सम्यक्त्वपराक्रम के 73 बोल

सम्यक्त्वपराक्रम के 73 बोल

पहला बोल- संवेग
दूसरा बोल-निर्वेद
तीसरा बोल-धर्मश्रद्धा
चौथा बोल गुरु-सार्मिक शुश्रूषा
पांचवा बोल- आलोचना
छठा बोल - आत्मनिन्दा
सातवा वोल-~ गर्दा
पाठवां बोल- सामायिक
नवा बाल- चतुर्विशतिस्तव
दसवा बोल-वन्दना

ग्यारहवा बोल प्रतिक्रमण
बारहवा बोल - कायोत्सर्ग
तेरहवा बोल-प्रत्याख्यान
चौदहवा बोल स्तव-स्तुतिमंगल
पन्द्रहवा बोल - कालप्रतिलेखन
सोलहवा बोल - प्रायश्चित्त
सत्तरहवा बोल- क्षमापणा
अठारह्वा बोल - स्वाध्याय
उन्नीसवा बोल- वाचना
बीसवा बोल-प्रतिपृच्छना

इक्कीसवा बोल -परिवर्तना
बाईसवा बोल -अनुप्रेक्ष
तेईसवा बोल- धर्मकथा
चौबीसवा बोल- श्रुत की आराधना
पच्चीसवा बोल-मानसिक एकाग्रता
छब्बीसवा बोल- संयम
सत्ताईसवा बोल- तप
अट्ठाईसवा बोल -व्यवदान
उनतीसवा बोल -सुख-साता
तीसवा बोल -अप्रतिबद्धता

इकतीसवा बोल- विविक्त शयनासन
बत्तीसवा बोल-विनिवर्तना
तेतीसवा बोल -सभोगप्रत्याख्यान
चौतीसवा बोल- उपथिप्रत्याख्यान

पैतीसवा बोल -आहार प्रत्याख्यान
छत्तीसवा बोल -कषाय-प्रत्याख्यान
सैंतीसवा बोल -योग-प्रप्रत्याख्यान
अडतीसवा बोल -शरीर-प्रत्याख्यान
उनचालीसवा बोल -सहाय-प्रत्याख्यान
चालीसवा बोल -भक्त-प्रत्याख्यान

एकतालीसवा बोल-सद्भाव-प्रत्याख्यान
बयालीसवा बोल- प्रतिरूपता
तेतालीसवा बोल -सेवा
चीवालीसवा बोल- सर्वगुणसम्पन्नता
पैंतालीसवा बोल- वीतरागता
छयालीसवा बोल -क्षमा
सैंतालीसवा बोल- अलोभवृत्ति
अडतालीसवा बोल-ऋजुता

उनचासवां बोल-मृदुता
पचासवा बोल-भावसत्य

इक्यावनवा बोल -करणसत्य
बावनवा बोल-योगसत्य
तिरेपनवा बोल - मनोगुप्ति
चौवनवा बोल -वचनगुप्ति
पचपनवा बोल- कायगुप्ति
छप्पनवा बोल-मन-समाधि
सत्तावनवा बोल -वचन समाधि
अट्ठावनवां बोल -कायसमाथि
उनसठवा बोल-ज्ञानसम्पन्नता
साठवा बोल-दर्शनसम्पन्नता

एकसठवा बोल-चारित्रसम्पन्नता
बासठ से छासठवा बोल- इन्द्रियनिग्रह
सडसठवा बोल-क्रोधविजय
अडसठवा बोल-मानविजय
उनहत्तरवा बोल- माया-विजय
सत्तरवा बोल-लोभ-विजय
एकहत्तरवा बोल-राग-द्वेष-मिथ्यादर्शन-विजय
बहत्तरवा-तेहत्तरवा बोल शैलशी तथा निष्कर्मता
उपसहार

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