श्रावक प्रश्न
🅿️....1) उपासक दशांग सूत्र में आठवां अध्ययन किस को समर्पित है ❓️
🅰️....1) महाशतक जी
🅿️...2) महाशतक श्रावक जी किस नगरी के रहने वाले थे❓️
🅰️...2) राजगृही के
🅿️...3) महाशतक श्रावक जी को एक से अधिक पत्नियां थी ❓️
🅰️...3) हां
🅿️...4) कितनी पत्नियां थी❓️
🅰️...4) 13 पत्नियां
🅿️...5) महाशटकजी के पास कितनी कास्य मुद्राएं थी❓️
🅰️...5) एक भी नहीं
🅿️...6) महा शतक ज़ी ने अपने बड़े पुत्र को क्या बनाया❓️
🅰️...6) उत्तराधिकारी
🅿️...7) महाशतक जी को कितने दिन का संथारा हुआ ❓️
🅰️...7) 1 माह का
🅿️...8) उपासक दशान सूत्र के 10 श्रावकों में से कितने को अवधि ज्ञान हुआ ❓️
🅰️....8) दो श्रावकों कों
🅿️...9) नंदिनी पिता का वर्णन सूत्र के कौन से अध्ययन में आता है ❓️
🅰️...9) नवमें अध्ययन में
🅿️...10) नंदिनी पिता की पत्नी का नाम क्या था ❓️
🅰️...10) अश्विनी
🅿️...11) नंदिनी पिता को भगवान की वाणी सुनकर क्या विचार आए❓️
🅰️...11) रमन हुए, अंतःकरण प्रेरित हुआ, श्रावक धर्म धारण किया
🅿️...12) नंदिनी पिता कितने वर्षों तक धर्म पर अडिग रहे ❓️
🅰️...12) 20 वर्ष तक श्रावक धर्म
🅿️...13) नंदिनी पिता कि देवलोक के किस विमान में उत्पन्न हुए❓️
🅰️...13) सौधर्म कल्प अरुणगव विमान
🅿️...14) उपासक दसांगज़ी के दसवे अध्ययन में किसका वर्णन आता है❓️
🅰️...14) शालिही पिता
🅿️...15) शालिनी पिता के पत्नी का क्या नाम था ❓️
🅰️...15) फाल्गुनी
🅿️. 16) शालिनी पिता के पास गायों की संख्या कितनी थी ❓️
🅰️...16) चार गोकुल
🅿️...17) शालिनी पिता किस महापुरुष के उपदेश से जागृत हुवे ❓️
🅰️...17) भगवान महावीर स्वामी जी के
🅿️...18) देवलोक गमन के पश्चात यह श्रावक किस गति में गए ❓️
🅰️...18) देव गति
🅿️...19) दसों श्रावक कहां से मोक्ष जाएंगे ❓️
🅰️...19) महाविदेह क्षेत्र से🙏🙏🙏
**
१ श्रावक सबसे पहले किस पद का उम्मीदवार हैं..?
@ साधु
२ श्रावक किसके लिए तड़पता हैं.?
@ मोक्ष
३ श्रावक किसके लिए लड़ता हैं..?
@ मोह
४ श्रावक को सूर्योदय से कितने मिनिट पहले उठना चाहिए..?
@ ९६
५ श्रावक को किसके उपर अडिग श्रद्धा रखनी चाहिए.?
@ जिनवचन
६ श्रावक की पहचान किस्से होती हैं..?
@ केसर तिलक
७ श्रावक को वर्ष में कुल मिलाकर कितने प्रतिकमन करने चाहिए..?
@ ७२०
८ श्रावक के कर्तव्य का वर्णन किस सूत्र में आता हैं..?
@ मन्ह जिणाण्म
९ श्रावक का गुण स्थानक कौन सा..?
@ पांचवा
१० श्रावक के सामान्य कर्तव्य कितने..?
@ ३६
११ श्रावक को पर्युषण पर्व में कितने कर्तव्य करने चाहिएं..?
@ ५
१२ श्रावक को हर पन्द्रह दिन में क्या करना चहिए..?
@ एक उपवास
१३ श्रावक को वर्ष में कितने कर्तव्य करने चाहिएं..?
@ ग्यारह
१४ किसकी प्राप्ति के लिए देरासर में श्रावक तीन प्रदक्षिणा देता है..?
@ रत्नत्रयी
१५ श्रावक को कितने संडासापूर्वक खमासमण देना चाहिए..?
@ १७
१६ रस्ते में मिले गुरु भगवंत का अभिवादन श्रावक को किस शब्द से करना चाहिए..?
@ मत्थेंण वंदामि
१७ श्रावक को प्रतिदिन कितने प्रकार की पूजा करनी चाहिए..?
@ अष्ट प्रकार की
१८ किस महापुरुष की तरह श्रावक को प्रतिदिन प्रभू की आरती उतारनी चाहिए..?
@ कुमारपाल राजा
१९ जघन्य से श्रावक को जिनमंदिर में कितनी आशतना नहीं करनी चाहिए..?
@ दस
२० श्रावक को प्रतिदिन थाली धोकर पीने से कितना लाभ मिलता है..?
@ एक आयंबिल का
२१ श्रावक को प्रतिदिन जिनपुजा किसके द्रव्य से करनी चाहिए..?
@ स्व द्रव्य से
२२ श्रावक को जिनमंदिर में कितनी त्रिक का पालन करना चाहिए..?
@ दस
२३ भोजन के समय कुछ कम खाकर श्रावक को कौन सा तप करना चाहिए..?
@ उणोदारी
२४ किए हुए पापो से मुक्ति के लिए श्रावक को क्या करना चाहिए..?
@ भव आलोचना
२५ किसका श्रवण श्रावक को प्रतिदिन करना चाहिए..?
@ जिनवाणी
*
*🙏🏿टाँपिक:-श्रावक श्रृंगार!!!🙏🏿*
🙏🏻1. श्रावक किस पद के लिए तरसता हैं?
✍🏼1. *साधु।*
🙏🏻2. श्रावक को सुबह उठकर कितनी नवकार गिननी चाहिए?
✍🏼2. *8*
🙏🏻3. श्रावक के लिए नरक का पहला द्वार कौनसा बताया है?
✍🏼3. *रात्रिभोजन।*
🙏🏻4. श्रावक गुरु भगवंत की कितनी आशातना नहीं करता है?
✍🏼4. *33*
🙏🏻5. श्रावक को कितनी बार गुरुवंदन करना चाहिए?
✍🏼5. *तीन(त्रिकाल)।*
🙏🏻6. श्रावक को कितने गुणों से युक्त होना चाहिए?
✍🏼 6. *21*
🙏🏻7.श्रावक किसके लिए तड़पता हैं?
✍🏼7. *मोक्ष।*
🙏🏻8. श्रावक को सूर्योदय से कितने मिनट पहले उठना चाहिए?
✍🏼8. *48 मिनट।*
🙏🏻9. श्रावक को प्रतिदिन दोनों समय क्या करना चाहिए?
✍🏼9. *प्रतिक्रमण।*
🙏🏻10. श्रावक किसके विरुद्ध लडता हैं?
✍🏼10. *मोह।*
🙏🏻11. श्रावक के कर्त्तव्य का वर्णन कौनसे सूत्र में आता हैं?
✍🏼11. *मन्नह जिणाणं।*
🙏🏻12. श्रावक को किसपर अडिग श्रद्धा होती हैं?
✍🏼12. *जिनवचन।*
🙏🏻13. श्रावक का कौनसा गुणस्थान होता हैं?
✍🏼13. *देशविरती गुणस्थान।*
🙏🏻14. स्थानक में जाते समय कितने अभिगम का पालन करना चाहिए?
✍🏼14. *5*
🙏🏻15. परमात्मा के दर्शन होते ही श्रावक को क्या बोलना चाहिए?
✍🏼15. *नमो जिणाणं।*
🙏🏻16. श्रावक को कोई श्रावक मिले तो क्या बोलकर अभिवादन करना चाहिए?
✍🏼16. *जय जिनेन्द्र।*
🙏🏻17. श्रावक को साधु के बराबर बनने के लिए प्रतिदिन एक करनी चाहिए?
✍🏼17. *सामायिक।*
🙏🏻18. श्रावक संसार का हर कार्य कैसे करता है?
✍🏼18. *उदासीनता से।*
🙏🏻19. श्रावक के शिक्षा व्रत कितने हैं?
✍🏼19. *4*
🙏🏻20. श्रावक के रसोई घर में कौनसी चीज अवश्य होनी चाहिए?
✍🏼20. *पूँजणी।*
🙏🏻21. पर्वतिथी के दिन श्रावक को क्या करना चाहिए?
✍🏼21. *पौषध।*
🙏🏻22. श्रावक के गुणव्रत कितने हैं?
✍🏼22. *3*
🙏🏻23. श्रावक को किस तप की अनुमोदना करने के लिए रोज एक लुखी रोटी खानी चाहिए?
✍🏼23. *आयंबिल।*
🙏🏻24. श्रावक के कितने व्रत हैं?
✍🏼24. *12*
🙏🏻25. श्रावक को कितने अभक्ष्य का त्याग करना चाहिए?
✍🏼25. *22*
🙏🏻26. श्रावक को प्रतिदिन सुबह किसका पच्चक्खाण करना चाहिए?
✍🏼26. *नवकारसी।*
🙏🏻27. श्रद्धा, विवेक पूर्वक क्रिया करें उसे क्या कहते हैं?
✍🏼27. *श्रावक।*
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
*🙏🏻सौ.आरती राजेंद्रजी मुथा, अमरावती🙏🏻*
*✍🏼वीरप्रभु युनिवर्सिटी✍🏼*
*🙏🏿17/09/2018....सोमवार🙏🏿*
*🕝 2.30 से 🕒 3 बजे तक।*
🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼🙏🏼
🦚🌼🌻🌹🦚🌼🌻🌹🦚
1️⃣ एक भव मे श्रावकपना कितनी बार आ सकता है?
🅰️ 900 बार
2️⃣ तिर्यंच श्रावक का कोनसा गुणस्थान होता है?
🅰️ पांचवा
3️⃣ किस श्रावक ने बैलो को नवकार सुनाया?
🅰️ जिनदास श्रावक
4️⃣ कोनसे श्रावक विदेशी पत्नि लाये?
🅰️ पालित श्रावक
5️⃣ श्रावक की कुल देवी कोन ?
🅰️ यतना
6️⃣ किस श्राविका का अगाध प्रेम वीर प्रभु से था?
🅰️ सुलसा श्राविका
7️⃣ प्रतिक्रमण मे श्रावक की प्रंशसा कहा होती है?
🅰️ अढा़ईद्वीप मे
8️⃣ किस श्रावक ने साध्वी को बोध दिया?
🅰️ ढंक श्रावक ने प्रियदर्शना जी
9️⃣ किस श्रावक का अपहरण पोषधशाला से किया?
🅰️ सुदर्शन श्रावक
🔟 गौतमस्वामी ने कोनसे श्रावक की बात नही मानी?
🅰️ आनंद श्रावक
1️⃣1️⃣ इस काल का अंतिम श्रावक कोन ?
🅰️ जिनदास जी
1️⃣2️⃣ संयमी मे दोष ढूंढने वाले श्रावक किसके समान?
🅰️ सौतन के समान
1️⃣3️⃣ श्रावक को कितने नियम धारण करना चाहिए?
🅰️ 14 नियम
1️⃣4️⃣ कोनसे श्रावक ने संवत्सरी का प्रतिक्रमण किया?
🅰️ उदायन जी
1️⃣5️⃣ श्रावक की आशातना किसने की?
🅰️ सूर्य कान्ता रानी
1️⃣6️⃣ श्रावक के 21 गुणो का वर्णन कहा आया?
🅰️ भगवती सूत्र
1️⃣7️⃣ मनुष्य गति के श्रावक कितने?
🅰️ संख्याता
1️⃣8️⃣ कार्तिक सेठ ने किसके पास श्रावक व्रत लिये?
🅰️ मुनिसुव्रत भगवान
1️⃣9️⃣ कैनसे श्रावक तलवार पूंजकर युद्ध करते थे?
🅰️ चेटक जी
2️⃣0️⃣ श्रावक को क्या कहते है?
🅰️ श्रमणोपासक
2️⃣1️⃣ एक हजार मित्रों के साथ किसने दीक्षा ली?
🅰️ कार्तिक सेठ
1⃣🔒 कौन से श्रावक के शील एवं सत्य धर्म से प्रभावित होकर शकेद्रने उनकी पूजा अर्चना की थी❓
1⃣🔐 सुदर्शन सेठ की
2⃣🔒 भगवान महावीर को कौन से श्रावक ने प्रश्न पूछे थे❓
2⃣🔐 मद्रुक श्रावक
3⃣🔒 कौन से नगरी के श्रावक तत्वज्ञ एवं जिज्ञासु थे❓
3⃣🔐तुंगिया नगरी के
4⃣ तेलेकी तपस्या करके युद्ध किसने किया❓
4⃣🔐 वरुणानागनप्तुक श्रावक
5⃣🔒 पिता के नाम से कौन से श्रावक प्रसिद्ध हुए थे❓
5⃣🔐 सकडालपुत्र श्रावक
6⃣🔒 कौनसे श्रावक को सथांरे में संत दर्शन देने आए थे❓
6⃣🔐 आनंद श्रावक को गौतम स्वामी ने
7⃣🔒 पौषध शाला से प्रथम देवलोक में कौन आए❓
7⃣🔐आनंद श्रावक
8⃣🔒 सामायिक व्रत में उपसर्ग किसे आए❓
8⃣🔐 कुंडकौलिक श्रावक को
9⃣🔒 भगवान महावीर ने कौनसे श्रावक के सामायिक की प्रशंसा की थी❓
9⃣🔐 पूनिया श्रावक
🔟🔒 दौड़ते-दौड़ते सौधर्म देवलोक में कौन आया❓
🔟🔐 नंदमणियार मेंढक
🙏🏻 जीन आज्ञा विरुद्ध कुछ लिखा हो तो मिच्छामी दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
श्रावक के अतिचार कितने??
124
श्लोक मे कितने अक्षर??
3
1️⃣ श्रावक के *श्र* का अर्थ क्या है?
🅰️ *श्रद्धा*
2️⃣ श्रावक कौन से गुणस्थानक मे गिना जाता है?
🅰️ *पाँचवे*
3️⃣श्रावक को किसका वात्सल्य बारंबार करना चाहिए?
🅰️ *साधर्मिक*
4️⃣ श्रावक को साल मे कितने कर्तव्य करने चाहिए?
🅰️ *ग्यारह*---11
5️⃣ श्रावक को चौमासी तप कौन-सा करना चाहिए?
🅰️ *छट्ठ*--- *(2 उपवास*)
6️⃣सामयिक करते वक्त श्रावक किसके समान गिना जाता है?
🅰️ *साधु*
7️⃣श्रावक को मंदिर जाते वक्त कितने अभिगम के साथ जाना चाहिए?
🅰️ *पाँच*
8️⃣श्रावक को कितने वसा की दया का पालन करना चाहिए?
🅰️ *सवा*
9️⃣ परमात्मा की आज्ञा के लिए श्रावक रोज क्या करता है?
🅰️ *तिलक*
1️⃣0️⃣श्रावक को कितनी भावना का पालन करना चाहिए?
🅰️ *सोलह*
श्रावक पहचान किससे होती है❓
✅2⃣2⃣ तिलक
❇2⃣3⃣ श्रावक को किस पर अडिग श्रद्धा होती है❓
✅2⃣3⃣ जिनवाणी पर।
❇2⃣3⃣ किसकी प्राप्ति के लिए जिन मंदिर में तीन प्रदक्षिणा देनी चाहिए❓
✅2⃣3⃣ रत्नत्रयी
❇2⃣4⃣ श्रावक को प्रतिदिन कितने प्रकार जी पूजा करनी चाहिए❓
✅2⃣4⃣ अष्टप्रकारी
❇2⃣5⃣ श्रावक के कितने व्रत होते है❓
✅2⃣5⃣ बारह
❇2⃣6⃣ मानव जीवन की सबसे बड़ी संपदा❓
✅2⃣6⃣ शालीनता
❇2⃣7⃣ सत्पुरुषों के द्वारा जो व्यवहार किया जाता है वह क्या कहलाता है❓
✅2⃣7⃣ आचार
❇2⃣8⃣ मिथ्यात्व के साथ नियमा क्या होता है❓
✅2⃣8⃣ अज्ञान
❇2⃣9⃣ कर्म निर्जरा का अनमोल साधन❓
✅2⃣9⃣ तप
*
1️⃣ एक भव मे श्रावकपना कितनी बार आ सकता है?
🅰️ 900 बार
2️⃣ तिर्यंच श्रावक का कोनसा गुणस्थान होता है?
🅰️ पांचवा
3️⃣ किस श्रावक ने बैलो को नवकार सुनाया?
🅰️ जिनदास श्रावक
4️⃣ कोनसे श्रावक विदेशी पत्नि लाये?
🅰️ पालित श्रावक
5️⃣ श्रावक की कुल देवी कोन ?
🅰️ यतना
6️⃣ किस श्राविका का अगाध प्रेम वीर प्रभु से था?
🅰️ सुलसा श्राविका
7️⃣ प्रतिक्रमण मे श्रावक की प्रंशसा कहा होती है?
🅰️ अढा़ईद्वीप मे
8️⃣ किस श्रावक ने साध्वी को बोध दिया?
🅰️ ढंक श्रावक ने प्रियदर्शना जी
9️⃣ किस श्रावक का अपहरण पोषधशाला से किया?
🅰️ सुदर्शन श्रावक
🔟 गौतमस्वामी ने कोनसे श्रावक की बात नही मानी?
🅰️ आनंद श्रावक
1️⃣1️⃣ इस काल का अंतिम श्रावक कोन ?
🅰️ जिनदास जी
1️⃣2️⃣ संयमी मे दोष ढूंढने वाले श्रावक किसके समान?
🅰️ सौतन के समान
1️⃣3️⃣ श्रावक को कितने नियम धारण करना चाहिए?
🅰️ 14 नियम
1️⃣4️⃣ कोनसे श्रावक ने संवत्सरी का प्रतिक्रमण किया?
🅰️ उदायन जी
1️⃣5️⃣ श्रावक की आशातना किसने की?
🅰️ सूर्य कान्ता रानी
1️⃣6️⃣ श्रावक के 21 गुणो का वर्णन कहा आया?
🅰️ भगवती सूत्र
1️⃣7️⃣ मनुष्य गति के श्रावक कितने?
🅰️ संख्याता
1️⃣8️⃣ कार्तिक सेठ ने किसके पास श्रावक व्रत लिये?
🅰️ मुनिसुव्रत भगवान
1️⃣9️⃣ कैनसे श्रावक तलवार पूंजकर युद्ध करते थे?
🅰️ चेटक जी
2️⃣0️⃣ श्रावक को क्या कहते है?
🅰️ श्रमणोपासक
2️⃣1️⃣ एक हजार मित्रों के साथ किसने दीक्षा ली?
🅰️ कार्तिक सेठ
1⃣🔒 कौन से श्रावक के शील एवं सत्य धर्म से प्रभावित होकर शकेद्रने उनकी पूजा अर्चना की थी❓
1⃣🔐 सुदर्शन सेठ की
2⃣🔒 भगवान महावीर को कौन से श्रावक ने प्रश्न पूछे थे❓
2⃣🔐 मद्रुक श्रावक
3⃣🔒 कौन से नगरी के श्रावक तत्वज्ञ एवं जिज्ञासु थे❓
3⃣🔐तुंगिया नगरी के
4⃣ तेलेकी तपस्या करके युद्ध किसने किया❓
4⃣🔐 वरुणानागनप्तुक श्रावक
5⃣🔒 पिता के नाम से कौन से श्रावक प्रसिद्ध हुए थे❓
5⃣🔐 सकडालपुत्र श्रावक
6⃣🔒 कौनसे श्रावक को सथांरे में संत दर्शन देने आए थे❓
6⃣🔐 आनंद श्रावक को गौतम स्वामी ने
7⃣🔒 पौषध शाला से प्रथम देवलोक में कौन आए❓
7⃣🔐आनंद श्रावक
8⃣🔒 सामायिक व्रत में उपसर्ग किसे आए❓
8⃣🔐 कुंडकौलिक श्रावक को
9⃣🔒 भगवान महावीर ने कौनसे श्रावक के सामायिक की प्रशंसा की थी❓
9⃣🔐 पूनिया श्रावक
🔟🔒 दौड़ते-दौड़ते सौधर्म देवलोक में कौन आया❓
🔟🔐 नंदमणियार मेंढक
🙏🏻 जीन आज्ञा विरुद्ध कुछ लिखा हो तो मिच्छामी दुक्कड़म🙏🏻🙏🏻
श्रावक के अतिचार कितने??
124
श्लोक मे कितने अक्षर??
3
1️⃣ श्रावक के *श्र* का अर्थ क्या है?
🅰️ *श्रद्धा*
2️⃣ श्रावक कौन से गुणस्थानक मे गिना जाता है?
🅰️ *पाँचवे*
3️⃣श्रावक को किसका वात्सल्य बारंबार करना चाहिए?
🅰️ *साधर्मिक*
4️⃣ श्रावक को साल मे कितने कर्तव्य करने चाहिए?
🅰️ *ग्यारह*---11
5️⃣ श्रावक को चौमासी तप कौन-सा करना चाहिए?
🅰️ *छट्ठ*--- *(2 उपवास*)
6️⃣सामयिक करते वक्त श्रावक किसके समान गिना जाता है?
🅰️ *साधु*
7️⃣श्रावक को मंदिर जाते वक्त कितने अभिगम के साथ जाना चाहिए?
🅰️ *पाँच*
8️⃣श्रावक को कितने वसा की दया का पालन करना चाहिए?
🅰️ *सवा*
9️⃣ परमात्मा की आज्ञा के लिए श्रावक रोज क्या करता है?
🅰️ *तिलक*
1️⃣0️⃣श्रावक को कितनी भावना का पालन करना चाहिए?
🅰️ *सोलह*
*श्रावक श्रृंगार*
❇1⃣7⃣ श्रावक किस पद के लिए तरसता है❓
✅1⃣7⃣ साधू
✅1⃣7⃣ साधू
❇1⃣8⃣ श्रावक को सुबह उठकर कितने नवकार गिननी चाहिए❓
✅1⃣8⃣ 12 नवकार
✅1⃣8⃣ 12 नवकार
❇1⃣9⃣ कौनसे श्रावक द्वारा बनाई गई आरती सभी रोज उतारते है❓
✅1⃣9⃣ मूलचंद
✅1⃣9⃣ मूलचंद
❇2⃣0⃣ श्रावक गुरु भगवंत की कितनी आशातना नहीं करता है❓
✅2⃣0⃣ तेतीस
✅2⃣0⃣ तेतीस
❇2⃣1⃣ श्रावक को कितनी बार गुरु वंदन करना चाहिए❓
✅2⃣1⃣ तीन (त्रिकाल)
✅2⃣1⃣ तीन (त्रिकाल)
श्रावक पहचान किससे होती है❓
✅2⃣2⃣ तिलक
❇2⃣3⃣ श्रावक को किस पर अडिग श्रद्धा होती है❓
✅2⃣3⃣ जिनवाणी पर।
❇2⃣3⃣ किसकी प्राप्ति के लिए जिन मंदिर में तीन प्रदक्षिणा देनी चाहिए❓
✅2⃣3⃣ रत्नत्रयी
❇2⃣4⃣ श्रावक को प्रतिदिन कितने प्रकार जी पूजा करनी चाहिए❓
✅2⃣4⃣ अष्टप्रकारी
❇2⃣5⃣ श्रावक के कितने व्रत होते है❓
✅2⃣5⃣ बारह
❇2⃣6⃣ मानव जीवन की सबसे बड़ी संपदा❓
✅2⃣6⃣ शालीनता
❇2⃣7⃣ सत्पुरुषों के द्वारा जो व्यवहार किया जाता है वह क्या कहलाता है❓
✅2⃣7⃣ आचार
❇2⃣8⃣ मिथ्यात्व के साथ नियमा क्या होता है❓
✅2⃣8⃣ अज्ञान
❇2⃣9⃣ कर्म निर्जरा का अनमोल साधन❓
✅2⃣9⃣ तप
*
1🅿️ आनंद श्रावक जी कोन से नगर के थे?
🅰️ वाणीज्यनगरी
2🅿️ वीरजी ने आनंद जी को कितने कमाॅदान बताया हे?
🅰️ 15कमाॅदान
3🅿️ कामदेव श्रावक जी कोन से नगर के थे?
🅰️ चंपानगरी
4🅿️ चुलणीपिताजी के पास कितनी सुवणॅमुदाऐ थी?
🅰️ 24करोड़
5🅿️ चुलणीपिताजी कोन सी गति मे हे?
🅰️ देवगति देवलोक
6🅿️ सकडालपुत्रजी कोन से नगर के थे?
🅰️ पोलासपुर
7🅿️ शालीनीपिताजी की पत्नी का नाम क्या था?
🅰️ फाल्गुनी जी
8🅿️ महशतक जी के पास पोषधशाला मे कोन गऐ थे?
🅰️ रेवतीजी
9🅿️ सकडालपुत्रजी की पत्नी का नाम क्या था?
🅰️ अग्नीमित्राजी
10🅿️ शालीनीपिताजी के पास कितनी गायो की संख्या थी?
🅰️ चार गोकुल 40000
💠1️⃣ *श्रावक देता है?*
🅰️ *सुपात्रदान*
💠2️⃣ *श्रावक लेता है?*
🅰️ *प्रभु नाम*
💠3️⃣ *श्रावक धारण करता है?*
🅰️ *समकित*
💠4️⃣ *श्रावक देखता है?*
🅰️ *दूसरों के गुण*
💠5️⃣ *श्रावक रहता है?*
🅰️ *लोक मे*
💠6️⃣ *श्रावक संग करता है?*
🅰️ *सज्जन का*
💠7️⃣ *श्रावक छोडता है?*
🅰️ *कुटेव,, मिथ्यात्व*
💠8️⃣ *श्रावक बिछाता है चद्दर?*
🅰️ *कुटेव,, मिथ्यात्व*
💠8️⃣ *श्रावक बिछाता है चद्दर?*
🅰️ *पुण्य की*
💠9️⃣ *श्रावक जानता है मार्ग?*
🅰️ *वीतराग मार्ग*
💠🔟 *श्रावक मांगता है?*
🅰️ *आरोग्य बोहिलाभं*
*आरोग्य और बोधिलाभ*
💠1️⃣1️⃣ *श्रावक भोजन करता है?*
🅰️ *ज्ञानामृत*
💠1️⃣2️⃣ *श्रावक चलता है?*
🅰️ *जतनापूर्वक*
💠1️⃣2️⃣ *श्रावक बोलता है वाणी?*
🅰️ *हितकारी*
💠1️⃣3️⃣ *श्रावक का आभूषण?*
🅰️ *शील*
💠1️⃣4️⃣ *श्रावक निंदा करे?*
🅰️ *स्व आत्मा की*
💠1️⃣5️⃣ *श्रावक डरता है?*
🅰️ *पापकर्म से*
💠1️⃣6️⃣ *श्रावक तोलता है?*
🅰️ *न्याय*
💠1️⃣7️⃣ *श्रावक किसके सामने झुकता है?*
🅰️ *सुदेव--सुगुरु--सुधर्म*
💠1️⃣8️⃣ *श्रावक जतनापूर्वक कहाँ चलता है?*
🅰️ *धर्म मार्ग पर*
💠1️⃣9️⃣ *श्रावक धोता है?*
🅰️ *आत्मा का मेल*
💠2️⃣0️⃣ *श्रावक स्नान करता है?*
🅰️ *ज्ञान गंगा मे*
💠2️⃣1️⃣ *श्रावक जीवन मे ग्रहण करता है?*
🅰️ *12 व्रत*
💠2️⃣2️⃣ *श्रावक ठोकर मारता है?*
🅰️ *अनिति के धन को*
💠2️⃣3️⃣ *श्रावक जगता है?*
🅰️ *ब्रह्म मुहूर्त मे*
💠2️⃣4️⃣ *श्रावक लीन रहता है?*
🅰️ *स्वाध्याय मे*
💠2️⃣5️⃣ *श्रावक अटेन्ड करता है CVP क्लास तो पाता है?*
🅰️ *अमूलख ज्ञान खजाना*
*
प्रश्न. 1. : योग शास्त्र में श्रावक का क्या अर्थ बताया गया है ?
उ. 1. : दीक्षा लेने की तीव्र इच्छा वाला व्यक्ति |
प्रश्न. 2. : श्रावक के कुल अतिचार कितने ?
उ. 2. : १२४ -- ज्ञानाचार के८ , दर्शनाचार के ८, चारित्राचार के ८, तपाचार के १२, विर्याचार के ३, सम्यक्त्व के ५, संलेखना के ५, और बारह व्रत के ७५ अतिचार है | कुल श्रावक के १२४ अतिचार है |
श्रावक को करने के योग्य 36 कर्तव्यों जो मन्नह जिणाणं सज्जाय में बताये गये है।
(1) मिच्छं परिहरह- मिथ्यात्व का त्याग करना।
(2) धरह सम्मत्तं - सम्यक्त्व को धारण करना।
छव्विह आवस्सयंमि
-------------
(4) सामायिक - समतापूर्वक सामायिक करना।
(5) चउविसत्थो - लोगस्स में 24 भगवान को नमस्कार करना।
(6) वान्दणा - द्वादशावर्त वंदन करना।
(7) प्रतिक्रमण - पापो से पीछे हटने के लिए प्रतिक्रमण करना।
(8) कायोत्सर्ग - कर्मक्षय के लिए कायोत्सर्ग करना।
(9) पच्चक्खान - चीकने कर्म को तोड़ने के लिए तप करना।
(10) पव्वेसु पोसहवयं-
पर्व के दिन पौषध की आराधना करनी।
(11) दाणं -भावपूर्वक दान करना।
(12) शीलं - शील का पालन भावपूर्वक करना।
(13) तवोअ - विधिपूर्वक तप करना।
(14) भावोअ - उत्तम भावना का चिंतन करना।
(15) सज्जाय -घोषपूर्वक याने जोरसे बोलके स्वाध्याय करना।
(16) नमुक्कारो - नवकार मंत्र का जाप करना।
(17) परोवयारो - परोपकार करना।
(18) जयणाअ - जयणा का पालन करना ।
(19) जिणपूआ - विधिवत भावपूर्वक जिनेश्वर भगवान की पूजा करना।
(20) जिणथुणणं - हाथ जोडके जिनेश्वर भगवान की स्तुति करना।
(21) गुरुथुअ - गुरु भगवंत की स्तुति करना।
(22) साहम्मिआणवच्छल्ल - साधर्मिक के प्रति वात्सल्य रखना।
(23) ववहारस्स य शुद्धि - औचित्य पूर्वक व्यवहार करना।
(24) रहजत्ता - परमात्मा की रथयात्रा निकालनी।
(25) तित्थजत्ताय - विधिपूर्वक तीर्थ यात्रा करना।
(26) उवसम - उपशान्त भाव रखना।
(27) विवेग - विवेकपूर्वक कार्य करना।
(28) संवर- कर्म न बंधे ऐसी प्रवृत्ति करना।
(29) भाषासमिइ - हित - मित- प्रिय भाषा बोलना ।
(30) छ जीव करुणाय - छ काय के जीवों पर करुणा भाव रखना।
(31) धम्मिअजणसंसग्गो - धर्मी जनो का परिचय करना।
(32) करणदमो - इन्द्रियो का दमन करना।
(33) चरण परिणामों - चारित्र लेने की भावना रखनी।
(34) संघोवरि बहुमाणो - संघ पर बहुमान भाव रखना।
(35) पुत्थयलिहणं - पुस्तक , आगम लिखाने।
(36)पभावणातित्थे - शासनप्रभावना करनी।
1🅿️ आनंद श्रावक जी कोन से नगर के थे?
🅰️ वाणीज्यनगरी
2🅿️ वीरजी ने आनंद जी को कितने कमाॅदान बताया हे?
🅰️ 15कमाॅदान
3🅿️ कामदेव श्रावक जी कोन से नगर के थे?
🅰️ चंपानगरी
4🅿️ चुलणीपिताजी के पास कितनी सुवणॅमुदाऐ थी?
🅰️ 24करोड़
5🅿️ चुलणीपिताजी कोन सी गति मे हे?
🅰️ देवगति देवलोक
6🅿️ सकडालपुत्रजी कोन से नगर के थे?
🅰️ पोलासपुर
7🅿️ शालीनीपिताजी की पत्नी का नाम क्या था?
🅰️ फाल्गुनी जी
8🅿️ महशतक जी के पास पोषधशाला मे कोन गऐ थे?
🅰️ रेवतीजी
9🅿️ सकडालपुत्रजी की पत्नी का नाम क्या था?
🅰️ अग्नीमित्राजी
10🅿️ शालीनीपिताजी के पास कितनी गायो की संख्या थी?
🅰️ चार गोकुल 40000
1️⃣कुंडरिक और पुंडरिक का वर्णन कौन से आगम में है ?
*🅰️ज्ञाताधर्म कथा सूत्र।*
2️⃣कुंडरिक और पुंडरिक के जन्म नगरी का नाम ?
*🅰पुण्ड़रीकिणी नगरी।*
3️⃣कुण्ड़रिक और पुण्ड़रिक के पिता का नाम ?
*🅰राजा महापद्म।*
4️⃣इन दोनों भाईयों की माता का नाम ?
*🅰️रानी पद्मावती।*
5️⃣दोनों भाईयों के पिता ने किससे संयम अंगीकार कीया ?
*🅰️धर्मघोष आचार्य से।*
6️⃣कुण्ड़रिक ने किससे संयम अंगीकार कीया ?
*🅰️स्थविर भगवंत से।*
7️⃣संयम धारण कर संयम से कौन च्युत हुआ ?
*🅰️कुण्ड़रिक।*
8️⃣संयम से च्युत होकर कुंडरिक किस गति में गया ?
*🅰️सातवीं नरक।*
9️⃣कुण्डरिक के संयम से च्युत होने पर उनकी जगह किसने संयम लिया ?
*🅰भाई पुण्ड़रिक।*
🔟कुण्ड़रिक की जगह संयम लेने वाले ने संयम पालकर कौन सी गति में गया ?
*🅰️सर्वार्थसिद्ध विमान।*
*जिन आज्ञा विरुद्ध कुछ भी लिखा ✍ हो तो मिच्छामि दुक्कडं🙏*
*
🅿️1️⃣ महाशतक श्रावक किस नगरी का रहने वाला था ?
🅰️1️⃣ राजगृही ।
🅿️2️⃣ महाशतक श्रावक की कितनी पत्नियां थी ?
🅰️2️⃣ तेरह पत्निया ।
🅿️3️⃣ महाशतक श्रावक कै पास कितनी गायें थी ?
🅰️3️⃣ 80,000 ( 8 गोकुल )
🅿️4️⃣ महाशतक श्राव के पास कितनी स्वणॅ मुद्राएं थी ?
🅰️4️⃣ 24 करोड़
🅿️5️⃣ महाशतक की 12 पत्नियों को शस्त्रप्रयोग व विष प्रयोग से किसने मारा था ?
🅰️5️⃣ रेवती ने ।
🅿️6️⃣ महाशतक ने कितने वषॅ तक श्रावक धमॅ का पाल किया ?
🅰️6️⃣ 20 वषॅ तक
🅿️7️⃣ महाशतक के पास मदिरा पीकर कौन आई थी ?
🅰️7️⃣ रेवती
🅿️8️⃣ महाशतक ने अपना उत्तराधिकारी किसे बनाया ?
🅰️8️⃣ बडे़ पुत्र को
🅿️9️⃣ महाशतक मरकर के कहां पर जायेंगे ?
🅰️9️⃣ सौधमॅ देवलोक
🅿️1️⃣0️⃣ महाशतक कौनसे क्षेत्र में से मक्ष में जायेंगे ?
🅰️1️⃣0️⃣ महाविदेह
*
❀
🦚 *टॉपिक -:चौदह नियम*🦜
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
🦚🌼🌻🌹🦚🌼🌻🌹🦚
विषय - 14 नियम
Q1️⃣ श्रावक प्रतिदिन कितने नियम धारण करे?
🅰️ श्रावक जी प्रतिदिन 14 नियम धारण करे।
Q2️⃣ 14 नियम श्रावक जी के कौनसे व्रत के अंतर्गत आते हैं?
🅰️14 नियम श्रावक जी के 10 वें व्रत के अंतर्गत आते हैं।
Q3️⃣ 14 नियम से मेरु जितने पाप घट कर किसके समान हो जाते हैं?
🅰️ 14 नियम से मेरु जितने पाप घट कर राई के समान हो जाते हैं।
Q4️⃣ गुलाब जामुन खाने से कितनी विगय लगती है?
🅰️ गुलाब जामुन में तीन विगय होती है।
Q5️⃣ आज मैं कुल मिलाकर 10 चीजों का ही दिन भर में खाने -पीने में प्रयोग करूँ तो मैने 14 नियम में से किस नियम की मर्यादा की?
🅰️ आज मैं दिनभर में 10 चीजों का ही खाने-पीने में प्रयोग करूँ तो मैने द्रव्य की मर्यादा की।
Q6️⃣ फल की मर्यादा क्या कहलाती है?
🅰️फल की मर्यादा सचित्त की मर्यादा कहलाती है।
Q7️⃣ जूते -चप्पल की मर्यादा 14 नियम में से किस नियम के अंतर्गत की जाती है?
🅰️ जूते-चप्पल की मर्यादा पन्नी या उपानह नियम के अंतर्गत की जाती है।
Q8️⃣क्रीम -पाउडर लगाने की मर्यादा कौनसे नियम के अंतर्गत आती है?
🅰️ क्रीम -पाउडर लगाने की मर्यादा विलेप या विलेपन नियम के अंतर्गत की जाती है?
Q9️⃣ रात्रिभोजन का त्याग 14 नियम में से कौनसा नियम है?
🅰️ रात्रि भोजन त्याग भत्त नियम कहलाता है।
Q1️⃣0️⃣ 14 नियम धारण करने से समुद्र जितना पाप घट कर किसके बराबर रह जाता है?
🅰️ 14 नियम धारण करने से समुद्र जितना पाप घट कर राई के बराबर रह जाता है।
प्रतिदिन 14 नियम धारण करने से अविरति आस्रव में बहुत रोक लग जाती है।यदि आप प्रतिदिन पूर्ण 14 नियम नहीं भी ले सकें तो यथा सामर्थ्य नियम धारण कर अपना मानवजन्म सार्थक करें🙏🏻
*भगवान महावीर के 10 श्रावक का परिचय*
🚁🚁🚁🚁🚁🚁🚁
📚🖌📘🖋📙🖍📚🖌📘
🅿1. परमात्मा महावीर के प्रथम श्रावक कौन थे?
🅰 आनंद गाथा पति
🅿 2.आनंद गाथा पति किस नगरी का निवासी था?
🅰 वाणिज्य
🅿3.आनंद श्रावक की जीवन संगिनी का नाम क्या था?
🅰 शिवानंदा
🅿4 आनंद श्रावक के पास कितनी गायें थी?
🅰 40000
🅿5⃣ आनंद श्रावक के पास कितनी सोना मोहरे थी?
🅰 12 करोड़
🅿6⃣आनंद श्रावक की मुक्ति कौन से क्षेत्र से होगी❓
🅰 महाविदेह
🅿7⃣भगवान महावीर से आनंद श्रावक ने कितने व्रत स्वीकार किए❓
🅰 12 व्रत
🅿8⃣आनंद श्रावक ने कितने वर्ष तक श्रावक धर्म का पालन किया?
🅰20 वर्ष तक
🅿9⃣कामदेव श्रावक किस नगरी का निवासी था❓
🅰 चंपा नगरी
🅿1⃣0⃣कामदेव की धर्म पत्नी का क्या नाम था❓
🅰 भद्रा
🅿1⃣1⃣ कामदेव के पास गायों के कितने गोकुल थे ❓
🅰 (60000 गायें) 6 गोकुल
🅿1⃣2⃣ कामदेव के पास कितनी सोना मोहरे थी❓
🅰 18 करोड़
🅿1⃣3⃣अर्ध रात्रि में कामदेव की परीक्षा किसने ली थी ❓
🅰 मिथ्यात्वी देव
🅿1⃣4⃣कामदेव ने कितने वर्ष तक श्रावक धर्म का पालन किया❓
🅰 20 वर्ष
🅿1⃣5⃣चुलनी पिता किस नगरी के रहने वाले थे ❓
🅰 वाराणसी नगरी
🅿1⃣6⃣चुलनी पिता के कितने पुत्र थे❓
🅰 3 पुत्र
🅿1⃣7⃣परमात्मा महावीर के चौथे श्रावक का क्या नाम था❓
🅰 सूरादेव
🅿1⃣8⃣ सूरादेव को पौषध में जब क्रोध आया तो उन्होंने क्या किया❓
🅰 देव के पीछे दौड़े
🅿1⃣9⃣चुल्ल शतक की अर्धांगिनी का क्या नाम था❓
🅰 बहुला
🅿2⃣0⃣चुल्लशतक पर किसने उपसर्ग किया❓
🅰 देव ने
🅿2⃣1⃣कुंडकोलीक दोपहर में कौन से उद्यान में गया था❓
🅰 अशोक वाटिका
🅿2⃣2⃣कुंडकोलिक ने ध्यान में रहने से पहले शीला पर क्या रखा था❓
🅰 नाम मुद्रिका
🅿2⃣3⃣सद्दालपुत्र कौन से नगर के निवासी थे❓
🅰 पोलासपुर
🅿2⃣4⃣सद्दाल पुत्र के पास मिट्टी के बर्तन की कितनी दुकानें थी❓
🅰 500 दुकाने
2⃣5⃣महाशतक श्रावक किस नगरी का रहने वाला था❓
🅰 राजगृही
🅿2⃣6⃣महाशतक श्रावक की कितनी पत्नियां थी❓
🅰 13
🅿2⃣7⃣परमात्मा महावीर के नवमें श्रावक का क्या नाम था❓
🅰 नंदिनी पिता
🅿2⃣8⃣नंदिनी पिता मरकर कहां जाएंगे❓
🅰 देव लोक में अरुणगव विमान
🅿2⃣9⃣ सालिही पिता कौन सी नगरी के निवासी थे❓
🅰 श्रावस्ती नगरी
🅿3⃣0⃣परमात्मा के 10 श्रावको में से कितने श्रावक को को अवधि ज्ञान हुआ❓
दस श्रावकों
के जीवन पर आधारित प्रश्नावली🔷🔵 📕
1📕चुलणी पिता के कितने पुत्र थे ❓
1👉तिन पुत्र.
2📕कामदेव कौन सी नगरी के निवासी थे ❓
2 👉 चंपानगरी
3📕अर्ध रात्रि में कामदेव की परीक्षा किसने ली थी ❓
3.
4📕आनंद श्रावक की जीवन संगिनी का नाम लिखिए ❓
4. 👉 शिवानंद
5📕आनंद श्रावक की गायों की संख्या और धन सम्पति का विवरण दीजिए ❓
5. 👉 40.000 गायें / 12 करोड धन सम्पत्ति
6📕चुलणी पिता किस नगरी के निवासी थे ❓
6. 👉 वाराणसी .
7📕 चुलणी पिता के पास धन की मात्रा कितनी थी ❓
7. 👉 24 करोड स्वर्ण मुद्रायें.
8📕चुलणी पिता श्रावक के समक्ष अर्ध रात्रि में कौऩ आया, और उसके हाथ में क्या था ❓
8. 👉 एक देव आया, हाथ में तलवार थी..
9📕सुरादेव की भार्या का नाम बताइए ❓
10📕चुल्लशतक किस नगरी के रहवासी थे ❓
10. 👉आलंभिका नगरी.
11📕चुल्लशतक के धन सम्पत्ति का विवरण बताइए ❓
11. 👉18 करोड धन था
12📕कुण्डकौशिक किस नगरी के रहवासी थे ❓
12. 👉कांपिल्यपुर के..
13📕देवता ने कुण्डकौशिक का कौन सा सामान उठाया था ❓
13. 👉अंगूठी व दुपट्टा..
14📕सकडाल पुत्र का किस जाति में जन्म हुआ ❓
14. 👉 कुम्भकार जाति में..
15📕सकडाल पुत्र पहले किस के अनुयायी थे ❓
15. 👉 गोशालक..
16📕सकडाल पुत्र की धर्म पत्नी का नाम उल्लिखित कीजिए ❓
16 .👉 अग्नि मित्रा.
17📕सकडाल पुत्र की मिट्टी के बर्तन बनाने की कितनी कर्मशालाये थी ❓
17. 👉 500 कर्मशालाये..
18📕उपासकदशांक सूत्र में आठवां अध्ययन किसको समर्पित हैं ❓
18. 👉 महाशतक श्रावक.
19📕श्रावक महाशतक की पत्नियो की संख्या कितनी ❓
20📕महाशतक ने अपना उत्तराधिकारी किसे बनाया ❓
20. 👉 बडे पुत्र को..
21📕कौनसे श्रावक के जीवन में यह उपसर्ग घटित हुआ... तीनों पुत्र को मारकर 7-7 टुकड़े किये, कढाई में उबाला उनके धन को नगर में बिखरने को कहा ❓
21. 👉 चुल्लशतक श्रावक..
22📕नंदिनी पिता किस नगरी के निवासी थे ❓
22. 👉 श्रीवस्ती नगरी के..
23. 👉 आश्विनी ..
24📕नंदिनी पिता कितने स्वर्ण मुद्राओं के अधिपति थे ❓
24. 👉 12 करोड
25📕नंदिनी पिता किस देव लोक के, किस विमान में उत्पन्न हुवे ❓
25. 👉 सौधर्म कल्प, अरूणगव विमान.
26📕शालिनी पिता की पत्नी का नाम क्या था ❓
27📕शालिनी पिता किस महापुरुष के उपदेश से जाग्रत हुवे ❓
27. 👉भ, महावीर स्वामी के उपदेश से .
28📕दस श्रावकों में से कितने श्रावकों पर उपसर्ग आया ❓
28 👉7 श्रावक.
29📕भ, महावीर के इन दस श्रावकों का वर्णन कहा मिलता हैं ❓
29. 👉 उपासकदशांक सुत्र में.
30📕इन दसो श्रावकों के पास कुल मिलाकर कितना गो धन था ❓
30. 👉 पांच लाख तीस हजार.
🚁🚁🚁🚁🚁🚁🚁
📚🖌📘🖋📙🖍📚🖌📘
🅿1. परमात्मा महावीर के प्रथम श्रावक कौन थे?
🅰 आनंद गाथा पति
🅿 2.आनंद गाथा पति किस नगरी का निवासी था?
🅰 वाणिज्य
🅿3.आनंद श्रावक की जीवन संगिनी का नाम क्या था?
🅰 शिवानंदा
🅿4 आनंद श्रावक के पास कितनी गायें थी?
🅰 40000
🅿5⃣ आनंद श्रावक के पास कितनी सोना मोहरे थी?
🅰 12 करोड़
🅿6⃣आनंद श्रावक की मुक्ति कौन से क्षेत्र से होगी❓
🅰 महाविदेह
🅿7⃣भगवान महावीर से आनंद श्रावक ने कितने व्रत स्वीकार किए❓
🅰 12 व्रत
🅿8⃣आनंद श्रावक ने कितने वर्ष तक श्रावक धर्म का पालन किया?
🅰20 वर्ष तक
🅿9⃣कामदेव श्रावक किस नगरी का निवासी था❓
🅰 चंपा नगरी
🅿1⃣0⃣कामदेव की धर्म पत्नी का क्या नाम था❓
🅰 भद्रा
🅿1⃣1⃣ कामदेव के पास गायों के कितने गोकुल थे ❓
🅰 (60000 गायें) 6 गोकुल
🅿1⃣2⃣ कामदेव के पास कितनी सोना मोहरे थी❓
🅰 18 करोड़
🅿1⃣3⃣अर्ध रात्रि में कामदेव की परीक्षा किसने ली थी ❓
🅰 मिथ्यात्वी देव
🅿1⃣4⃣कामदेव ने कितने वर्ष तक श्रावक धर्म का पालन किया❓
🅰 20 वर्ष
🅿1⃣5⃣चुलनी पिता किस नगरी के रहने वाले थे ❓
🅰 वाराणसी नगरी
🅿1⃣6⃣चुलनी पिता के कितने पुत्र थे❓
🅰 3 पुत्र
🅿1⃣7⃣परमात्मा महावीर के चौथे श्रावक का क्या नाम था❓
🅰 सूरादेव
🅿1⃣8⃣ सूरादेव को पौषध में जब क्रोध आया तो उन्होंने क्या किया❓
🅰 देव के पीछे दौड़े
🅿1⃣9⃣चुल्ल शतक की अर्धांगिनी का क्या नाम था❓
🅰 बहुला
🅿2⃣0⃣चुल्लशतक पर किसने उपसर्ग किया❓
🅰 देव ने
🅿2⃣1⃣कुंडकोलीक दोपहर में कौन से उद्यान में गया था❓
🅰 अशोक वाटिका
🅿2⃣2⃣कुंडकोलिक ने ध्यान में रहने से पहले शीला पर क्या रखा था❓
🅰 नाम मुद्रिका
🅿2⃣3⃣सद्दालपुत्र कौन से नगर के निवासी थे❓
🅰 पोलासपुर
🅿2⃣4⃣सद्दाल पुत्र के पास मिट्टी के बर्तन की कितनी दुकानें थी❓
🅰 500 दुकाने
2⃣5⃣महाशतक श्रावक किस नगरी का रहने वाला था❓
🅰 राजगृही
🅿2⃣6⃣महाशतक श्रावक की कितनी पत्नियां थी❓
🅰 13
🅿2⃣7⃣परमात्मा महावीर के नवमें श्रावक का क्या नाम था❓
🅰 नंदिनी पिता
🅿2⃣8⃣नंदिनी पिता मरकर कहां जाएंगे❓
🅰 देव लोक में अरुणगव विमान
🅿2⃣9⃣ सालिही पिता कौन सी नगरी के निवासी थे❓
🅰 श्रावस्ती नगरी
🅿3⃣0⃣परमात्मा के 10 श्रावको में से कितने श्रावक को को अवधि ज्ञान हुआ❓
दस श्रावकों
के जीवन पर आधारित प्रश्नावली🔷🔵 📕
1📕चुलणी पिता के कितने पुत्र थे ❓
1👉तिन पुत्र.
2📕कामदेव कौन सी नगरी के निवासी थे ❓
2 👉 चंपानगरी
3📕अर्ध रात्रि में कामदेव की परीक्षा किसने ली थी ❓
3.
4📕आनंद श्रावक की जीवन संगिनी का नाम लिखिए ❓
4. 👉 शिवानंद
5📕आनंद श्रावक की गायों की संख्या और धन सम्पति का विवरण दीजिए ❓
5. 👉 40.000 गायें / 12 करोड धन सम्पत्ति
6📕चुलणी पिता किस नगरी के निवासी थे ❓
6. 👉 वाराणसी .
7📕 चुलणी पिता के पास धन की मात्रा कितनी थी ❓
7. 👉 24 करोड स्वर्ण मुद्रायें.
8📕चुलणी पिता श्रावक के समक्ष अर्ध रात्रि में कौऩ आया, और उसके हाथ में क्या था ❓
8. 👉 एक देव आया, हाथ में तलवार थी..
9📕सुरादेव की भार्या का नाम बताइए ❓
10📕चुल्लशतक किस नगरी के रहवासी थे ❓
10. 👉आलंभिका नगरी.
11📕चुल्लशतक के धन सम्पत्ति का विवरण बताइए ❓
11. 👉18 करोड धन था
12📕कुण्डकौशिक किस नगरी के रहवासी थे ❓
12. 👉कांपिल्यपुर के..
13📕देवता ने कुण्डकौशिक का कौन सा सामान उठाया था ❓
13. 👉अंगूठी व दुपट्टा..
14📕सकडाल पुत्र का किस जाति में जन्म हुआ ❓
14. 👉 कुम्भकार जाति में..
15📕सकडाल पुत्र पहले किस के अनुयायी थे ❓
15. 👉 गोशालक..
16📕सकडाल पुत्र की धर्म पत्नी का नाम उल्लिखित कीजिए ❓
16 .👉 अग्नि मित्रा.
17📕सकडाल पुत्र की मिट्टी के बर्तन बनाने की कितनी कर्मशालाये थी ❓
17. 👉 500 कर्मशालाये..
18📕उपासकदशांक सूत्र में आठवां अध्ययन किसको समर्पित हैं ❓
18. 👉 महाशतक श्रावक.
19📕श्रावक महाशतक की पत्नियो की संख्या कितनी ❓
20📕महाशतक ने अपना उत्तराधिकारी किसे बनाया ❓
20. 👉 बडे पुत्र को..
21📕कौनसे श्रावक के जीवन में यह उपसर्ग घटित हुआ... तीनों पुत्र को मारकर 7-7 टुकड़े किये, कढाई में उबाला उनके धन को नगर में बिखरने को कहा ❓
21. 👉 चुल्लशतक श्रावक..
22📕नंदिनी पिता किस नगरी के निवासी थे ❓
22. 👉 श्रीवस्ती नगरी के..
23. 👉 आश्विनी ..
24📕नंदिनी पिता कितने स्वर्ण मुद्राओं के अधिपति थे ❓
24. 👉 12 करोड
25📕नंदिनी पिता किस देव लोक के, किस विमान में उत्पन्न हुवे ❓
25. 👉 सौधर्म कल्प, अरूणगव विमान.
26📕शालिनी पिता की पत्नी का नाम क्या था ❓
27📕शालिनी पिता किस महापुरुष के उपदेश से जाग्रत हुवे ❓
27. 👉भ, महावीर स्वामी के उपदेश से .
28📕दस श्रावकों में से कितने श्रावकों पर उपसर्ग आया ❓
28 👉7 श्रावक.
29📕भ, महावीर के इन दस श्रावकों का वर्णन कहा मिलता हैं ❓
29. 👉 उपासकदशांक सुत्र में.
30📕इन दसो श्रावकों के पास कुल मिलाकर कितना गो धन था ❓
30. 👉 पांच लाख तीस हजार.
29 :11: 20
टॉपिक
श्रावक (उत्तर अंक में दें)
1️⃣भगवती सूत्र श्रावक के कितने गुणो का वर्णन कहा आया?
🅰️21 गुणों
2️⃣श्रावक को कितने नियम धारण करना चाहिए?
🅰️14 नियम
3️⃣ श्रावक के लिये कितने अभक्ष्य है❓
🅰️ बाईस(22)
4️⃣ मनुष्य गति के श्रावक कितने?
🅰️ संख्याता
5️⃣प्रतिक्रमण मे श्रावक की प्रंशसा कहा होती है?
🅰️ अढा़ईद्वीप मे
6️⃣92,59,25,925,3/8पल्योपम
की देवगति बंधती है क्या करने से
🅰️ 2 घड़ी सामायिक करने से
7️⃣श्रावक काल करके कौनसे देवलोक तक जा सकता है❓ 🅰 12 वे देवलोक तक❗
8️⃣ श्रावक परदेशी राजा कौनसे देवलोक गए
🅰️1 देवलोक के सूर्याभ विमान में
9️⃣श्रावक को प्रतिदिन कितने प्रकार की पूजा करनी चाहिए
🅰️अष्टप्रकारी
1️⃣0️⃣श्रावक चेटक जी ने एक दिन में कितने बाण छोड़ने
का निर्णय किया
🅰️एक
1️⃣1️⃣श्रावक को बोलने के विषय में कितने गुण धारण करने चाहिए
🅰️8
पैथडशाह ने किस उम्र में ब्रह्मचारी की और सर कम्बल भेंट में आने पर 4था व्रत धारण किया।
1️⃣2️⃣32 वर्ष
1️⃣3️⃣किसकी प्राप्ति के लिए जिन मंदिर में तीन प्रदक्षिणा देनी चाहिए❓
🅰️ रत्नत्रयी
1️⃣4️⃣ श्रावक को चौमासी तप कौन-सा करना चाहिए?
🅰️ *छट्ठ*--- *(2 उपवास*)
1️⃣5️⃣श्रावक वंक्चुल जीकौन से स्वर्ग में गये
🅰️ 12 ,स्वर्ग
1️⃣6️⃣श्रावक को कितनी बार गुरु वंदन करना चाहिए❓
🅰️ तीन (त्रिकाल)
1️⃣7️⃣श्रावक के कितने व्रत होते है❓
🅰️ बारह
1️⃣8️⃣चुलणीपिताजी के पास कितनी सुवणॅमुदाऐ थी?
🅰️ 24करोड़
1️⃣9️⃣झूठ के कितने कारण है
🅰️14
2️⃣0️⃣ साधु जी 20 विस्वा की दया पालते हैं तो श्रावक को कितने विस्वा की दया पालन करनी चाहिए
🅰️सवा
2️⃣1️⃣श्रावक जी के अभक्ष्य कितने है
🅰️22
2️⃣2️⃣ श्रीपाल ने कितने वर्ष
राज किया
🅰️900 वर्ष तक
2️⃣3️⃣युधिष्ठिर में सामायिक प्रभाव से देवी - उपसर्ग ख़त्म हुएये कौन से शास्त्र में लिखा है।
🅰️पंचशती शास्त्र में
2️⃣4️⃣ तिर्यंच श्रावक का कोनसा गुणस्थान होता है?
🅰️ पांचवा
2️⃣5️⃣ श्रावक कितने प्रकार के होते है
🅰️8 प्रकार के 1माता पिता के समान2भाई के समान,3 मित्र के समान4 सौत के समान
5,आदर्श,6 पताका,7 कीले के समान8तीखे कांटे के समान
2️⃣6️⃣श्रावक के लक्षण कितने होते हैं
🅰️21
2️⃣7️⃣उपभोगपरिभोग परिमाण इन दोनों प्रकार की
वस्तुओ का मुख्य प्रकार कितने है
🅰️26
2️⃣8️⃣श्रावक को कितने नाप के कपड़े से छान कर पानी पीना चाहिए
🅰️20 ,अँगुल चौड़े, 3 अँगुल लंबे वस्त्र को दोहरा कर के
2️⃣9️⃣पहले व्रत के कितने
अतिचार है
🅰️5
3️⃣0️⃣ श्रावक पौषध के कितने भेद है
🅰️4
29 :11: 20
टॉपिक
श्रावक (उत्तर अंक में दें)
1️⃣भगवती सूत्र श्रावक के कितने गुणो का वर्णन कहा आया?
🅰️21 गुणों
2️⃣श्रावक को कितने नियम धारण करना चाहिए?
🅰️14 नियम
3️⃣ श्रावक के लिये कितने अभक्ष्य है❓
🅰️ बाईस(22)
4️⃣ मनुष्य गति के श्रावक कितने?
🅰️ संख्याता
5️⃣प्रतिक्रमण मे श्रावक की प्रंशसा कहा होती है?
🅰️ अढा़ईद्वीप मे
6️⃣92,59,25,925,3/8पल्योपम
की देवगति बंधती है क्या करने से
🅰️ 2 घड़ी सामायिक करने से
7️⃣श्रावक काल करके कौनसे देवलोक तक जा सकता है❓ 🅰 12 वे देवलोक तक❗
8️⃣ श्रावक परदेशी राजा कौनसे देवलोक गए
🅰️1 देवलोक के सूर्याभ विमान में
1️⃣0️⃣श्रावक चेटक जी ने एक दिन में कितने बाण छोड़ने
का निर्णय किया
🅰️एक
1️⃣1️⃣श्रावक को बोलने के विषय में कितने गुण धारण करने चाहिए
🅰️8
1️⃣5️⃣श्रावक वंक्चुल जीकौन से स्वर्ग में गये
🅰️ 12 ,स्वर्ग
1️⃣6️⃣श्रावक को कितनी बार गुरु वंदन करना चाहिए❓
🅰️ तीन (त्रिकाल)
1️⃣7️⃣श्रावक के कितने व्रत होते है❓
🅰️ बारह
1️⃣8️⃣चुलणीपिताजी के पास कितनी सुवणॅमुदाऐ थी?
🅰️ 24करोड़
1️⃣9️⃣सलिहीपिता जी के पास कितनी गायो की संख्या थी?
🅰️ चार गोकुल 40000
2️⃣0️⃣श्रावक के कुल अतिचार कितने ?
🅰️ : १२४ -- ज्ञानाचार के८ , दर्शनाचार के ८, चारित्राचार के ८, तपाचार के १२, विर्याचार के ३, सम्यक्त्व के ५, संलेखना के ५, और बारह व्रत के ७५ अतिचार है | कुल श्रावक के १२४ अतिचार है |
2️⃣1️⃣श्रावक जी के अभक्ष्य कितने है
🅰️22
2️⃣2️⃣ श्रीपाल ने कितने वर्ष
राज किया
🅰️900 वर्ष तक
2️⃣3️⃣कार्तिक सेठने कितने साथियों के साथ दीक्षा ली
🅰️1000
2️⃣4️⃣ तिर्यंच श्रावक का कोनसा गुणस्थान होता है?
🅰️ पांचवा
2️⃣5️⃣ श्रावक कितने प्रकार के होते है
🅰️8 प्रकार के 1माता पिता के समान2भाई के समान,3 मित्र के समान4 सौत के समान
5,आदर्श,6 पताका,7 कीले के समान8तीखे कांटे के समान
2️⃣6️⃣श्रावक के लक्षण कितने होते हैं
🅰️21
2️⃣7️⃣चौबीस स्थान थोकडे में
श्रावक के कितने अव्रत कहें है
🅰️12
2️⃣8️⃣श्रावक को कितने नाप के कपड़े से छान कर पानी पीना चाहिए
🅰️20 ,अँगुल चौड़े, 3 अँगुल लंबे वस्त्र को दोहरा कर के
2️⃣9️⃣पहले व्रत के कितने
अतिचार है
🅰️5
3️⃣0️⃣ असत्य बोलने के कितने कारण है
🅰️14
29 :11: 20
टॉपिक
श्रावक (उत्तर अंक में दें)
1️⃣भगवती सूत्र श्रावक के कितने गुणो का वर्णन कहा आया?
🅰️21 गुणों
2️⃣श्रावक को कितने नियम धारण करना चाहिए?
🅰️14 नियम
3️⃣ श्रावक के लिये कितने अभक्ष्य है❓
🅰️ बाईस(22)
4️⃣ मनुष्य गति के श्रावक कितने?
🅰️ संख्याता
5️⃣प्रतिक्रमण मे श्रावक की प्रंशसा कहा होती है?
🅰️ अढा़ईद्वीप मे
6️⃣92,59,25,925,3/8पल्योपम
की देवगति बंधती है क्या करने से
🅰️ 2 घड़ी सामायिक करने से
7️⃣श्रावक काल करके कौनसे देवलोक तक जा सकता है❓ 🅰 12 वे देवलोक तक❗
8️⃣ श्रावक परदेशी राजा कौनसे देवलोक गए
🅰️1 देवलोक के सूर्याभ विमान में
9️⃣श्रावक को प्रतिदिन कितने प्रकार की पूजा करनी चाहिए
🅰️अष्टप्रकारी
1️⃣0️⃣श्रावक चेटक जी ने एक दिन में कितने बाण छोड़ने
का निर्णय किया
🅰️एक
1️⃣1️⃣श्रावक को बोलने के विषय में कितने गुण धारण करने चाहिए
🅰️8
पैथडशाह ने किस उम्र में ब्रह्मचारी की और सर कम्बल भेंट में आने पर 4था व्रत धारण किया।
1️⃣2️⃣32 वर्ष
1️⃣3️⃣किसकी प्राप्ति के लिए जिन मंदिर में तीन प्रदक्षिणा देनी चाहिए❓
🅰️ रत्नत्रयी
1️⃣4️⃣ श्रावक को चौमासी तप कौन-सा करना चाहिए?
🅰️ *छट्ठ*--- *(2 उपवास*)
1️⃣5️⃣श्रावक वंक्चुल जीकौन से स्वर्ग में गये
🅰️ 12 ,स्वर्ग
1️⃣6️⃣श्रावक को कितनी बार गुरु वंदन करना चाहिए❓
🅰️ तीन (त्रिकाल)
1️⃣7️⃣श्रावक के कितने व्रत होते है❓
🅰️ बारह
1️⃣8️⃣चुलणीपिताजी के पास कितनी सुवणॅमुदाऐ थी?
🅰️ 24करोड़
1️⃣9️⃣झूठ के कितने कारण है
🅰️14
2️⃣0️⃣ श्रावक को कितने विसा की दया पालन करनी चाहिए
🅰️सवा
2️⃣1️⃣श्रावक जी के अभक्ष्य कितने है
🅰️22
2️⃣2️⃣ श्रीपाल ने कितने वर्ष
राज किया
🅰️900 वर्ष तक
2️⃣3️⃣युधिष्ठिर में सामायिक प्रभाव से देवी - उपसर्ग ख़त्म हुएये कौन से शास्त्र में लिखा है।
🅰️पंचशती शास्त्र में
2️⃣4️⃣ तिर्यंच श्रावक का कोनसा गुणस्थान होता है?
🅰️ पांचवा
2️⃣5️⃣ श्रावक कितने प्रकार के होते है
🅰️8 प्रकार के 1माता पिता के समान2भाई के समान,3 मित्र के समान4 सौत के समान
5,आदर्श,6 पताका,7 कीले के समान8तीखे कांटे के समान
2️⃣6️⃣श्रावक के लक्षण कितने होते हैं
🅰️21
2️⃣7️⃣चौबीस स्थान थोकडे में
श्रावक के कितने अव्रत कहें है
🅰️12
2️⃣8️⃣श्रावक को कितने नाप के कपड़े से छान कर पानी पीना चाहिए
🅰️20 ,अँगुल चौड़े, 3 अँगुल लंबे वस्त्र को दोहरा कर के
2️⃣9️⃣पहले व्रत के कितने
अतिचार है
🅰️5
3️⃣0️⃣ श्रावक पौषध के कितने भेद है
🅰️4
📚🖌📘🖋📙🖍📚🖌
🅿1- दिन के पौषद के प्रहर कितने ?
🅰1 4
🅿2 जीवन मे कम से कम कितने वर्षितप करना चाहिये ?
🅰2 2
🅿3 श्रावक-श्राविका कितने गुणों से युक्त होते है ?
🅰3- 35
🅿4- जिनालय मे भगवान के सामने कितने खमासमणे देना चाहिये ?
🅰4- 3
🅿5- शत्रुंजय तीर्थ की चौविहार छठ्ठ करके कितनी यात्रा करनी चाहिये ?
🅰5- 7
🅿6- ठंड मे नमकीन कितने दिन चलते है ?
🅰6- 30
🅿7- मन के कितने दोष सेवन से सामायिक दूषित होती है ?
🅰7- 10
🅿8 प्रतिदिन ज्ञान कम से कम कितने खमासमणा देना चाहिये ?
🅰8- 5
🅿9- झूठे बर्तन कितने घड़ी के पहले साफ कर लेना चाहिये ?
🅰9- 2
🅿10- हमारी बुद्धि को विकृत करे ऐसे अभक्ष्य कितने ?
🅰10 22
🅿11 कम से कम कितने दिनो मे एक उपवास करना चाहिये ?
🅰11-15
🅿12- हमारे गुरू कितने महाव्रतों का पालन करते है ?
🅰12- 5
🅿13- एक सामायिक करने से कितने पल्योपमवाला देवगति का आयुष्य बंध होता है ?
🅰13- 92,59,25,925+
🅿14- महाविगय कितनी है ?
🅰14- 4
🅿15- कितनी रात बीत जाने पर दही नही वापरना चाहिए ?
🅰15- 2
🅿16- श्रावक-श्राविकाओ को कितने व्यसन से बचना चाहिये ?
🅰16- 7
🅿17- रात को कम से कम कितने बजे के बाद टी.वी. चालू नही करना चाहिये ?
🅰17- 10
🅿18- हमे कितने प्रकार की भावना भानी चाहिये ?
🅰18- 12
🅿19- श्रावकों को कम से कम कितना प्रतिशत हिस्सा परमार्थ मे लगाना चाहिये ?
🅰19- 10
🅿20- वर्षाकाल मे कामली का काल कितनी घड़ी का होता है ?
🅰20- 6
🅿21- नवपद ओलीजी तप मे कितने विगय का त्याग होता है ?
🅰21- 6
🅿22- अपनी लक्ष्मी का सद्व्यव करने के लिये कौनसी यात्रा का शत्रुंजय तीर्थ पर अनुष्ठान कराना ?
🅰22- 99
🅿23- समता श्राविका एवं पुणीया श्रावक प्रतिदिन कितने साधर्मिक को भोजन कराते थे ?
🅰23- 1
🅿24- श्रावकों को कितनी पडिमा धारण करनी चाहिये ?
🅰24- 11
🅿25- जीवन मे कितने नमस्कार महामंत्र का जाप करना चाहिये ?
🅰25- 900000
🅿26- हम सबको महावीर ज्ञान यूनिवर्सिटी मे शामिल किये उनका मोबाइल न. ?
🅰26- 9673597005
🅿27- अपनी सम्पति का सद्व्यव कितने क्षेत्रो मे करना चाहिये ?
🅰27- 7
🅿28- सांयोगिक अभक्ष्य कितने है ?
🅰28- 4
🅿29- श्रावकों श्राविकाओ को कितने पापस्थानक का सेवन नही करना चाहिये ?
🅰29- 18
🅿30- स्वस्तिक बनाकर हम कितनी गतियों से मुक्ति मिलने की प्रार्थना करते है ?
🅰30- 4
कूछ गलती हुई हो औऱ भगवान की आज्ञा के विरुद्ध पूछने मे आया हो तो मन से क्षमा याचना 🙏🙏🙏
1️⃣ - श्रावक सबसे पहले किस पद का उम्मीदवार है ?
🅰️ - साधु
2️⃣ - श्रावक किस के लिए तड़पता है, किसके विरुद्ध लड़ता है ?
🅰️ मोक्ष , मोह
3️⃣ - श्रावक को किस में अडिग श्रद्धा रहनी चाहिए ??
🅰️ जिनवचन
4️⃣ - जिनको क्या पसंद हो वह श्रावक ??
🅰️ साधु बनना
5️⃣ - श्रावक को वर्ष में कुल मिलाकर कितने प्रतिकमन करने चाहिए ?
🅰️ 720
6️⃣ - श्रावक के कर्तव्य का वर्णन किस सूत्र में होता है?
🅰️ मन्नाह जिनानं
7️⃣ श्रावक का जीवन यानी कौन सी विरति ?
🅰️ देश विरति
8️⃣ श्रावक के सामान्य कर्तव्य कितने ??
🅰️ 36
9️⃣ श्रावक किसके बिना सामायिक नही कर सकता है ??
🅰️ मुँहपत्ति, चरवाला
🔟 वांदना देते समय श्रावक को कितने आवश्यक का पालन करना चाहिए ??
🅰️ 25
11- कितने अंगों का भूमिस्पर्श करते हुए श्रावक को खमाशमना देना चाहिए?
🅰️ 5
12 - जघन्य से जिनमंदिर में श्रावक को कितनी आशातना नही करनी चाहिए ?
🅰️ 10
13 - अपने जीवन के किसकी मुक्ति के लिए श्रावक को भाव आलोचना करनी चाहिए ??
🅰️ सर्व पाप
14 - संसार भ्रमण निवारण के लिए श्रावक क्या देता है ?
🅰️ प्रदक्षिणा
15 - जीवन निर्वाह के लिए आवयश्कता होने पर श्रावक को कैसा व्यापार करना चाहिए ?
🅰️ नीति
16 - श्रावक को प्रतिदिन कौनसी चर्चा अवश्य करनी चाहिए ?
🅰️ तत्व
17 - किसका औचित्य श्रावक को करना चाहिए ?
🅰️ साधर्मिक
18 - किसकी अनुकंपा श्रावक को प्रतिदिन अवश्य करनी चाहिए ?
🅰️ दीन, दुखियों की
19 - श्रावक के रसोई घर में क्या होनी चाहिए ?
🅰️ पुंजनी
20 - श्रावक को प्रतिदिन अवश्य क्या करना चाहिए ?
🅰️ प्रतिक्रमण
21 - श्रावक सामायिक पारे बिना लगातार कितनी सामयिक कर सकता है ?
🅰️ 3
22 - प्रतिवर्ष श्रावक को कितने कर्तव्य करना चाहिए ?
🅰️ 11
23 - साधुता की महानता का रस स्वाद करने के लिए श्रावक को प्रतिदिन क्या करना चाहिए ??
🅰️ सामायिक
24 - श्रावक को प्रतिदिन किस द्रव्य से जिनपुजा करनी चाहिए ?
🅰️ स्व
25 - किसकी तरह भाव पूर्वक प्रतिदिन श्रावक को आरती उतारनी चाहिए ??
🅰️ कुमारपाल
26 - श्रावक को प्रतिदिन कितनी पूजा करनी चाहिए ?
🅰️ त्रिकाल
27 - श्रावक की पहचान किससे होती है ?
🅰️ तिलक
🔐🔑🔐🔑🔐🔑🔐
1⃣ व्रत को नष्ट करने वाले दोष को क्या कहते है ।
उत्तर : अनाचार
2⃣ व्रत तोड़ने का संकल्प क्या कहलाता है ।
उत्तर : अतिक्रम
3⃣ व्रत भंग करने हेतु उध्दत होने को क्या कहते है
उत्तर : अतिचार
4⃣ गर्भ में ज्ञान श्रावण किसने किया ?
उत्तर : अभिमन्यु ।
5⃣ बारह वर्ष तक वन में कौन भटकी ?
उत्तर : अन्जना ।
6⃣ जगत की माता कौन है ?
उत्तर : अहिंसा ।
7⃣ आचार्य क्या पालते व पलवाते है ?
उत्तर : आचार ।
8⃣ किस कर्म से जीव जीता है ?
उत्तर : आयुकर्म ।
9⃣ जो आहर नहीं करते उसे क्या कहते हैं ?
उत्तर : अनाहारक ।
1⃣0⃣ गोशालक ने कौन सा मत चलाया था ?
उत्तर : आजीवक ।
1⃣1⃣ जैन धर्म की रीढ़ क्या है ?
उत्तर : अनेकांतवाद ।
1⃣2⃣ जो जरा रहित है उसे क्या कहते हैं ।
उत्तर : अजर ।
1⃣3⃣ जो जन्म-जरा रहित है उसे क्या कहते है ?
उत्तर : अजर-अमर ।
1⃣4⃣ मान में कौन सा मान तुच्छ है ?
उत्तर : अभिमान ।
1⃣5⃣ मानव जीवन को क्या माना गया है ?
उत्तर : अनमोल ।
1⃣6⃣ वादों में सबसे खतरनाक वाद कौन सा है ।
उत्तर : आतंकवाद ।
1⃣7⃣ श्रावक के किस करण खुला रखा गया है ?
उत्तर : अनुमोदना ।
1⃣8⃣ मनुष्य लोक अमृत क्या है ?
उत्तर : अहिंसा ।
1⃣9⃣ महात्मा गांधी का मुल उपदेश क्या है ?
उत्तर : अहिंसा ।
2⃣0⃣ वेदना देख जागृत कौन हुआ ?
उत्तर : अनाथी मुनि ।
2⃣1⃣ माँ की आवाज सुनकर सोया कौन जागा ?
उत्तर: अरणक मुनि
2⃣2⃣ जो साधु अत्यल्प वस्त्र रखता है उसे किस नाम से पुकारते है ?
उत्तर: अचेलक
2⃣3⃣ खेल में खेलते खेलते किसने लिया?
उत्तर: अतिमुक्तक कुमार
2⃣4⃣ मनुष्य किसको नही देखता ?
उत्तर: अरुपी को
2⃣5⃣ मनुष्य लोक कहाँ तक है ?
उत्तर: अढाई दूीप
2⃣6⃣ प्रतिक्रमण सूत्र का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर: आवश्यक सूत्र
2⃣7⃣ दर्शनानुपयोग को क्या कहते हैं?
उत्तर: अनाकार उपयोग
2⃣8⃣ रसनावश संसार किसने बढाया ?
उत्तर : आर्य मंगू ने
2⃣9⃣ साधु-सतियाँं चातुर्मास हेतु किस माह मे पधारते है ?
उत्तर : आषाढ माह में ।
3⃣0⃣ जिस देश मे न ही धर्म ध्यान होता है और न ही चारों तीर्थ होते है उसे क्या कहते है?
उत्तर : अनार्य देश
🙏🙏🙏🙏🙏
⏰⏰⏰⏰⏰
*https://www.facebook.com/groups/3154432777929819/?ref=share*
📅
*༺꧁ नवकार करे भव से पार ꧂༻*
*DATE ~ 31 / 05 / 2023*
*🕰️समय दोपहर 2.25 से 2.55.*
*🦚 टॉपिक : ~ *🙏श्रावक जी*🔰🌹*
🦚🌻🌼🌹🦚🌻🌼🌹🦚🌻🌼🌹🦚🌻🌼🌻
1️⃣श्रावक किसके विरुद्ध लड़ता है ?
🅰️ मोह के विरूद्ध
2 श्रावक को कितने द्रव्यों से अधिक नही खाना चाहिए?
🅰️ 12द्रव्य
3 श्रावक को सर्वश्रेष्ठ कौनसी पूजा करनी चाहिए?
🅰️ अभिषेक पूजा
4 श्रावक की पहचान किसे होती है?
🅰️ तिलक से
5 श्रावक को कुल मिलाकर कितने प्रतिक्रमण करने चाहिए?
🅰️720
6 श्रावक को जिनालय के कम से कम कितने उपकरण रखने चाहिए?
🅰️ 19उपकरण
7 श्रावक किस गुणस्थानक में होता है?
🅰️ 5वे देशवृष्टि
8 श्रावक के सामान्य कर्तव्य कितने होते है?
🅰️36
9 श्रावक को किस वस्तु का त्याग करना चाहिए?
🅰️ सचित वस्तु
10 श्रावक को वन्दना देते समय कितने आवश्यक का पालन करना चाहिए?
🅰️25
11 श्रावक को किन द्रव्यों की वृद्धि करनी चाहिए?
🅰️ ज्ञान , साधारण और देव द्रव्य
12 श्रावक लगातार कितने सामायिक एक साथ कर सकते है?
🅰️ 3सामायिक
13 भाव श्रावक के कितने गुण होते है?
🅰️ 21गुण
14 वीर प्रभु के श्रावक कितने प्रतिमा धारी थे?
🅰️11
15 श्रावक को जिनालय जाने की प्रेरणा कोन देते हैं ?
🅰️ गुरु भगवंत
16 वीर प्रभु के प्रमुख श्रावक का नाम?
🅰️ आनंद श्रावक
17 आनंद श्रावक ने कौनसे देवलोक की ध्वजा देखी?
🅰️12वे देवलोक की
18 श्रावक को ज्ञानवर्धन के लिए प्रतिदिन क्या करना चाहिए?
🅰️ स्वाध्याय
19 श्रावक को रसोड़े में क्या रखना चाहिए?
🅰️पुंजनी
20 श्रावक को हमेशा किसकी चर्चा करनी चाहिए?
🅰️ धर्मकथा की चर्चा
21 श्रावक शब्द का अर्थ क्या है?
🅰️ श्रा _ श्रद्धा
व _विवेक
क _ क्रिया
*🦚 टॉपिक : ~ श्रावक 2 जी🔰🌹*
🦚🌻🌼🌹🦚🌻🌼🌹🦚🌻🌼🌹🦚🌻🌼🌻
Q 21, श्रावक की जाती क्या है ?
Ans 21, संगी पंचेन्द्रीय।
Q 22, जीव का भेद कौनसा ?(चौदह भेद की अपेक्षा से।)
Ans 22, जीव का भेद 14 वा ( चौदह भेद की अपेक्षा से।)
Q 23, श्रावक का दंडक कौनसा ?
Ans 23, तिर्यंच श्रावक की अपेक्षा से दंडक 20 वा, व मनुष्य श्रावक की अपेक्षा से दंडक (जहाँ जीव अपने कर्मो का दंड भोगता है ) 21 वा।
, Q 24, पांचवे गुणस्थान मे 15 योगों मे से कितने योग।
Ans 24, पांचवे गुणस्थान मे योग 12 , तीन योग आहरक, आहरक मिश्र व कार्मन काय योग को छोड़ कर। आहरक काय योग साधु जी के होता है, कार्मन काय योग अंतराल गति मे या केवली समुद्घात के समय होता है।बाकी के सारे 12 योग श्रावक मे होता है।
Q 25, श्रावक मे 12 उपयोगों मे से कितने उपयोग ?
Ans 25, श्रावक मे 6 उपयोग। श्रावक है 3 अज्ञान छुट जायेगा। साधु नही है सो मनपर्यय नही हो सकता, केवल ज्ञान, केवल दर्शन भी नही हो सकता। सिर्फ तीन ज्ञान, तीन दर्शन। श्रावक को अवधि ज्ञान हो सकता है ।
Q 26, श्रावक मे 8 आत्मा मे से कितनी आत्माये ? कौनसी आत्मा नही है ?
Ans 26, चारित्र आत्मा को छोड़ कर बाकी सब 7 आत्माये।
Q 27, देश विरती श्रावक मे लेश्या कितनी ?
Ans 27 , छठे गुणस्थान तक 6 ही लेश्या पायी जाती है, श्रावक भवि,सम्यक दृष्टि वाला होता है।
Q 28, साधु जी के 5 महाव्रत, श्रावक जी के कितने व्रत ?
Ans 28, श्रावक जी के 12 व्रत.
Q 29, इन 12 व्रतों को कितने भागों में बांटा गया है ? और कौन से !
Ans 29, बारह व्रतों को तीन भागों में बांटा गया है, 1 से 5 अणुव्रत, 6-8 गुणव्रत, 9 से 12 शिक्षा व्रत.
Q 30, श्रावक की श्रेष्ठ साधना कौनसी ?
Ans 30, श्रेष्ठ साधना सामायीक। जिसको तीर्थंकर भी करते है।
श्रावक की सामायीक दो घड़ी की, साधु की यत् जीवन।
Q 31, श्रावक के तीन मनोरथ का कौनसे आगम मे वर्णन है ?
Ans 31, श्रावक के तीन मनोरथ का तीसरे आगम स्थानांग सूत्र (ठाणम) मे वर्णन है।
Q 32, श्रावक के तीन मनोरथ, दूसरा मनोरथ कौनसा ?
Ans 32, श्रावक यह चिंतन करे कब मे मुंड हो गृहस्थवास छोड़ साधु व्रत स्वीकार करूँगा।
Q 33, श्रावक के कितने गुण ?
Ans 33, श्रावक के 21 गुण ।
Q 34, श्रावक को 11 प्रतिमाओं को पूर्ण करने मे कितना समय लगेगा ?
Ans 34, श्रावक को 11 प्रतिमा पूर्ण करने मे पांच वर्ष छ मास कुल 66 maas मास लग जायेंगे ।
Q 35, श्रावक के 12 व्रत मे सातवा व्रत भोगोपभोग व्रत, कुल 99 अतिचारों मे भगोपभोग व्रत के कितने अतिचार ?
Ans 35, भगोपभोग व्रत के 20 अतिचार।
Q 36, श्रावक संयती को 14 प्रकार के दान दे सकता है, श्रेष्ठ दान कौनसा ?
Ans 36, शय्यातर(स्थान) का दान सबसे श्रेष्ठ है। जितने समय साधु साध्वी जी बिराजते है,रहते हैं उसका निरंतर लाभ मिलता रहता है।
उस से भी श्रेष्ठ दान अपनी संतान को गुरु चरणों मे समर्पित (दीक्षा) करना।
Q 37, आनंद श्रावक जिसे अवधि ज्ञान हुआ था काल करके कौनसे देव लोक मे गया ?
Ans 37, आनंद श्रावक की गति पहला सौधर्म देव लोक है। सभी प्रमुख 10 श्रावक पहले सौधर्म देव लोक गये।
देवलोक से च्यवकर महाविदेह क्षेत्र मे जायेंगे, फिर मोक्ष जायेंगे।
Q 38, प्रभु वीर ने अन्य तीर्थकों (दूसरे धर्म वाले) को समझाने के लिये किस श्रावक की प्रशंसा की ?
Ans 38, अन्य तीर्थकों को पंचास्तिकाय समझाने के लिये वीर प्रभु ने राजगृह नगर के श्रावक श्री मद्दुक की प्रशंसा की।
प्रभु ने तीर्थ शब्द के चार पहियों मे दो पहियें श्रावक, श्राविका के भी बताए है। हम अपना श्रावकत्व शिखर पर चढाये। शुद्ध श्रावकत्व का पालन करें.
Q 39, इस अवसर्पनी काल के प्रथम श्रावक ?
Ans 39, भरत महाराजा।
Q 40, गृहस्थ अवस्था मे सबसे उत्कृष्ट तपस्या किसकी ?
Ans 40, गृहस्थ अवस्था मे उत्कृष्ट तपस्या महासती सुंदरी जी की। 60 हजार वर्ष तक आयम्बिल् तप।
Q 41, स्वामि विवेकानंद जी के साथ ऐसे कौनसे श्रावक थे जिनोहनेे Chicago विश्व धर्म सम्मेलन में जैन धर्म का प्रतिनिधित्व किया ?
Ans 41, वीर राघव चंद गांधी ने 1893 Chicago विश्व धर्म सम्मेलन मे जैन धर्म का प्रतिनिधित्व किया।
Q 42, श्रावकत्व की प्राप्ति का अर्थ ?
Ans 42, मोक्ष की टिकट निश्चित
🔮*
श्रावक शब्द की एक निरूक्ति भी प्राप्त होती है, जिसमें श्र, व और क वर्णों को क्रमश: श्रद्धा, विवेक और क्रिया का प्रतीक मानकर श्रद्धावान् विवेकशील एवं अणुव्रती गृहस्थ को श्रावक कहा गया है। यथा—
‘‘श्रन्ति पचन्ति तत्त्वार्थश्रद्धानं निष्ठां नयन्तीति श्रा: तथा वपन्ति गुणवत्सप्तक्षेत्रेषु धनबीजानि निक्षिपन्तीति वा: तथा किरन्ति क्लिष्टकर्मरजो विक्षिपन्तीति का:, तत: कर्मधारये श्रावका इति भवति:।’’२
अर्थात् श्रावक शब्द में प्रयुक्त ‘श्रा’ शब्द तत्त्वार्थश्रद्धान की सूचना देता है, ‘व’ शब्द सप्त धर्म क्षेत्रों में धन रूपी बीजों को बोने की प्रेरणा करता है और ‘क’ शब्द क्लिष्ट कर्म या महान् पापों को दूर करने की सूचना देता है इस प्रकार से कर्मधारय समास करने पर निरूक्ति के रूप में श्रावक शब्द निष्पन्न हो जाता है।
श्रद्धावान् गृहस्थ को भिन्न-भिन्न स्थानों पर श्रावक, उपासक, आगारी, देशव्रती, देशसंयमी आदि नामों से उल्लिखित किया गया है। यद्यपि यौगिक दृष्टि से इन नामों के अर्थों में अन्तर है, तथापि सामान्यत: ये एकार्थक या पर्यायवाची माने जाते हैं। देशव्रती या देशसंयमी पञ्चम गुणस्थानवर्ती श्रावक की ही संज्ञा हो सकती है, चतुर्थ गुणस्थानवर्ती की नहीं। आगम और श्रावकाचारों में श्रावक शब्द को अनेक नामों से अभिहित किया गया है— उपासक, श्रावक,देशसंयमी , आगारी, श्रममोपासक, सद्गृहस्थ , सागर आदि । आचार्य जिनसेन कृत आदिपुराण में भी ‘श्रावक’ के लिये उपासक, गृहस्थ आदि शब्दों का प्रयोग हुआ है।३
उपासक का अर्थ उपासना करने वाला होता है जो मनुष्य वीतराग देव की नित्य पूजा उपसना करता है , निर्ग्रन्थ गुरूओं की सेवा वैयावृत्य में तत्पर रहता है और सत्यार्थ धर्म की आराधना करते हुए उसे यथाशक्ति धारण करता है उसे उपासक कहा जाता है। श्रमणों की उपासना करने वाले की अपेक्षा श्रमणोपासक, सत्यार्थ धर्म की साधना करने वाला होने से सागार कहलाता है, यद्यपि साधारणतया ये सब नाम पर्यायवाची माने गये हैं तथापि यौगिक दृष्टि से परस्पर विशेषता होने से अलग—अलग नाम उल्लिखित है।
श्रावक अणुव्रती व रत्नत्रय का पालक होता है और रत्नत्रय का धारक होने से ही उसे श्रावक संज्ञा दी गयी है। आचार्य कुन्दकुन्द देव ने गृहस्थ साधु के लिए ‘सावय’ (श्रावक) और सागार शब्द प्रयुक्त किये हैं। उन्होंने श्रावक को सग्रन्थ अर्थात् परिग्रह सहित संयमाचरण का उपदेश दिया है। पंचाणुव्रत, तीन गुणव्रत, चार शिक्षाव्रत इस तरह बारह प्रकार का संयमाचरण बताकर देशविरत श्रावक को दर्शन, व्रत सामायिक आदि बारह श्रेणियाँ भी बतायी है।४
श्रावक के लिये उपासक शब्द प्राचीनकाल में बहुश:प्रचलित रहा है। इसी कारण व्रती गृहस्थ के आचार विषयक ग्रन्थों का नाम प्राय: उपासकाध्ययन या उपासकाचार रहा है। स्वामी समन्तभद्र द्वारा निर्मित रत्नकरण्ड को भी उसके संस्कृत टीकाकार आचार्य प्रभाचन्द्र ने ‘रत्नकरण्डकनाम्नि उपासकाध्ययने’ वाक्य में रत्नकरण्ड नामक उपासकाध्ययन ही कहा है। घर में रहने के कारण गृहस्थ की सागर संज्ञा है। इसे गृही, गृहमेधी नाम भी प्रयुक्त हुए हैं। यहाँ गृह वस्त्रादि के प्रति आसक्ति का उपलक्षण प्रतीत होता है। अणुव्रत रूप देशसंयम को धारण करने के कारण श्रावक की देशसंयमी, देशव्रती और अणुव्रती भी कहा गया है।
नित्य के अवश्यकरणीय रूप कर्तव्यों को ‘आवस्सय’ या आवश्यक कहते हैं। सामान्यत: अवश्य का अर्थ अकाम , अनिच्छु, स्वाधीन, स्वतंत्र, रागद्वेष से रहित तथा इन्द्रियों की आधीनता से रहित होता है तथा इन गुणों से युक्त अर्थात् जितेन्द्रिय व्यक्ति की अवश्यकाणीय क्रियाओं को आवश्यक कहते हैं। मूलाचार में आचार्य वट्टकर ने कहा है—
अर्थात् जो रागद्वेषादि के वश में नहीं होता वह अवश है तथा उस (अवश) का आचरण या कत्र्तव्य आवश्यक कहलाता है।
श्रावकों का प्रतिदिन करने वाले छ: आवश्यक बतलाये हैं। इन आवश्यकों में परिवर्तन भी हुए हैं। आचार्य अमृतचन्द्र ने पुरूषार्थ सिद्धयुपाय में मुनियों के षडावश्यकों को ही यथाशक्ति गृहस्थों के लिए करणीय माना है—
सुनिरूप्य निजां पदवीं शत्तिंक च निषेव्यमेतदपि।।६
यशस्तिलक चम्पू में श्री सोमदेव सूरि षडावश्यकों का उल्लेख इस प्रकार किया है—
दानं चेति गृहस्थानां षट् कर्माणि दिने दिने।।
महापुराण में आचार्य जिनसेन ने श्रावक के करने योग्य षट् आवश्यक क्रियाओं का वर्णन किया है, उन्होंने कहा है कि भरतराज ने उपासकाध्ययन नामक अंग से उन व्रती लोगों के लिए इज्या (पूजा) वार्ता, दत्ति (दान), स्वाध्याय, संयम और तप का उपेदश दिया है।८
चारित्रसार में पूरे छ: आवश्यक जिनसेन की तरह की है—
चारित्रसार में यह बात अलग है कि षडावश्यकों को पालने वाले गृहस्थ दो प्रकार के होते हैं—जाति क्षत्रिय और तीर्थ क्षत्रिय । जाति क्षत्रिय, ब्राह्मण, वैश्य और शूद्र के भेद से चार प्रकार है। तीर्थ क्षत्रिय अपनी आजीविका के भेद से अनेक प्रकार के हैं । पद्मनन्दिपञ्चविंशतिका में भी देवपूजा, गुरू उपासना, स्वाध्याय, संयम, तप और दान ये छ: कर्म ही बतलाये हैं।९ प्रश्नोत्तरश्रावकाचार में यत्नपूर्वक, मृत्यु पर भी षडावश्यक करणीय माने गये हैं। इन्होंने समता, वन्दना दान, कायोत्सर्ग, संयम और ध्यान को अलग—अलग श्लोकों में षडावश्यक माना है।१० धर्मसंग्रहश्रावकाचार में आचार्य जिनसेन के समान ही इज्या, वार्ता, तप, दान, स्वाध्याय तथा संयम इन छ: कर्मों को प्रतिदिन करने वालों को गृहस्थ माना है।११ कुन्दकुन्द श्रावकाचार में सबसे अलग संख्या निर्धारित की और श्रावकों के दस गृहस्थ धर्म बतलाये हैं—
सत्यं शौचस्तपोऽस्तेयं धर्मोऽयं गृहमेधिनाम्।।१२
अर्थात् दया, इन्द्रियदमन, देव—पूजन, गुरूभक्ति, क्षमा, सत्य, शौच, तप, अचौर्य यह गृहस्थों का धर्म कहा गया है । यद्यपि इन्हें यहाँ आवश्यक शब्द से नहीं कहा गया तथापि कही भी षडावश्यकों का पृथक् उल्लेख न होने के कारण हम इन्हीं को दशावश्यक मान लेते हैं। पदद्मकृत श्रावकाचार में पुन: उन्हीं षडावश्यकों को स्वीकार किया गया है जो मुनियों में होते हैं—
देवदर्शन ही सम्यग्दर्शन का निमित्त है, देव पूजा को श्रावकों को प्रतिदिन करने वाले आवश्यकों में रखकर अनिवार्य माना गया। आचार्यों ने देवपूजा के बारे में एक स्वर में समर्थन दिया। देव पूजा की विधियों में यद्यपि कुछ अन्तर दिखायी देते हैं किन्तु वे सभी श्रावक को धर्म से जोड़ने रखने हेतु आवश्यक जान पड़े इसलिये उनका समावेश किया गया है। देव पूजा गृहस्थों का आवश्यक कत्र्तव्य है। आचार्य समन्तभद्र कहते हैं — गृहस्थ को आदरपूर्वक नित्य सर्वकामनाओं के पूर्ण करने वाले और कामविकार को जलाने वाले देवाधिदेव जिनेन्द्र भगवान् की पूजा अर्चना जरूरी चाहिए।१३ महापुराण में आचार्य जिनसेन ने, अर्हन्त देव की पूजा के लिए पांच प्रकार बताये हैं, वे पांच प्रकार हैं—
प्रतिदिन अपने घर से जिनालय में ले जाये गये गंध अक्षत आदि के द्वारा जिन भगवान् की पूजा नित्यमह कहलाता है। भक्ति से जिनबिम्ब और जिनालय आदि का निर्माण कराना तथा उनके संरक्षण के लिये ग्राम आदि का राज्य शासन के अनुसार, पंजीकरण करके दान देना भी नित्यमय कहलाता है। अपनी शक्ति के अनुसार मुनीश्वरों की नित्य अहार आदि के साथ जो पूजा की जाती है वह भी नित्यमह कहलाती है।१४
महामुकुट—बद्ध राजाओं के द्वारा की जाने वाली महापूजा को चतुर्मुख— यह आदि नामों से जाना जाता है।१५
चक्रवर्तियों के द्वारा ‘‘तुम लोग क्या चाहते हो ?’’ इस प्रकार याचक जनों से पूछ —पूछकर जगत् की आशा को पूर्ण करने वाला किमिच्छक दान दिया जाता है, वह कल्पद्रुम मह या कल्पवृक्ष—यज्ञ कहलाता है।१६
आष्टह्निका पर्व में सामान्यजनों के द्वारा किया जाने वाला पूजन, आष्टाह्निक—मह कहलाता है।१७ इन्द्रध्वज—मह उपर्युक्त चारों प्रकार की पूजनों के द्वारा इन्द्रों के द्वारा की जाने वाली महान पूजा को इन्द्रध्वज मह कहते हैं, आज के युग में प्रतिमा की प्रतिष्ठा के निमित्त प्रतिष्ठाचार्यों के द्वारा जो पंचकल्याणक पूजा की जाती है, उसे इन्द्रध्वज—मह कहा जाता है।१८
इसके अलावा भी जो पूजन किया जाता है , उन सबका समावेश इन पांच भेदों में हो जाता है। आचार्य जिनसेन इस विधि से युक्त महान् पूजन को षट् आवश्यकों (कत्र्तव्यों) में इज्या—वृत्ति (देव—पूजन) कहते हैं।१९
देव रूप बताते हुए आचार्य कहते हैं कि एक तो पुष्पादि में जिनभगवान् की स्थापना करके पूजा की जाती है, दूसरे जिनबिम्बों में जिन् भगवान् की स्थापना करके पूजा की जाती है, अन्य दूसरे मतों की प्रतिमाओं में जिनेन्द्रदेव की स्थापना करके पूजा नहीं करनी चाहिए। इस प्रकार अतदाकार और तदाकार पूजन के (अतदाकार) जिनेन्द्रदेव की स्थापना करके पूजन करते हैं। उसकी पूजा विधि बताते हुए कहते हैं कि पूजा विधि के ज्ञाताओं को सदा अर्हन्त और सिद्ध को मध्य में, आचार्य को दक्षिण में, उपाध्याय को पश्चिम में, साधु को उत्तर में और पूर्व को सम्यग्दर्शन, सम्यक्ज्ञान और सम्यक्चारित्र को क्रम में भोजपत्र पर, लकड़ी के पाटिये पर, वस्त्र पर शिलातल पर, रेत से बनी भूमि पर , पृथ्वी , आकाश में और हृदय मतें स्थापित करना चाहिए, फिर पूजा करनी चाहिए।२० इसके बाद प्रतिमा में स्थापना करके तदाकार पूजन करने की विधि आचार्यों ने बतायी। आचार्य ने देव पूजा के छ: प्रकार बतलाते हैं—
१. प्रस्तावना, २. पुराकर्म , ३. स्थापना , ४.सन्निधापन, ५. पूजा, ६. पूजा का फल।२१
२. गुरू पूजा
गुरूभक्ति भारतीय संस्कृति में प्राचीनकाल से ही विख्यात है। सभी जैन आचार्यों ने गुरू भक्ति को श्रावकों का आवश्यक कत्र्तव्य माना है। रत्नकरण्डश्रावकाचार में आचार्य समन्तभद्र ने सत्यार्थ गुरू का लक्षण दिया है, वे कहते हैं कि जो पंचेन्द्रियों की आशा के वश में रहित हो, खेती—पशु—पालन आदि आरभं से रहित हो, ज्ञानाभ्यास , ध्यान, समाधि और तपश्चरण में निरत हो ऐसे तपस्वी निर्ग्रन्थ गुरू प्रशंसनीय होते हैं।२२ पण्डित मेधावी ने धर्मसंग्रह श्रावकाचार में कहा है कि दर्शनाचार, ज्ञानाचार आदि पंच प्रकार के आचार से युक्त सूरि (आचार्य) द्वादशांग शास्त्र को जानने वाले उपाध्याय तथा अपनी आत्मा की प्राप्ति के लिये प्रयत्न करने वाले साधु (मुनि) ये सब पूजन योग्य है।२३ प्रश्नोत्तरश्रावकाचार में निग्र्रन्थ अर्थात् परिग्रह रहित को ही गुरू मानने को कहा है, अन्य की नहीं—
धर्मोंपदेशपीयूषवर्ष श्रावकाचार में भी जो रत्नत्रयधारी हो तथा स्वयं को एवं दूसरों को संसार से पार लगाये उन्हीं गुरू को पूजनीय माना है—
रत्नत्रयमहानावा स्व— परेषां च तारका:।।२४
उमास्वामीश्रावकाचार में कहा गया है कि गुरू के बिना भव्यजीवों को भव से पार उतारने वाला कोई भी नहीं है और न ही गुरू के बिना अन्य कोई मोक्षमार्ग का प्रणेता ही हो सकता है। अत: सज्जनों को श्री गुरू की सेवा करनी चाहिए।
मोक्षमार्गप्रणेता च सेव्याऽत: श्रीगुरू: सताम् ।।
गुरूणां गुणयुक्तानां विधेयो विनयो महान् ।
मनोवचनकायैश्च कृतकारितसम्मतै:।।२५
गुरूणां गुणयुक्तानां विधेयो विनयो महान् ।
मनोवचनकायैश्च कृतकारितसम्मतै:।।२५
अर्थात् गुणों से संयुक्त गुरूओं की मन—वचन—काय से कृत कारित अनुमोदना से महान् विनय करनी चाहिए। पद्मनन्दिपञ्चविंशतिका में गुरू की उपासना का सुफल तथा नहीं करने पर दुष्फल इन दोनों का ही वर्णन है—
समस्तं दृश्यते येन हस्तरेखेव निस्तुषम् ।।
ये गुरूं नैव मन्यन्ते तदुपास्तिं न कुर्वते।
अन्धकारो भवेत्तेषामुदितेऽपि दिवाकरे।।२६
ये गुरूं नैव मन्यन्ते तदुपास्तिं न कुर्वते।
अन्धकारो भवेत्तेषामुदितेऽपि दिवाकरे।।२६
अर्थात् गुरू के प्रमाद से ही ज्ञान रूप नेत्र प्राप्त होता है, जिसके द्वारा समस्त विश्वगत पदार्थ हस्तरेखा के समान स्पष्ट दिखाई देते हैं। इसलिये ज्ञानार्थी गृहस्थों को भक्तिपूर्वक गुरूजनों की वैयावृत्य और वन्दना आदि करना चाहिये। जो गुरूजनों का सम्मान नहीं करते हैं और न ही उनकी उपासना ही करते हैं, सूर्य के उदय होने पर भी उनके हृदय में अज्ञानरूप अन्धकार बना ही रहता है।
‘स्वाध्याय: परमं तप:—कहकर आचार्यों ने स्वाध्याय को तप के भेदों में गिना है।यद्यपि ‘तप’ भी षडावश्यकों में है। तथापि स्वाध्याय का महत्त्व इतना अधिक है तो उसे पृथक् स्थान देकर उसकी अनिवार्यता मानी है। स्वाध्याय स्व—पर का भेद ज्ञान करवाने में सबसे बड़ा निमित्त है। शेष आवश्यकों को सच्ची रीतिपूर्वक करने के लिये भी स्वाध्याय बहुत आवश्यक है। धर्मसंग्रह श्रावकाचार के अनुसार अपने लिये अध्ययन करने को स्वाध्याय कहते हैं और यही स्वाध्याय अज्ञान का नाश करने वाला है—
अज्ञानप्रतिवूâलत्वात्तप : स्वेष परं तप:।।२७
आचार्य स्वाध्याय को मोक्ष का कारण बताते हुए कहते हैं कि स्वाध्याय के करने से ज्ञान की वृद्धि होती है, ज्ञान की वृद्धि होने से चित्त उत्कट वैराग्यवान होता है, वैराग्य के होने से और परिग्रह का त्याग होने से ध्यान होता है , ध्यान के होने आत्मा की उपलब्धि होती है, आत्मा की उपलब्धि होने से ज्ञानावरणादि आठ कर्मो का नाश होता है और कर्मों का नाश ही मोक्ष कहा जाता है। अत: स्वाध्याय परम्परा से मोक्ष कहा जाता है। अत: यह स्वाध्याय परम्परा से मोक्ष कहा जाता है। अत: यह स्वाध्याय परम्परा से मोक्ष का कारण है। इसलिए भव्य पुरूषों को शक्तयनुसार स्वाध्याय अवश्य करना चाहिये। पूर्वकाल में जितने सिद्ध हुए हैं , आगामी होंगे तथा वर्तमान में होने योग्य हैं, वे सब नियम से इस स्वाध्याय मोक्ष का कारण है। अत: भव्य गृहस्थों को स्वाध्याय परम्परा मोक्ष का कारण जानकर, एकान्त स्थान में बैठकर, मन, वचन, काय की शुद्धिपूर्वक नित्य तथा नैमित्तिक स्वाध्याय करना चाहिये।२८
संयम एक ऐसा आवश्यक है जिसमें सम्पूर्ण श्रावकाचार गर्भित हो जाता है। सभी व्रतों को अपनें में संजोने वाले संयम को श्रावक का आवश्यक कत्र्तव्य माना गया है। असंयमी का धर्म के क्षेत्र में कोई मूल्य नहीं है। आचार्यों ने संयम की परिभाषा तथा व्याख्या विस्तार से की है । चारित्रसार में पञ्चाणुव्रत का पालन करना ही संयम कहा है — ‘संयम: पञ्चाणुव्रतवत्र्तनम्’ । उमास्वामी श्रावकाचार में संयम के दो भेदों का उल्लेख करते हुए कहा है कि संयम दो प्रकार का जानना चाहिये— १. इन्द्रिय संयम, २. प्राणी संयम। पांचों इन्द्रियों के विषयों के विषयों की निवृत्ति करना इन्द्रिय संयम है और छ: काय के जीवों की रक्षा करना प्राणी संयम है।
इन्द्रियार्थनिवृत्त्युत्थो द्वितीय: प्राणिसंयम :।।२९
अर्थात् संस्कृत—भावसंग्रह में गृहस्थों के एक देश संयम का लक्षण किया है—
71. श्रावक को पर्युषण में कितने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए ? कौन से ?
ans. 5 – अमारी प्रवर्तन, साधर्मिक भक्ति, क्षमापना, अट्ठम तप, चैत्य परिपाटी
72. श्रावक के वार्षिक कर्तव्य कितने हे ? कौन से ?
ans. 11 – संघ पूजा, साधर्मिक भक्ति, यात्रा त्रिक, स्नात्र पूजा, देव द्रव्य वृद्धि, महा पूजा, धर्म जागरण, श्रुत पूजा, उपधान, तीर्थ प्रभावना, प्रायश्चित
73. कल्पसूत्र की प्रथम वाचना कहा प्रारंभ हुई थी ?
ans. आनंदपुर
74. श्रावक के 11 कर्तव्यों में से सब से मुख्य कौन सा हे ?
ans. प्रायश्चित (आलोचना)
75. श्रावक का गुणस्थान कौन सा हे ? नाम ?
ans. 5 – देशविरति गुणस्थान
76. कल्पसूत्र में किसकी तरह अट्ठम तप करने को कहा गया हे ?
ans. नागकेतु
77. अमारी प्रवर्तन का पालन किस राजा के जैसे करना चाहिए ?
ans. कुमारपाल
78. उपवास कर के भी साधर्मिक भक्ति का लाभ कौन लेते थे ?
ans. पुणीया श्रावक
79. गंगा नदी पार करते समय देव द्वारा उपसर्ग से शरीर के गिरते खून से अपकाय जीव की विराधना देख कर कांप उठे और केवलज्ञान प्राप्त हुआ – वो कौन ?
ans. अरणिकापुत्र आचार्य
80. श्री हिरसूरीश्वरजी की प्रेरणा से किसने अपने राज्य में अमारी का पालन करवाया ?
ans. अकबर
81. किस राजा के जैसी क्षमापना करनी चाहिए जिसने जीता हुआ राज्य भी लौटा दिया ?
ans. उदयन नरेश
प्रश्न 87 - श्रावक यज्ञोपवीत धारण क्यों करते हैं?
उत्तर - सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र के प्रतीक के रूप में
यज्ञोपवीत धारण किया जाता है।
प्रश्न 89 - यज्ञोपवीत संस्कार कब किया जाता है?
उत्तर - आठ वर्ष की आयु में
प्रश्न 90 - आठ वर्ष की आयु में ही जनेऊ धारण क्यों कराया
जाता है।
उत्तर - आगम के अुनसार आठ वर्ष के बालक को केवलज्ञान
प्राप्ति की योग्यता मानी है इसलिये आठा वर्ष की आयु
में ही यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है तथा आठा वर्ष के
बालक को ही भगवान का अभिषेक तथा मुनि को आहार
देने की योग्यता होती है।
84 - श्रावक की कितनी आवश्यक क्रियायें होती हैं?
उत्तर - श्रावक की छह आवश्यक क्रियायें होती हैं।
प्रश्न 85 - श्रावक की आवश्यक क्रियाायें कौन-कौन सी
हैं?
उत्तर - 1. देव पूजा, 2. गुरूपास्ति 3. स्वाध्याय 4. संयम 5. तप
6. दान।
प्रश्न 86 - श्रावक के श्रद्धा गुण को क्या कहते हैं?
उत्तर - श्रावक के श्रद्धा गुण को सम्यग्दर्शन कहते हैं।
प्रश्न 87 - श्रावक के विवेक गुण को क्या कहते हैं?
उत्तर - श्रावक के विवेक गुण को सम्यग्ज्ञान कहते हैं।
प्रश्न 88 - श्रावक के क्रिया गुण को क्या कहते हैं?
उत्तर - श्रावक के क्रिया गुण को सम्यग्चारित्र कहते हैं।
प्रश्न 28 - उद्यमी हिंसा क्या है?
उत्तर - जो हिंसा कृषि, व्यापार आदि में होती है उद्यमी
या उद्योगी हिंसा कहलाती है।
प्रश्न 29 - कौन सी हिंसा को सबसे अधिक खतरनाक
माना गया है?
उत्तर - संकल्पी हिंसा को।
प्रश्न 30 - वे हिंसा कौन-कौन सी हैं जिनसे बचा नहीं जा
सकता?
उत्तर - गृहस्थ केवल संकल्पी हिंसा से बच सकता है, आरम्भी,
उद्योगी एवं विरोधनी हिंसा से बच नहीं सकता। अतः
संकल्पपूर्वक किसी प्राणी की हिंसा नहीं करनी चाहिए।
प्रश्न 31 - धर्म कितने रूपों में
पाया जाता है?
उत्तर - धर्म दो रूपों में पाया जाता है। महाव्रत रूप मुनि
धर्म एवं अणुव्रत रूप श्रावक धर्म।
प्रश्न 32 - मुनिव्रत रूप धर्म किस प्रकार का है?
उत्तर - मुनिव्रत रूप धर्म अरिहंतादि पंच परमेष्ठियों के 143
मूलगुणों के रूप में मिलता है।
प्रश्न 33 - श्रावक किसे कहते हैं?
उत्तर - जिसमें श्रद्धा, विवेक एवं िक्रया ये तीन गुण पाये
जायें वे श्रावक कहलाते हैं।
प्रश्न 34 - श्रावकों के उपरोक्त गुणों को क्या कहते हैं?
उत्तर - श्रावकों के उपरोक्त गुणों को सम्यग्दर्शन,
सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान तथा सम्यग्चारित्र भी कहते हैं।
प्रश्न 35 - श्रावकों की क्या पहिचान है?
उत्तर - जिस प्रकार मुनि की पहिचान पीछी और कंमडलु से
होती है उसी प्रकार श्रावकों की पहिचान रत्नत्रय स्वरूप
यज्ञोपवीत (जनेऊ) धारण करने से होती है।
प्रश्न 36 - यज्ञोपवीत धारण करने के लिए कौन-कौन से
नियमों का पालन करना होता है?
उत्तर - यज्ञोपवीत धारण करने के लिए तीन नियमों का
पालन करना होता है।
1 - छना हुआ पानी पीना।2 - रात्रि में अन्न (भोजन) का
त्याग करना।3 - देव दर्शन करना।
प्रश्न 37 - श्रावकों के कितने भेद होते हैं?
उत्तर - श्रावकों के तीन भेद होते हैं।
1. पाक्षिक 2. नैष्ठिक एव 3. साधक।
प्रश्न 38 - पाक्षिक श्रावक किसे कहते हैं?
उत्तर - जिसे हिंसादिक पांचों पापों का त्याग रूप व्रत है
जो अभ्यास रूप से श्रावक धर्म का पालन करता है, धर्म का
पक्ष रखने से उसे पाक्षिक, प्रारब्ध या देश संयमी कहते हैं।
प्रश्न 39 - नैष्ठिक श्रावक किसे कहते हैं?
उत्तर - जो निरतिचार रूप प्रतिमारूप से श्रावक धर्म का
पालन करता है वह घटमान, देशसंयमी या नैष्ठिक श्रावक है।
प्रश्न 40 - साधक कौन है?
उत्तर - जिसका देशसंयम पूर्ण हो चुका है, जो आत्मध्यान में
लीन होकर समाधिमरण करता है उसको साधक या निष्पन्न
देशसंयमी कहते हैं।
प्रश्न 41 - श्रावक के कितने और कौन-कौन से मूल गुण होते
हैं?
उत्तर - श्रावक के आठ मूल गुण होते हैं। पांच उदम्बर फलों का
त्याग करना तथा 3 मकारों का त्याग करना।
प्रश्न 42 - पांच उदम्बर फल कौन-2 से हैं?
उत्तर - 1. बड़फल 2. पीपल फल 3. पाकर फल 4. उमर फल एवं
5. कठूमर फल।
प्रश्न 43 - उदम्बर फल किसे कहते हैं तथा इनके खाने में क्य
हानि है?
उत्तर - जिन फलों के अन्दर पेट में असंख्यात त्रस जीव होते हैं
उन्हें उदम्बर फल कहते हैं। इन फलों के खाने से इनके अंदर रहने
वाले असंख्यात त्रस जीवों का घात होता है।
उत्तर - सम्यग्दर्शन ज्ञान चारित्र के प्रतीक के रूप में
यज्ञोपवीत धारण किया जाता है।
प्रश्न 89 - यज्ञोपवीत संस्कार कब किया जाता है?
उत्तर - आठ वर्ष की आयु में
प्रश्न 90 - आठ वर्ष की आयु में ही जनेऊ धारण क्यों कराया
जाता है।
उत्तर - आगम के अुनसार आठ वर्ष के बालक को केवलज्ञान
प्राप्ति की योग्यता मानी है इसलिये आठा वर्ष की आयु
में ही यज्ञोपवीत धारण कराया जाता है तथा आठा वर्ष के
बालक को ही भगवान का अभिषेक तथा मुनि को आहार
देने की योग्यता होती है।
84 - श्रावक की कितनी आवश्यक क्रियायें होती हैं?
उत्तर - श्रावक की छह आवश्यक क्रियायें होती हैं।
प्रश्न 85 - श्रावक की आवश्यक क्रियाायें कौन-कौन सी
हैं?
उत्तर - 1. देव पूजा, 2. गुरूपास्ति 3. स्वाध्याय 4. संयम 5. तप
6. दान।
प्रश्न 86 - श्रावक के श्रद्धा गुण को क्या कहते हैं?
उत्तर - श्रावक के श्रद्धा गुण को सम्यग्दर्शन कहते हैं।
प्रश्न 87 - श्रावक के विवेक गुण को क्या कहते हैं?
उत्तर - श्रावक के विवेक गुण को सम्यग्ज्ञान कहते हैं।
प्रश्न 88 - श्रावक के क्रिया गुण को क्या कहते हैं?
उत्तर - श्रावक के क्रिया गुण को सम्यग्चारित्र कहते हैं।
प्रश्न 28 - उद्यमी हिंसा क्या है?
उत्तर - जो हिंसा कृषि, व्यापार आदि में होती है उद्यमी
या उद्योगी हिंसा कहलाती है।
प्रश्न 29 - कौन सी हिंसा को सबसे अधिक खतरनाक
माना गया है?
उत्तर - संकल्पी हिंसा को।
प्रश्न 30 - वे हिंसा कौन-कौन सी हैं जिनसे बचा नहीं जा
सकता?
उत्तर - गृहस्थ केवल संकल्पी हिंसा से बच सकता है, आरम्भी,
उद्योगी एवं विरोधनी हिंसा से बच नहीं सकता। अतः
संकल्पपूर्वक किसी प्राणी की हिंसा नहीं करनी चाहिए।
प्रश्न 31 - धर्म कितने रूपों में
पाया जाता है?
उत्तर - धर्म दो रूपों में पाया जाता है। महाव्रत रूप मुनि
धर्म एवं अणुव्रत रूप श्रावक धर्म।
प्रश्न 32 - मुनिव्रत रूप धर्म किस प्रकार का है?
उत्तर - मुनिव्रत रूप धर्म अरिहंतादि पंच परमेष्ठियों के 143
मूलगुणों के रूप में मिलता है।
प्रश्न 33 - श्रावक किसे कहते हैं?
उत्तर - जिसमें श्रद्धा, विवेक एवं िक्रया ये तीन गुण पाये
जायें वे श्रावक कहलाते हैं।
प्रश्न 34 - श्रावकों के उपरोक्त गुणों को क्या कहते हैं?
उत्तर - श्रावकों के उपरोक्त गुणों को सम्यग्दर्शन,
सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान तथा सम्यग्चारित्र भी कहते हैं।
प्रश्न 35 - श्रावकों की क्या पहिचान है?
उत्तर - जिस प्रकार मुनि की पहिचान पीछी और कंमडलु से
होती है उसी प्रकार श्रावकों की पहिचान रत्नत्रय स्वरूप
यज्ञोपवीत (जनेऊ) धारण करने से होती है।
प्रश्न 36 - यज्ञोपवीत धारण करने के लिए कौन-कौन से
नियमों का पालन करना होता है?
उत्तर - यज्ञोपवीत धारण करने के लिए तीन नियमों का
पालन करना होता है।
1 - छना हुआ पानी पीना।2 - रात्रि में अन्न (भोजन) का
त्याग करना।3 - देव दर्शन करना।
प्रश्न 37 - श्रावकों के कितने भेद होते हैं?
उत्तर - श्रावकों के तीन भेद होते हैं।
1. पाक्षिक 2. नैष्ठिक एव 3. साधक।
प्रश्न 38 - पाक्षिक श्रावक किसे कहते हैं?
उत्तर - जिसे हिंसादिक पांचों पापों का त्याग रूप व्रत है
जो अभ्यास रूप से श्रावक धर्म का पालन करता है, धर्म का
पक्ष रखने से उसे पाक्षिक, प्रारब्ध या देश संयमी कहते हैं।
प्रश्न 39 - नैष्ठिक श्रावक किसे कहते हैं?
उत्तर - जो निरतिचार रूप प्रतिमारूप से श्रावक धर्म का
पालन करता है वह घटमान, देशसंयमी या नैष्ठिक श्रावक है।
प्रश्न 40 - साधक कौन है?
उत्तर - जिसका देशसंयम पूर्ण हो चुका है, जो आत्मध्यान में
लीन होकर समाधिमरण करता है उसको साधक या निष्पन्न
देशसंयमी कहते हैं।
प्रश्न 41 - श्रावक के कितने और कौन-कौन से मूल गुण होते
हैं?
उत्तर - श्रावक के आठ मूल गुण होते हैं। पांच उदम्बर फलों का
त्याग करना तथा 3 मकारों का त्याग करना।
प्रश्न 42 - पांच उदम्बर फल कौन-2 से हैं?
उत्तर - 1. बड़फल 2. पीपल फल 3. पाकर फल 4. उमर फल एवं
5. कठूमर फल।
प्रश्न 43 - उदम्बर फल किसे कहते हैं तथा इनके खाने में क्य
हानि है?
उत्तर - जिन फलों के अन्दर पेट में असंख्यात त्रस जीव होते हैं
उन्हें उदम्बर फल कहते हैं। इन फलों के खाने से इनके अंदर रहने
वाले असंख्यात त्रस जीवों का घात होता है।
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