अन्तमुर्हत में कितनी बार जन्म मरण कर सकते हैं?
जघन्य 1 बार उत्कृष्ट 12,824 बार ।
1919 पृथ्वीकाय के जीवों में कौन सा वेद पाया जाता हैं?
नंपुसक वेद ।
1920 पृथ्वीकाय के जीवों में कितने कषाय पाये जाते हैं?
चार ।
1921 पृथ्वीकाय के जीवो में कितनी लेश्याएँ पायी जाती हैं?
चार (कृष्ण ,नील ,कापोत, तेजो ) ।
1922 क्या पृथ्वीकाय के जीव उसी भव में मोक्ष जा सकता हैं?
हैं?
नहीं जा सकता हैं।
1923 क्या पृथ्वीकाय के जीवों में एक भवावतारी आत्माएं हो सकती हैं?
हाँ, हो सकती हैं।
1924 पृथ्वीकाय के जीव सन्नी होते हैं या असन्नी होते हैं?
असन्नी ।
1925 पृथ्वीकाय के जीवों में कितने शरीर पाये जाते हैं?
3, औदारिक ,तैजस ,कार्मण ।
1926 पृथ्वीकाय के जीवों की अवगाहना कितनी होती हैं?
अंगुल के असंख्यातवें भाग ।
1927 पृथ्वीकाय के जीवों में कौन सा संहनन होता हैं?
सेवार्त (सेवार्त्तक ) ।
1928 पृथ्वीकाय के जीवों में कौन सा संस्थान होता हैं?
हुण्डक ।
1929 पृथ्वीकाय के जीवों में कितनी संज्ञाएं पायी जाती हैं?
चार ।
1930 पृथ्वीकाय के जीव में कितनी इंद्रियां पायी जाती हैं?
एक (स्पर्श इन्द्रिय )
1931 क्या पृथ्वीकाय के जीवों में समुद्रगात पाये जाते हैं?
हाँ ।
1932 पृथ्वीकाय के जीवों में समुद्रगात पाये जाते हैं?
हाँ ।
1933 पृथ्वीकाय के जीवों में कितने समुदघात पाये जाते हैं?
3 ( वेदनीय , कषाय , मारणान्तिक )
1934 पृथ्वीकाय के जीवों में कितनी पर्याप्तियाँ पायी जाती हैं?
4 ( आहार , शरीर , इन्द्रिय , श्वासोश्वास )
1935 पृथ्वीकाय के जीवो मे कौन सी दृष्टि पायी जाती हैं?
मिथ्यादृष्टि ।
1936 पृथ्वीकाय जीवो में कौन सा दर्शन पाया जाता हैं?
अचक्षु दर्शन ।
1937 पृथ्वीकाय के जीवो में अचक्षु दर्शन किससे होता हैं?
स्पर्श इन्द्रिय ।
1938 पृथ्वीकाय के जीव मे कितने ज्ञान पाये जाते हैं?
एक भी नहीं ।
1940 पृथ्वीकाय के जीव में कितने अज्ञान पाये जाते हैं?
2 मतिअज्ञान , श्रुतअज्ञान ।
1941 पृथ्वीकाय के जीव में कितने योग पाये जाते हैं?
3- औदारिक , औदारिक मिश्र , कार्मण काय योग ।
1942 पृथ्वीकाय के जीव में कितने उपयोग पाये जाते हैं?
3- मतिअज्ञान ,श्रुत अज्ञान , अचक्षु दर्शन ।
1943 पृथ्वीकाय के जीव एक समय में कितने उत्पन्न हो सकते हैं?
जघन्य 1-2-3 उत्कृष्ट संख्याता , असंख्याता उत्पन्न हो सकते हैं।
1944 कौन से जीव तीन आरो का स्पर्श करते हैं?
पृथ्वीकाय के जीव ।
1945 पृथ्वीकाय के कौन से जीव तीन आरों का स्पर्श करते हैं?
जिनकी 22,000 वर्ष की स्थिति हैं। जो जीव यदि चौथे आरे के अंत में जन्मा हो तो पूरा 5वाँ आरा 21,000 वर्ष की स्थिति का पूर्ण करे तो जीव तीन आरों का स्पर्श कर सकता हैं ।
1946 कितनी गतियों से आकर जीव पृथ्वीकाय में उत्पन्न हो सकते हैं?
तीन गतियों से ।
1947 कौन सी गतियों से आकर जी�व पृथ्वीकाय में उत्पन्न हो सकते हैं?
तिर्यच गति , मनुष्य गति , देव गति ।
1948 पृथ्वीकाय के जीव मरकर किस किस गति में उत्पन्न हो सकते हैं?
मनुष्य व तिर्यच गति में ।
1949 पृथ्वीकाय के जीवों में कितने प्राण पाये जाते हैं?
चार प्राण । (स्पर्शनेन्द्रिय बल प्रा�ण , काय बल प्राण , �श्ववासोश्वास बल प्राण , आयुष्य बल प्राण )
1950 पृथ्वीकाय के के जीवों की भवस्थिति कितनी हैं?
जघन्य अन्तमुर्हत उतकृष्ट 22,000 वर्ष की ।
1951 पृथ्वीकाय के जीवो की कायस्थिति कितनी हैं?
असंख्यात काल की ।
1952 पृथ्वीकाय के जीव मरकर पृथ्वीकाय में कितनी बार उत्पन्न हो सकते हैं?
असंख्यात बार उत्पन्न हो सकते हैं।
1953 पृथ्वीकाय के जीव कितने समय से आहार लेते हैं?
आभोग निवर्तित असंख्यात समय के अन्तमुर्हत से , आनाभोग निर्वर्तित प्रतिसमय ।
1954 पृथ्वीकाय के जीव कितनी दिशा से आहार लेते हैं?
3-4-5-6 दिशा से आहार लेते हैं ।
1955 पृथ्वीकायिक जीव कितने प्रकार का आहार लेते हैं?
288 प्रकार का ।
1956 आहार के 288 प्रकार कौन से हैं?
द्रव्य से - अनन्तानन्त प्रदेशी स्कधों का । क्षेत्र से - असंख्यात आकाश प्रदेश अवगाढ़ का । काल से - एक समय ,दो समय ,तीन समय यावत् दस समय , संख्यात समय , असंख्यात समय की स्थिति का भाव से -वर्ण ,गंध,रस, स्पर्श वाले पुदगलों का आहार ग्रहण करते हैं । वर्ण की अपेक्षा -पांचो वर्ण वाले ,गंध की अपेक्षा -दो गंध वाले , रस की अपेक्षा पांचों रस वाले ,स्पर्श की अपेक्षा -आठों स्पर्श वाले पुदगलों का आहार ग्रहण करते हैं।
⚛ वर्ण से काले वर्ण के होते हैं तो एक गुण काले वर्ण के दो गुण काले वर्ण के , तीन गुण काले वर्ण के , यावत् 10 गुण काले वर्ण के ,संख्यात गुण काले वर्ण के , असंख्यात गुण काले वर्ण के और अंनतगुण काले वर्ण के पुदगलो का आहार करते हैं ।
⚛ काले वर्ण की तरह शेष चार वर्ण ,2 गंध ,5 रस ,8 स्पर्श के कहना ।इस तरह वर्ण ,गंध रस और स्पर्श के (5+2+5+8=20 ) 20×13 =260 बोल हुए।
⚛ स्पृष्ट ,अवगाढ़ , अनन्तरावगाढ़ ,सुक्ष्म ,बादर , ऊँचे ,नीचे , तिरछे आदि मध्य , अंत , स्वविषयक (स्वोचित आहार योग्य ) आनुपुर्वी और नियम पूर्वक छह दिशा के ग्रहण करते हैं।
⚛ द्रव्य का -1 ,क्षेत्र का -1, काल के - 12 ,भाव के -260 और स्पृष्ट आदि 14 बोल । ये सब बोल मिलाकर (1+1+12+260+14 ) 288 प्रकार का आहार होता हैं ।
1957 पृथ्वीकाय जीव में कितने गुणस्थान पाते हैं?
एक - मिथ्यादृष्टि गुणस्थान ।
1958 पृथ्वीकाय के जीवों में कितने कर्म होते हैं?
8कर्म ।
1959 पृथ्वीकायिक जीवों में जीव के 563 भेदो में से कितने भेद हैं?
4 भेद ।
1960 पृथ्वीकायिक जीवों में जीव के 563 भेदों मेंसे चार भेद कौन से हैं?
पृथ्वीकाय के सुक्ष्म ,बादर ,पर्याप्ता ,अपर्याप्ता ।
1961 कितने प्रकार के मनुष्यों के भेदवाले मनुष्य मरकर पृथ्वीकाय में उत्पन्न हो सकते हैं?
131 (101 सम्मूच्छिम , अपर्याप्त मनुष्य ,30 पन्द्रह कर्मभुमि के पर्याप्त अपर्याप्त मनुष्य )।
1962 कितने प्रकार के तिर्यच मरकर पृथ्वीकाय मे उत्पन्न हो सकते हैं?
48 भेद तिर्यच ।
1963 कितने प्रकार के देवता मरकर पृथ्वीकाय में उत्पन्न होते हैं?
64 जाति के देवता ,25 भवनपति ,26 वाण्व्यन्तर , 10 ज्योतिषी , पहला -दूसरा देवलोक ,पहला किल्विषी ।
1964 पृथ्वीकायिक जीव मरकर मनुष्यों के कितने भेंदों में उत्पन्न हो सकते हैं?
131 में 101 -सम्मूच्छिम मनुष्य , 30- पन्द्रह कर्म भूमि के पर्याप्ता व अपर्याप्ता ।
1965 पृथ्वीकायिक जीव मरकर तिर्यचों के कितने भेंदों में उत्पन्न हो सकते हैं?
48 तिर्यच में ।
1966 पृथ्वीकायिक जीवों में कौन सा दंड़क पाया जाता हैं?
12 दण्डक ।
1967 क्या पृथ्वीकायिक जीवो में समकित पायी जाती हैं?
नहीं ।
1968 पृथ्वीकायिक जीवों में कौन कौन से ध्यान पाये जाते हैं?
2 ध्यान - आर्त्तध्यान व रौद्रध्यान ।
1969 पृथ्वीकायिक जीव कितने कर्मो का बंध करते हैं?
7 या 8 कर्मो का ।
1970 पृथ्वीकायिक जीव कितने कर्मो की उदीरणा करते हैं?
7 या 8 कर्मो की ।
1971 पृथ्वीकायिक के कितने कर्मो का उदय होता हैं?
8 कर्मों का ।
1972 पृथ्वीकायिक जीवों मे कितने कर्मो की सत्ता रहती हैं?
8 कर्मो की ।
1973 पृथ्वीकायिक में 25 में से कितनी क्रियाएं पायी जा सकती हैं?
24 ईर्यापथिकी को छोड़कर ।
1974 दुसरी काया कौन सी हैं?
अपकाय ।
1975 अपकाय का नाम क्या हैं?
बंभीथावर काय ।
1976 अपकाय का नाम बंभीथावर क्यों पड़ा ?
पानी मे प्रतिबिंब पड़ने के कारण अथवा ब्रह्म देवता इसका मालिक होने के कारण ।
1977 अपकाय का वर्ण कैसा हैं?
लाल ।
1978 अपकाय का वर्ण लाल क्यो हैं?
अपकाय का वर्ण लाल हैं इसलिए जैसे - पानी छानते -छानते गलना लाल हो जाता हैं ।
1979 अपकाय का स्वभाव कैसा हैं?
ढीला ।
1980 अपकाय का संस्थान कैसा हैं?
पानी के बुलबुले के आकार का ।
1981अपकाय का की कुलकोड़ी कितनी हैं?
7लाख ।
1982 अपकाय की जीवयोनी कितनी हैं?
7 लाख ।
1983 अपकाय के जीव किस दिशा में सबसे कम हैं?
पश्चिम दिशा में (गौतम द्वीप में पृथ्वीकायमय होने से )
1984 अपकाय के जीव किस दिशा में सबसे ज्यादा हैं?
उत्तर दिशा में (अरुणवर द्वीप में मानसरोवर झील होने से । )
1985 अपकाय के जीव एक अन्तमुर्हत में कितनी बार जन्म मरण करते हैं?
जघन्य 1 बार उत्कृष्ट 12,824 बार ।
1986 अपकाय के जीवों में कौन सा वेद पाया जाता हैं?
नपुंसक वेद ।
1987 अपकाय के जीवों में कितनी कषाय पायी जाती हैं?
चारों ।
1988 अपकाय के जीवों में कितनी लेश्या पायी जाती हैं?
चार (कृष्ण ,नील , कपोत, तेजो )
1989 अपकाय के जीव उसी भव में मोक्ष जा सकता हैं?
नहीं जा सकता ।
1990 क्या अपकाय के जीवों में एकाभवतारी आत्माएं हो सकती हैं?
हाँ, हो सकती हैं।
1991 अपकाय के जीव सन्नी होते हैं या असन्नी ?
असन्नी ।
1992 अपकाय के जीवों में कितने शरीर पाये जाते हैं?
3 (औदारिक ,तैजस, कार्मण )
1993 अपकाय के जीवों की अवगाहना कितनी होती हैं?
अंगुल के असंख्यातवे भाग ।
1994 अपकाय के जीवों में कौन सा संहनन होता हैं?
सेवार्त्त (सेवार्त्तक )
1995 अपकाय के जीवों में कौन सा संस्थान होता हैं?
हुण्डक ।
1996 अपकाय के जीवों मे कितनी संज्ञाएं पायी जाती हैं?
चार ।
1997 अपकाय के जीवों में कितनी इन्द्रिया होती हैं?
एक (स्पर्शन इन्द्रिय )
1998 क्या अपकाय के जीवों में समुदघात पाये जाते हैं?
हाँ ।
1999 अपकाय के जीवों में कितने समुदघात पाये जाते हैं?
3 (वेदनीय , कषाय , मारणान्तिक )
2000 अपकाय के जीवों में कितनी पर्याप्तियाँ पायी जाती हैं?
4(आहार ,शरीर , इन्द्रिय , श्वासोश्वास )
2001 अपकाय के जीवो में कौन सी दृष्टि पायी जाती हैं?
मिथ्यादृष्टि ।
2002 अपकाय के जीवों में कौन सा दर्शन पाया जाता हैं?
अचक्षुदर्शन ।
2003 अपकाय में अचक्षुदर्शन किससे होता हैं?
स्पर्श इन्द्रिय से ।
2004 अपकाय में कितने ज्ञान पाये जाते हैं?
एक भी नही ।
2005 अपकाय के जीवों में कितने अज्ञान पाये जाते हैं?
2 मतिअज्ञान , श्रुतअज्ञान ।
2006 अपकाय के जीवों में कितने उपयोग पाये जाते हैं?
3 मतिअज्ञान , श्रुतअज्ञान ,अचक्षुदर्शन ।
2007 अपकाय के जीवों में कितने योग पाये जाते हैं?
3 औदारिक , औदारिक मिश्र , कार्मण काय योग ।
2008 अपकाय के जीव एक समय में कितने उत्पन्न हो सकते हैं?
जघन्य 1,2,3 उत्कृष्ट संख्याता असंख्याता उत्पन्न होते हैं।
2009 कौन कौन सी तीन गतियों से आकर जीव अपकाय में उत्पन्न हो सकता हैं?
तिर्यच गति ,मनुष्य गति , देव गति ।
2010 अपकाय के जीव मरकर किस किस गति में उत्पन्न हो सकते हैं?
मनुष्य गति व तिर्यचगति ।
2011 अपकाय के जीवो में कितने प्राण पाये जाते हैं?
चार प्राण (स्पर्शनेन्द्रिय बल प्राण , काय बल प्राण , श्वासोश्वास बल प्राण , आयुष्य बल प्राण )।
2012 अपकाय के जीवों की भवस्थिति कितनी हैं?
जघन्य अन्तमुर्हत उत्कृष्ट 7000 वर्ष की ।
2013 अपकाय के जीवों की कायस्थिति कितनी हैं?
हैं?
असंख्याता काल की ।
2014 अपकाय के जीव मरकर अपकाय में कितनी बार उत्पन्न हो सकते हैं?
असंख्याता बार उत्पन्न हो सकता है।
2015 अपकाय के जीव कितने समय में आहार लेते हैं?
आभोग निर्वर्तित असंख्यात समय के अन्तमुर्हत से आनाभोग निर्वर्तित प्रतिसमय ।
2016 अपकाय के जीव कितनी दिशा से आहार लेते हैं?
3-4-5-6 दिशा से आहार लेते हैं।
2017 अपकाय के जीव कितने प्रकार का आहार लेते हैं?
288 प्रकार का ।
2018 अपकाय के जीव में कितने गुणस्थान पाते हैं?
एक - मिथ्यादृष्टि गुणस्थान ।
2019 अपकाय के जीवों में जीव के 563 भेदों मे से कितने भेद हैं?
चार भेद ।
2020 अपकाय के जीवों में जीव के 563 भेंदों मे से चार भेद कौन से हैं?
अपकाय के सुक्ष्म , बादर , पर्याप्ता ,अपर्याप्ता ।
2021 कितने प्रकार के मनुष्यों के भेद वाले मनुष्य मरकर अपकाय में उत्पन्न हो सकते हैं?
131 में 101 सम्मूच्छिम अपर्याप्ता मनुष्य , 30 पन्द्रह कर्मभूमि के पर्याप्ता अपर्याप्ता मनुष्य ।
2022 कितने प्रकार के तिर्यच मरकर अपकाय मे उत्पन्न हो सकते हैं?
48 तिर्यच ।
2023 कितने प्रकार के देवता मरकर अपकाय में उत्पन्न हो सकते हैं?
64 जाति के देवता (25 भवनपति ,26 वाणव्यन्तर 10 ज्योतिषी , पहला दुसरा - देवलोक ,पहला किल्विषी )।
2024 अपकायिक जीव मरकर तिर्यच के कितने भेदों में उत्पन्न हो सकते हैं?
48 तिर्यच ।
2025 अपकायिक जीव मरकर मनुष्यों के कितने भेंदों में उत्पन्न हो सकते हैं?
131 में 101 सम्मूच्छिम अपर्याप्ता मनुष्य , 30 पन्द्रह कर्मभुमि के पर्याप्ता अपर्याप्ता ।
2026 अपकायिक जीव में कौन सा दण्डक पाया जाता हैं?
13 वां दण्डक ।
2027 क्या अपकायिक के जीव में समकित पायी जाती हैं?
नहीं ।
2028 अपकायिक जीवों में कौन कौन से ध्यान पाये जाते हैं?
2 ध्यान -आर्तध्यान , रौद्रध्यान ।
2029 अपकायिक जीवों में कितने कर्मो का बंध करते हैं?
7 या 8 कर्मो का ।
2030 अपकायिक जीवो में कितने कर्मो की उदीरणा होती हैं?
7 या 8 कर्मो का ।
2031 अपकायिक जीवों में कितने कर्मो का उदय होता हैं?
8 कर्मो का ।
2032 अपकायिक जीवो में कितने कर्मो की सत्ता होती हैं?
8 कर्मो की ।
2033 अपकायिक जीव में 25 में से कितनी क्रियाएं पायी जाती हैं?
24 (ईयापथिकी को छोड़कर )
2034 तीसरी काया कोन सी हैं?
तेऊकाय ।
2035 तेऊकाय का नाम क्या हैं?
सप्पी थावर काय ।
2036 सप्पी थावर काय नाम क्यों पड़ा ?
ठसा हुआ घी का घड़ा अग्नि के सामने रखने से पिघल जाता हैं इसलिए अथवा शिल्पी नामक देवता इसका मालिक होने से सप्पी थावर काय नाम पड़ा ।
2037 तेउकाय का वर्ण कैसा हैं?
सफेद ।
2038 तेउकाय का वर्ण सफेद क्यो हैं?
अग्नि का परिणाम सफेद होने से काले वर्ण की लड़की भी जलने पर तेउकाय का स्पर्श पाकर राख सफेद हो जाती हैं।
2039 तेउकाय का का स्वभाव कैसा हैं?
उष्ण ।
2040 ते�उकाय का संस्थान कैसा हैं?
सूई के भारे अथवा भालें की नोक के समान ।
2041 तेउकाय की कुलकोड़ी कितनी हैं?
3 लाख ।
2042 सुक्ष्म तेउकाय के जीव कहां कहां रहते हैं?
सम्पूर्ण लोक में ।
2043 बादर तेउकाय के जीवों का स्वस्थान कहां हैं?
मनुष्य लोक में ।
2044 बादर तेउकाय के जीव किस दिशा में सबसे अधिक हैं?
पश्चिम दिशा में (सलिलावती विजय की अपेक्षा )
2045 बादर तेउकाय के जीव किस दिशा में सबसे कम हैं?
दक्षिण व उत्तर दिशा में (भरत ऐरवत क्षेत्र सबसे छोटा है उनसे मनुष्यों के वास कम होने से )।
2046 तेउकाय के जीव एक अन्तमुर्हत में कितने जन्म मरण कर सकते हैं?
जघन्य 1 बार उत्कृष्ट 12,824 बार ।
2047 तेउकाय के जीवों में कौन सा भेद पाया जाता हैं?
नपुंसक भेद ।
2048 तेउकाय के जीवों में कितनी कषाये पायी जाती हैं?
चार ।
2049 तेउकाय के जीवों में कितनी लेश्याएं पायी जाती हैं?
तीन (कृष्ण , नील , कापोत )।
2050 तेउकाय का जीव उसी भव में मोक्ष जा सकते हैं?
नहीं जा सकता ।
2051 क्या तेउकाय के जीव में एक भवतारी आत्माएँ हो सकती हैं?
नहीं हो सकती ।
2052 तेउकाय के जीव सन्नी होते हैं या असन्नी ?
असन्नी ।
2053 तेउकाय के जीवों मे कितने शरी�र पाये जाते हैं?
3 औदारिक ,तैजस , कार्मण ।
2054 तेउकाय के जीवों की अवगाहना कितनी होती हैं?
अंगुल के असंख्यातवे भाग ।
2055 तेउकाय के जीव में कौन सा संहनन होता हैं?
सेवार्त (सेवार्तक)
2056 तेउकाय के जीवों मे कितनी संज्ञाएं पायी जाती हैं?
चार ।
2057 तेउकाय के जीवों में कितनी इन्द्रिया होती हैं?
एक (स्पर्श इन्द्रिय )
2058 क्या तेउकाय के जीवो में समुद्घात पाये जाते हैं?
हाँ ।
2059 तेउकाय के जीवों में कितने समुद्घात पाये जाते हैं?
3 वेदनीय ,कषाय , मारणान्तिक ।
2060 तेउकाय के जीवों में कितनी पर्याप्तियाँ पायी जाती हैं?
4 (आहार ,शरीर ,इन्द्रिय, श्वासोश्वास ।
2061 तेउकाय के जीवों में कौन सी दृष्टि पायी जाती हैं?
मिथ्यादृष्टि ।
2062 तेउकाय के जीवों में कौन सा दर्शन पाया जाता हैं?
अचक्षुदर्शन ।
2063 तेउकाय मे अचक्षुदर्शन किससे होता हैं?
स्पर्श इन्द्रिय ।
2064 तेउकाय के जीवों में कितने ज्ञान पाये जाते हैं ?
एक भी नहीं ।
2065 तेउकाय के जीव में कितने अज्ञान पाये जाते हैं?
2-मतिअज्ञान ,श्रुतअज्ञान ।
2066 तेउकाय के जीवों में कितने योग पाये जाते हैं?
3 - औदारिक ,औदारिक मिश्र , कार्मण काययोग ।
2067 तेउकाय के जीवों में कितने उपयोग पाये जाते हैं?
मतिअज्ञान , श्रुतअज्ञान , अचक्षुदर्शन
2068 तेउकाय के जीव एक समय में कितने उत्पन्न हो सकते हैं?
जघन्य 1-2-3 उत्कृष्ट संख्याता असंख्याता उत्पन्न होते हैं।
2069 कितनी गतियों से आकर जीव तेउकाय में उत्पन्न हो सकते हैं?
2 गतियों से ।
2070 कौन कौन सी गतियों में आकर जीव तेउकाय में उत्पन्न हो सकते हैं?
तिर्यच व मनुष्य से आकर उत्पन्न हो सकते हैं।
2071 तेउकाय के जीव मरकर किस किस गति मे उत्पन्न हो सकते हैं?
तिर्यच मे ही उत्पन्न होते हैं।
2072 तेउकाय के जीव मरकर किस किस गति मे उत्पन्न हो सकते हैं?
तिर्यच में ही उत्पन्न हो सकते हैं।
2073 तेउकाय के जीवों में कितने प्राण पाये जाते हैं?
चार प्राण ।
2074 तेउकाय में जीवों की भव स्थिति कितनी हैं?
जघन्य अन्तमुर्हत उत्कृष्ट 3 अहोरात्री ।
2075 तेउकाय के जीवों में कायस्थिति कितनी हैं?
असंख्यात काल ।
2076 तेउकाय के जीव मरकर तेउकाय में कितनी बार उत्पन्न हो सकते हैं?
असंख्यात बार उत्पन्न हो सकते हैं।
2077 तेउकाय के जीव कितने समय से आहार लेते हैं?
आभोग निर्वर्तित असंख्यात समय के अन्तमुर्हत से , अनाभोग निर्वर्तित प्रतिसमय ।
2078 तेउकाय के जीव कितनी दिशा से आहार लेते है?
3-4-5-6 दिशा से आहार लेते हैं।
2079 तेउकाय के जीव कितने प्रकार का आहार लेते हैं?
288 प्रकार का ।
2080 तेउकाय जीव में कितने गुणस्थान पाते हैं?
एक - मिथ्यादृष्टि गुणस्थान ।
2081 तेउकाय में के जीवों के कितने कर्म होते हैं?
8 कर्म
2082 तेउकाय के जीवों मे जीव के 563 भेदों में से कितने भेद पाते हैं?
4 भेद ।
2083 तेउकाय के जीवों मे जीव के 563 भेदों में से चार भेद कौन से हैं?
तेउकाय के सुक्ष्म ,बादर ,पर्याप्ता ,अपर्याप्ता ।
2084 कितने प्रकार के मनुष्यों के भेद वाले मनुष्य मरकर तेउकाय में उत्पन्न हो सकते हैं?
131 में 101 सम्मूच्छिम अपर्याप्त मनुष्य , 30 पन्द्रह कर्म भुमि के पर्याप्त अपर्याप्त मनुष्य ।
2085 कितने प्रकार के तिर्यच मरकर तेउकाय मे उत्पन्न हो सकते हैं?
48 तिर्यच ।
2086 तेउकाय के जीव मरकर तिर्यचो के कितने भेदो में उत्पन्न हो सकते हैं?
48 तिर्यच ।
2087 तेउकाय के जीवों में कौन सा दण्डक पाया जाता हैं?
14 वां दण्डक ।
2088 क्या तेउकाय के जीवों में समकित पायी जाती हैं?
नहीं ।
2089 तेउकाय के जीवों में कौन कौन से ध्यान पाये जाते हैं?
2 ध्यान आर्तध्यान व रौद्रध्यान
2090 तेउकाय के जीव कितने कर्मो का बंध करते हैं?
7या8 कर्मो का ।
2091 तेउकाय के जीव कितने कर्मो की उदीरणा करते हैं?
7 या 8 कर्मो की ।
2092 तेउकाय के जीव मे कितने कर्मो का उदय रहता हैं?
8 कर्मों का ।
2093 तेउकाय के जीव के कितने कर्मो की सत्ता रहती हैं?
8 कर्मो की।
2094 तेउकाय के जीव में 25 में से कितनी क्रियाएं पाई जा सकती हैं?
24 (ईर्यापथिकी को छोड़कर ) ।
2095 आचारांग में दीर्घ लोक वनस्पति का शस्त्र कौन सा बताया हैं?
तेउकाय ।
2096 तेउकाय को दीर्घ लोक शस्त्र क्यो कहा गया हैं?
क्योकि वह छहकाय के जीवो को भस्म कर डालता हैं ।
2097 चौथी काय कौन सी हैं?
वायुकाय ।
2098 वायुकाय का नाम क्या हैं?
सुमतिथावर काय ।
2099 सुमतिथावर काय नाम क्यो पड़ा ?
थका हुआ पथिक छाया में विश्राम लेता हैं या सन्मति नामक देवता मालिक होने से ।
3000 वायुकाय का वर्ण कौन सा हैं?
हरा (नीला )
3001 वायुकाय का वर्ण हरा (नीला ) क्यों है?
पृथ्वीकाय के संयोग से निकलता हुआ पीला अंकुर क्रमशः वायुकाय का संस्पर्श पाकर हरा हो जाता हैं।
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भगवान् महावीर - जीवन परिचय
महावीर भगवान् - जीवन परिचय
१. चयवन - प्राणत देवलोक
२. गर्भ प्रवेश तिथि - आषाढ़ शुक्ला ६
३. गर्भ साहरण तिथि - आश्विन कृष्णा १३
४. जन्म तिथि - चैत्र शुक्ला १३
५. जन्म स्थान - क्षत्रिय कुण्डपुर
६. नाम - वर्धमान,
महावीर,
देवार्य,
ज्ञातनंदन,
वीर,
सन्मति,
७. वर्ण - स्वर्ण ( तप्त स्वर्ण के समान )
८. चिन्ह - सिंह
९. पिता का नाम - सिद्धार्थ राजा
१०. माता का नाम - त्रिशलादेवी
११. मामा का नाम - गणतंत्र अध्यक्ष चेटक
१२. वंश - इक्षवाकु
१३. गोत्र - काश्यप स्वेतम्बर पंथ अनुसार
१४. पत्नी का नाम - यशोदा
१५. पुत्री का नाम - प्रियदर्शना
१६. भाई का नाम - नन्दीवर्धन
१७. बहन का नाम - सुदर्शना
श्वेतम्बर पंथ अनुसार १८. कुमार काल - ३० वर्ष
१९. शरीर प्रमाण - ७ हाथ प्रमाण
२०. गृहवास में ज्ञान - मति, श्रुत, अवधिज्ञान
२१. दीक्षा तिथि - मार्ग शीर्ष कृष्णा १०
२२. दीक्षा स्थल - क्षत्रिय कुण्डपुर
२३. दीक्षा के समय तप - दो दिन की तपस्या
२४. दीक्षा पर्याय - ४२ वर्ष
२५. दीक्षा वृक्ष - अशोक वृक्ष
२६. दीक्षा परिवार - अकेले दीक्षित
२७. साधना काल - १२ वर्ष, ६ मास, १५ दिन
२८. प्रथम देशना स्थल - ज्रिभंक ग्राम ( देवों के ब…
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5 आचार - ज्ञानाचार ,दर्शनाचार , चारित्राचार , तपाचार वीर्याचार । 1016 आचारांग सुत्र के कितने श्रुतस्कन्ध है?
दो श्रुतस्कन्ध । 1017 आचारांग सुत्र में कितने अध्ययन और उद्देशक है?
25 अध्ययन एंव 85 उद्देशक । 1018 आचारांग सुत्र की पद संख्या कितनी है ?
18000 पद । 1019 आचारांग सुत्र मे वाचनाएं कितनी है?
परिमित वाचनाएं । 1020 आचारांग सुत्र में संग्रहणिया- निर्युक्तियाँ प्रतिपत्तियाँ कितनी है ?
संख्याता । 1021 आचारांग सुत्र में अक्षर , श्लोक एंव वेद कितने है?
संख्याता, संख्याता ,संख्याता । 1022 आचारांग सुत्र मे गमक , पर्यव कितने है?
अनन्त । 1023 एक अनुष्टुप श्लोक में कितने अक्षर होते है?
बत्तीस । 1024 सुत्रकृतांग सूत्र कौन सा अंग सुत्र है?
दुसरा अंग सूत्र । 1025 सुत्रकृत किसे कहते है?
जो भगवान के वचनो को सुचित करे वह सूत्र है, जिसे इस प्रकार सूत्र रुप से बनाया गया हो, वह सूत्रकृत है । 1026 सुत्रकृतांग के कितने श्रुत्रस्कन्ध है?
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